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झारखंड के धनबाद में हर तीसरे दिन दुष्कर्म की वारदात, कैसे लगेगा ब्रेक, ये है रिनपास के मनोचिकित्सक की राय

Jharkhand Crime News : धनबाद जिला में हर तीसरे दिन दुष्कर्म की एक घटना सामने आती है. धनबाद पुलिस के आंकड़े के अनुसार प्रतिमाह दुष्कर्म के 10 मामले जिला के विभिन्न थानों में दर्ज किये जाते हैं. वर्ष 2022 के मई माह तक दुष्कर्म के कुल 50 मामले दर्ज किये जा चुके हैं.

Jharkhand Crime News : धनबाद जिला में हर तीसरे दिन दुष्कर्म की एक घटना सामने आती है. धनबाद पुलिस के आंकड़े के अनुसार प्रतिमाह दुष्कर्म के 10 मामले जिला के विभिन्न थानों में दर्ज किये जाते हैं. वर्ष 2022 के मई माह तक दुष्कर्म के कुल 50 मामले दर्ज किये जा चुके हैं. वहीं वर्ष 2021 में पूरे साल भर में दुष्कर्म के 75 मामले दर्ज किये गये थे, जो औसतन प्रतिमाह लगभग छह मामले हैं. वहीं वर्ष 2020 में पूरे वर्ष में कुल 82 व वर्ष 2019 में 104 मामले दर्ज किये गये थे. ऐसी घटनाओं ने लोगों को सोचने पर विवश कर दिया है. इसमें दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट के मामले ज्यादा हैं. ऐसे मामलों की केस हिस्ट्री देखें तो अधिकतर केस में आरोपी जान-पहचान, रिश्तेदार, मित्र और पड़ोसी ही निकलते हैं. इसे लेकर कानून सख्त होने के बाद भी ऐसे जघन्य अपराध हो रहे हैं.

कई मामलों में नहीं होती प्राथमिकी : सरकारी आंकड़ों से इतर कई घटनाएं ऐसी भी होती हैं, जिसमें दुष्कर्म हो जाने के बाद मामला थाना तक नहीं पहुंचता. परिवार के लोग लोकलाज के भय से मामले को दबा देते हैं. जबकि कुछ मामले में पुलिस की कार्रवाई नहीं होती. ऐसा ही मामला 13 अगस्त को बरवाअड्डा थाना में देखने को मिला. इसमें जोड़ापोखर थाना क्षेत्र निवासी युवती के साथ भेलाटांड़ में सामूहिक दुष्कर्म हुआ. मीडिया के सामने पीड़िता ने खुल कर अपनी बात कही, लेकिन पुलिस ने उसके पिता से लिखवा लिया कि युवती के साथ कोई घटना नहीं घटी है और मामला रफा दफा हो गया.

हाल के दिनों की घटनाएं

26 फरवरी को राजगंज थाना क्षेत्र में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म

28 मार्च को टुंडी में आदिवासी युवती के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गयी

30 मार्च को महुदा थाना क्षेत्र की छात्रा के साथ बोकारो से घर आने के क्रम में सामूहिक दुष्कर्म

04 अगस्त को शक्ति मंदिर के निकट छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म

13 अगस्त को भेलाटांड़ में युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म

मनोचिकित्सक रिनपास के प्रो डॉ अमोल रंजन सिंह कहते हैं कि दुष्कर्म की घटनाएं शुरू से हो रही हैं, लेकिन हाल के कुछ सालों में बदलते सामाजिक परिवेश का भी असर दिखता है. खास कर नशा करना, मोबाइल की गंदी आदतें, लेट नाइट पार्टी का भी असर है. लोगों को मानसिकता बदलनी चाहिए, तभी ऐसे अपराध पर अंकुश लगाया जा सकता है.

रिपोर्ट : नीरज अंबष्ट, धनबाद

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