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झारखंड : कोडरमा में एक बंदी की सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत, सवालों के घेरे में जेल प्रशासन

कोडरमा के मंडल कारा में बंद एक विचाराधीन बंदी की सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी. देहज प्रताड़ना के आरोप में जेल में बंद विवेक यादव के सीने और रीढ़ की हड्डी में काफी दर्द था. इसके इलाज के सदर अस्पताल लाया गया. इधर, चिकित्सकों ने हार्ट अटैक से मौत की बात कही है.

Jharkhand News: कोडरमा मंडल कारा के एक बंदी की मंगलवार को सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. मृतक की पहचान 28 वर्षीय विवेक यादव पिता तालेश्वर यादव निवासी ग्राम मसानी थाना चलकुशा जिला हजारीबाग के रूप में हुई है. डॉक्टर के अनुसार, हार्ट अटैक से बंदी की मौत हुई है. इधर, बरकट्ठा के विधायक अमित यादव ने बंदी की मौत पर गंभीर सवाल उठाये हैं. उन्होंने पूरे मामले में जेल प्रशासन पर सवालिया निशान लगाते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

दहेज प्रताड़ना के आरोप में जेल में बंद था आरोपी

जानकारी के अनुसार, बंदी विवेक यादव दहेज प्रताड़ना के आरोप में पिछले तीन मार्च से मंडल कारा में बंद है. मंगलवार को सदर अस्पताल में उसे इलाज के लिए लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. प्रभारी जेलर अभिषेक कुमार ने बताया कि मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे बंदी को सीने और रीढ़ में दर्द शुरू हुई. इसके बाद डॉक्टर को बुला कर उसका इलाज करवाया गया. स्थिति गंभीर होने पर चिकित्सक की सलाह पर उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गई.

सीने और रीढ़ के हिस्से में था काफी दर्द

इधर, बंदी का इलाज कर रहे डॉ परिमल तारा ने बताया कि सबसे पहले इस बंदी का जेल में ही इलाज किया गया, मगर मरीज की स्थिति में सुधार नहीं होने पर उसे सदर अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. डॉ परिमल ने बताया कि बंदी मरीज को सीने और रीढ़ के हिस्से में काफी दर्द था. पसीना भी आ रहा था. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि मरीज की मौत हार्ट अटैक से हुई है.

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बरकट्ठा विधायक पहुंचे सदर अस्पताल, मौत पर उठाया सवाल

इधर, घटना की जानकारी मिलते ही मृतक बंदी के परिजन और बरकट्ठा विधायक अमित कुमार यादव सदर अस्पताल पहुंचे. बंदी की मौत पर सवाल उठाते हुए विधायक ने कहा कि बंदी की मौत जेल प्रशासन की लापरवाही से हुई है. बंदी 28 वर्ष का स्वस्थ युवक था. परिजनों का कहना है कि उसको कोई बीमारी नहीं थी. फिर अचानक कैसे वह बीमार हो गया. अगर उसको सीने में दर्द था, तो अविलंब उसका इलाज क्यों नहीं कराया गया. कहा कि अगर जेल में डॉक्टर हमेशा रहते, तो ऐसी घटना नहीं होती. इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की. वहीं, विधायक ने कहा कि पूरा मामला संवेदनशील है. अभी कमेटी बनाकर मृतक के शव का पोस्टमार्टम किया गया है. विधायके ने इसे हत्या करार दिया. कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच करने से ही खुलासा हाेगा. साथ ही परिवार वालों को मुआवजा मिले.

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