कानपुर. प्रदेश में थीसिस अपलोड करने के मामले में सीएसजेएमयू (CSJMU) सबसे आगे निकल गया है. विवि ने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि को पीछे कर न सिर्फ प्रदेश में पहला स्थान पाया, बल्कि देश में भी पांचवें स्थान पर है. विवि ने अब तक 10153 थीसिस अपलोड की हैं. केंद्र सरकार और यूजीसी (विवि अनुदान आयोग) ने देश के सभी विवि को शोध गंगा पोर्टल पर थीसिस अपलोड करने का निर्देश दिया है. पोर्टल के टॉप-10 सूची में प्रदेश के तीन विवि शामिल हैं. देश में 14647 थीसिस अपलोड कर अन्ना यूनिवर्सिटी (चेन्नई) सबसे आगे है.
पोर्टल पर 732 विवि थीसिस अपलोड कर रहे हैं.अभी तक 4,85,530 थीसिस अपलोड हो चुकी हैं. सूची में दूसरे स्थान पर 14517 थीसिस अपलोड कर यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास, तीसरे पर 13953 थीसिस अपलोड कर यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता व चौथे पर 12354 थीसिस अपलोड कर सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी रही. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी 9792 थीसिस अपलोड कर 6वें और 8777 थीसिस अपलोड कर पूर्वांचल विवि 10वें स्थान पर है. वहीं 2021 में पूर्वांचल विवि देश में चौथे व प्रदेश में टॉप पर था. विवि के मीडिया प्रभारी डॉ. विशाल शर्मा ने बताया थीसिस अपलोड की जा रही हैं. वर्तमान में विवि प्रदेश में टॉप पर है.
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इंजीनियरिंग व मेडिकल के अलावा स्नातक, परास्नातक और विभिन्न प्रोफेशनल कोर्स के छात्र-छात्राओं को ग्लोबल स्कोप देने के लिए छत्रपति शाहूजी महाराज विवि ने तैयारी शुरू कर दी है. विवि ने सिर्फ एक माह में चार देशों के आठ विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय एमओयू (समझौता) किया है. इससे छात्रों को विदेशी विवि संग रिसर्च का मौका मिलेगा. शिक्षा के बदलते स्वरूप की जानकारी मिलेगी.सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की पहल के बाद विभिन्न विभागों ने अंतरराष्ट्रीय एमओयू शुरू किया है. एक माह में ही रूस के दो, प्यूरेटो रिको के दो, नेपाल के तीन और मलेशिया के एक विश्वविद्यालय से समझौता हुआ है.
विवि के मीडिया प्रभारी डॉ. विशाल शर्मा ने बताया कि अमेरिका, सिंगापुर समेत कई देशों के विवि संग समझौते का प्रस्ताव प्रक्रिया में है. दोनों विश्वविद्यालय की फैकल्टी अपने अनुभवों को साझा करेंगे.इसके अलावा छात्रों को प्लेसमेंट में लाभ मिलेगा.
सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि राज्यपाल के निर्देश पर विदेशी विवि संग अंतरराष्ट्रीय समझौते किए जा रहे हैं.इससे छात्र-छात्राओं को ग्लोबल स्कोप मिलेगा. फैकल्टी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रिसर्च करने और अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा. जल्द कई अन्य विवि संग समझौता किया जाएगा.