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नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले की जांच में तेजी लाने के लिए दिल्ली से नये सीबीआई अधिकारी को कोर्ट ने बुलाया

जांच के लिए बनी सीबीआई की एसआइटी में संशोधन किया गया .सीबीआई अधिकारी स्नेहांशु विश्वास को एसआइटी में शामिल किया गया. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक जांच जारी रहेगी, उन्हें कोलकाता से नहीं हटाया जा सकता.

कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने राज्य के स्कूलों में नियुक्ति में भ्रष्टाचार मामले की जांच में तेजी लाने के लिए दिल्ली से नये सीबीआई अधिकारी को तलब किया है. न्यायाधीश ने आदेश दिया कि नये अधिकारी को मामले की जांच कर रही सीबीआई की विशेष जांच टीम (एसआइटी) में जोड़ा जाये. वह अन्य अधिकारियों के साथ नियुक्ति भ्रष्टाचार के विभिन्न पहलुओं पर भी गौर करेंगे. सीबीआई अधिकारी का नाम स्नेहांशु विश्वास है. वह लंबे समय से केंद्रीय एजेंसी से जुड़े रहे हैं. फिलहाल दिल्ली में कार्यरत हैं. न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने कहा कि वह अनुभवी अधिकारी हैं. उनका अनुभव रोजगार मामलों की जांच में काम आ सकता है. अगर वह सीबीआई की विशेष जांच टीम में शामिल होते हैं तो शुरुआती भर्तियों की जांच में तेजी आयेगी.

न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने नये सीबीआइ अधिकारी को एसआइटी में शामिल करने का दिया निर्देश

न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने सीबीआई को स्नेहांशु विश्वास को 20 अक्तूबर तक कोलकाता लाने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक जांच जारी रहेगी, उन्हें कोलकाता से नहीं हटाया जा सकता. राज्य में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. कलकत्ता हाइकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआइ को करने का आदेश दिया. उस निर्देश के अनुपालन में, सीबीआई ने एक विशेष जांच दल का गठन किया और जांच शुरू की. इस मामले की जांच सीबीआई की एसआइटी डीआइजी अश्विन सेंघवी कर रहे हैं.

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‘कालीघाटेर काकू’ के स्वास्थ्य की जानकारी लेने अस्पताल पहुंचे ईडी के अधिकारी

राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में हुई नियुक्तियों के घोटाले में सुजय कृष्ण भद्र उर्फ ””कालीघाटेर काकू”” (कालीघाट के काकू) को केंद्रीय जांच एजेंसी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. हालांकि, बाइपास सर्जरी के बाद भी यानी करीब दो महीनों से सुजय एसएसकेएम अस्पताल में चिकित्साधीन हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी अचानक भद्र के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए एसएसकेएम अस्पताल पहुंचे. बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने अस्पताल के चिकित्सकों से भद्र के मौजूदा स्वास्थ्य की जानकारी ली. सूत्रों के अनुसार, ईडी के अधिकारी यह जानना चाहते हैं कि भद्र दो महीनों से क्यों चिकित्साधीन हैं. मामले की जांच के तहत केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी सुजय से आगे भी पूछताछ करना चाहते हैं, ताकि और तथ्य मिल सकें.

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भद्र की बाइपास सर्जरी कोलकाता के निजी अस्पताल में की गयी थी

संभवत: यही वजह है कइ ईडी के अधिकारियों ने सीधे अस्पताल जाकर भद्र के स्वास्थ्य की मौजूदा जानकारी लेने का फैसला किया. गौरतलब है कि भद्र की बाइपास सर्जरी कोलकाता के एक निजी अस्पताल में की गयी थी, लेकिन वहां से डिस्चार्ज होने के बाद उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था. तब से केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों को उनसे पूछताछ करने का मौका नहीं मिला. गौरतलब है कि स्कूलों में नियुक्ति के मामले में मुख्य आरोपी और पश्चिम बंगाल में कुछ राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्तियों के करीबी विश्वासपात्र भद्र को इडी के अधिकारियों ने इस वर्ष 30 मई को जांच एजेंसी के सॉल्टलेक कार्यालय में 12 घंटे की मैराथन पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था.

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