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धनबाद : रात दो बजे कब्र से निकाला शव, पोस्टमार्टम के बाद चुपचाप दफनाया, जानें पूरा मामला

बाल संरक्षण आयोग की आपत्ति के बाद पुलिस हुई रेस और भौंरा दक्षिण कोलियरी की फोर ए पैच आउटसोर्सिंग परियोजना में अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से मरे 10 वर्षीय जितेंद्र यादव का शव शनिवार को आधी रात के बाद मोहलबनी श्मशान घाट स्थित कब्र से निकाला गया.

धनबाद/झरिया. बाल संरक्षण आयोग की आपत्ति के बाद पुलिस हुई रेस और भौंरा दक्षिण कोलियरी की फोर ए पैच आउटसोर्सिंग परियोजना में अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से मरे 10 वर्षीय जितेंद्र यादव का शव शनिवार को आधी रात के बाद मोहलबनी श्मशान घाट स्थित कब्र से निकाला गया. रात में ही पुलिस ने शव को एसएनएमएमसीएच की मोर्चरी में रखवा दिया. रविवार को उसका पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम के बाद शव को बिना डेड बॉडी चालान व पंचनामा से संबंधित कागजात के धनबाद के तेलीपाड़ा स्थित श्मशान घाट में दफना दिया गया. इस पूरे मामले में पुलिस ने मीडिया से दूरी बना कर रखी और कुछ भी बताने से इनकार किया. दूसरी ओर जितेंद्र के वृद्ध दादा ने कहा कि वह काफी गरीब आदमी है, उससे कुछ ना पूछा जाये. जानकारी के अनुसार इस मामले में भौंरा थाना में परियोजना पदाधिकारी के शनिवार के आवेदन के आधार पर अज्ञात पर मामला दर्ज कराया है. वहीं, दूसरी ओर झरिया के सीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी है.

बाल संरक्षण आयोग ने जतायी थी आपत्ति

नौ जून को हुई घटना को लेकर 10 जून को राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया था. इस दौरान टीम ने घटना में मारे गये बच्चे के शव को बिना पोस्टमार्टम दफनाने पर आपत्ति जतायी थी. इसके बाद प्रशासन रेस हुआ. शनिवार को सिंदरी डीएसपी अभिषेक कुमार, झरिया सीओ प्रमेश कुशवाहा व जोड़ापोखर सर्किल इंस्पेक्टर सुभाष सिंह ने भौंरा ओपी में घंटों मंत्रणा की थी.

इस दौरान पुलिस ने जितेंद्र के दादा अर्जुन यादव को भौंरा ओपी बुलाकर काफी देर तक पूछताछ भी की. जानकारी के अनुसार देर रात लगभग दो बजे पुलिस मृतक के दादा को साथ लेकर भौंरा जहाजटांड़ जोड़िया के समीप पहुंची और वहां दफनाये गये जितेंद्र के शव को बाहर निकाला गया. बताया जाता है कि यह प्रक्रिया लगभग आधे घंटे तक चली. उसके बाद पुलिस एंबुलेंस से शव को लेकर एसएनएमएमसीएच चली गयी.

जितेंद्र के सिर की हड्डी टूट गयी थी

जितेंद्र के शव के पोस्टमार्टम के बाद चिकित्सकों ने उसका विसरा प्रिजर्व कर लिया है. चिकित्सकों के अनुसार जितेंद्र के सिर में गहरी चोट लगी थी. सिर के पिछले हिस्से व शरीर के अन्य हिस्सों की भी हड्डी टूटी हुई थी.

कागजात इंस्पेक्टर साहब के मोबाइल में

पोस्टमार्टम के बाद किसी भी शव को मुक्तिधाम में दफनाने या जलाने से पूर्व पुलिस को उस जगह के कर्ता-धर्ता को डेड बॉडी चालान व पंचनामा से संबंधित कागजात देने पड़ते हैं. इस मामले में पुलिस ने मुक्तिधाम के कर्मी को किसी तरह का कागज नहीं दिया. मुक्तिधाम के कर्मी मोहन ने भौंरा पुलिस से जब कागजात की मांग की तो पुलिस ने यह कहकर जितेंद्र के शव को दफनाने को कहा कि कागजात इंस्पेक्टर साहब के माेबाइल पर है, बाद में दे देंगे. इसके बाद जितेंद्र के चाचा सुजीत यादव ने मुक्तिधाम के रजिस्टर पर साइन किया.

बिना डेड बॉडी चालान व पंचनामा से संबंधित कागजात के शव को दफनाया

प्रबंधन ने घटनास्थल को डेंजर जोन घोषित कर रिबन से घेरा : अवैध खनन में चाल धंसने से दो लोगों की मौत के बाद रविवार को प्रबंधन ने अवैध खनन स्थल को डेंजर जोन घोषित कर रिबन से घेर दिया. शाम में सीआइएसएफ के अधिकारियों ने ड्रोन से घटनास्थल की फोटोग्राफी भी करायी. इस क्रम में सुरक्षा के लिए किये गये फेंसिंग कार्य को देखा.

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