दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. अब जब तक प्रैक्टिकल और मौखिक परीक्षा का वीडियो विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड नहीं कराया जाएगा. तब तक उसका नंबर अपलोड नहीं हो सकेगा. वीडियो अपलोड होने के बाद ही नंबर अपलोड होने का पोर्टल खुलेगा. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक मानक तैयार किया है. इस मानक का परीक्षक को प्रैक्टिकल और मौखिक परीक्षा में फॉलो करना है. विश्वविद्यालय की ओर से जारी किए गए मानक के अनुसार परीक्षक को प्रैक्टिकल और मौखिक परीक्षा का 30 से 40 सेकंड का मौके पर वीडियो बनाना है. इस वीडियो में परीक्षक,लैब और एक्यूपमेंट सभी का दिखना जरूरी होगा. अगर वीडियो मानक पर नहीं होगा तो नंबर अपलोड करने वाला पोर्टल नहीं खुलेगा. विश्वविद्यालय प्रशासन की मंशा परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाने की है. विश्वविद्यालय प्रशासन को लगातार शिकायत मिल रही थी की बहुत से शिक्षक प्रायोगिक परीक्षा या मौखिक परीक्षा लेने के लिए कॉलेज में जाते ही नहीं है घर बैठे ही कॉलेज की फीडबैक कर विद्यार्थियों का नंबर जारी कर देते हैं.
विश्वविद्यालय के इस निर्णय से शिक्षक अब ऐसा नहीं कर सकेंगे. वीडियो अपलोड करने के बाद ही विश्वविद्यालय का पोर्टल खुलेगा. अब विद्यार्थियों को भी उनकी क्षमता के मुताबिक नंबर मिल सकेगा. आगामी सेमेस्टर से विश्वविद्यालय की इस योजना के मुताबिक परीक्षा व्यवस्था में हुए बदलाव को लागू किया जाएगा. इसके लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट अपलोड की जा रही है. विश्वविद्यालय की वेबसाइट जैसे ही अपलोड हो जाएगी बदलाव लागू कर दिया जाएगा. गोरखपुर विश्वविद्यालय से पहले भी कई विश्वविद्यालय में यह परीक्षा प्रणाली को लागू किया गया है.
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रैक्टिकल व मौखिक परीक्षा को लेकर शिक्षकों की मौकीन पर न पहुंचने की कई शिकायतें मिल रही थी. इससे व्यवस्था पर तो सवाल उठी रहा था विश्वविद्यालय के साथ न्याय भी नहीं हो पा रहा था ऐसे में व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह फैसला लिया है. अब विश्वविद्यालय के पोर्टल पर जब प्रैक्टिकल व मौखिक परीक्षा का वीडियो अपलोड होगा. उसके बाद ही नंबर अपलोड होने की व्यवस्था बनाई जा रही है.
रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर