कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से अत्यधिक प्रभावित ‘रेड जोन’ में सशस्त्र पुलिस बल तैनात किये जाने पर जोर दिया है, ताकि लोग उन क्षेत्रों में लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं कर सकें.
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राज्य में शुक्रवार (17 अप्रैल, 2020) को कोरोना वायरस से संक्रमण के 22 नये मामले आये. इसके साथ ही संक्रमित लोगों की संख्या 210 हो गयी. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, राज्य में कुल 255 लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है.
लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की जरूरत पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ‘रेड जोन’ में सशस्त्र पुलिस बल तैनात किया जाना चाहिए, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि लोग नियमों का उल्लंघन न करें और घरों के भीतर ही रहें. सुश्री बनर्जी ने चेताया कि अगर इस संक्रमण को फैलने से नहीं रोका गया, तो ‘रेड जोन’ में यह समुदाय के स्तर पर फैल जायेगा.
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जिला और पुलिस प्रशासन के आधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ममता बनर्जी ने राजधानी कोलकाता के पड़ोसी हावड़ा जिला को ‘बेहद संवेदनशील रेड जोन’ करार देते हुए लोगों से अनुरोध किया कि वे घरों में ही रहें और बाजार आदि ना जायें.
सुश्री बनर्जी ने बैठक में अधिकारियों से कहा, ‘मैं हावड़ा के लोगों से अनुरोध करती हूं कि वे घरों में ही रहें. वरना, हम इसे (कोरोना वायरस संक्रमण) रोक नहीं सकेंगे. स्थिति चिंताजनक है (हावड़ा की). फिलहाल संक्रमण का प्रसार परिवार तक ही सीमित है, लेकिन समुदाय के स्तर पर प्रसार होने पर यह बहुत बड़ी समस्या बन जायेगा.’
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उन्होंने कहा, ‘मैं यह स्पष्ट रूप से कह रही हूं…. जरूरत पड़ने पर उन क्षेत्रों में सशस्त्र पुलिस बल तैनात किया जाये, कम से कम सात से 10 दिन के लिए. हावड़ा में बाजार दोपहर तक बंद करने होंगे.’ उन्होंने कहा कि कोलकाता ‘रेड जोन’ है और इसे पहले ‘ऑरेंज जोन’ और फिर ‘ग्रीन जोन’ में लाना होगा.
पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर इसकी रोकथाम तुरंत नहीं की गयी, तो इसके भयावह परिणाम होंगे.
कलकत्ता हाइकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से कोविड-19 के रोगियों का पता लगाने और उनका उपचार करने के लिए युद्धस्तर पर और अधिक नमूनों की जांच की जरूरत पर गंभीरता से विचार करने को कहा. राज्य सरकार ने बताया था कि इस समय रोजाना 300 से अधिक नमूनों की जांच हो रही है.
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पश्चिम बंगाल में कोविड-19 महामारी को लेकर बने हालात के सिलसिले में दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने राज्य सरकार को आईसीएमआर के जांच प्रोटोकॉल और डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए नमूने लेने और जांच करने की दर तेज करने पर उसे रिपोर्ट देने को कहा.