20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रासायनिक खाद से अलीगढ़ की मिट्टी में पोषक तत्वों की हुई कमी, जीवाश्म कार्बन 0.50 से भी कम पहुंचा

अंधाधुंध रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी का स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है. स्वस्थ मिट्टी में जीवाश्म कार्बन 0.75 होना चाहिए लेकिन केमिकल के अत्यधिक उपयोग से अलीगढ़ के खेतों में इसकी मात्रा 0.50 से भी कम है.

अलीगढ़ : अंधाधुंध रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी का स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है. स्वस्थ मिट्टी में जीवाश्म कार्बन 0.75 होना चाहिए लेकिन केमिकल के अत्यधिक उपयोग से अलीगढ़ के खेतों में इसकी मात्रा 0.50 से भी कम है. कृषि में मृदा परीक्षण या भूमि की जाँच मृदा के नमूने की रासायनिक जांच है. जिससे भूमि में उपलब्ध पोषक तत्वों की मात्रा के बारे में जानकारी मिलती है. इस परीक्षण का उद्देश्य भूमि की उर्वरकता मापना और यह पता करना है कि उस भूमि में कौन से तत्वों की कमी है. पौधों को अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए 16 पोषक तत्वों जिसमें मुख्य पोषक तत्व – कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सूक्ष्म पोषक तत्व -कैल्सियम, मैग्नीशियम, सल्फर, जिंक, आयरन, कॉपर, बोरान, मैगनीज, मोलिबडनम, क्लोरीन की आवश्यकता होती है.

मिट्टी के छह हजार नमूने किये गये चेक

जिला कृषि अधिकारी अमित जायसवाल ने बताया कि मृदा परिक्षण से मृदा में किस तत्व की कमी है. इसका पता लगा कर किसान भाई को संतुलित उर्वरक प्रयोग करने की सलाह दी जाती है. उन्होंने बताया कि जिले में तीन क्षेत्रीय प्रयोगशाला इगलास, सोमना एवं अतरौली के माध्यम से नमूने संगृहीत किये जाते हैं. इस साल जनपद में 6000 नमूने लेने एवं उन्हें विश्लेषित करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. उन्होंने नमूना लेने की विधि बताते कहा कि जिस जमीन का नमूना लेना हो. उस क्षेत्र पर 10-15 जगहों पर निशान लगा लें. चुनी गई जगह की ऊपरी सतह पर यदि कूडा करकट या घास इत्यादी हो, तो उसे हटा दें. खुरपी या फावड़े से 15 सेमी गहरा गड्ढ़ा बनाएं. इसके एक तरफ से 2-3 सेमी मोटी परत ऊपर से नीचे तक ऊतार कर साफ बाल्टी या ट्रे में डाल दें.

Also Read: Up Weather : बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल को फायदा, सरसों, आलू , चना, मटर को हुआ नुकसान, किसान करें ये उपाय…
इस तरह करें मिट्टी का चयन

चुनी गई 10-15 जगहों से भी नमूने इकट्ठा कर लें. अब पूरी मृदा को अच्छी तरह हाथ से मिला लें और साफ कपड़े या टब में डालकर ढेर बना लें. अंगुली से इस ढेर को चार बराबर भागों में बांट दें. आमने सामने के दो बराबर भागों को वापस अच्छी तरह से मिला लें. यह प्रक्रिया तब तक दोहराएं जब तक लगभग आधा किलो मृदा न रह जाए. इस प्रकार से एकत्र किया गया नमूना पूरे क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेगा. नमूने को साफ प्लास्टिक की थैली में डाल दें. अगर मृदा गीली हो तो इसे छाया में सूखा लें. इस नमूने के साथ नमूना सूचना पत्रक जिसमें किसान का नाम व पूरा पता, खेत की पहचान, नमूना लेने कि तिथि अंकित कर इसे क्वार्सी फार्म स्थित जनपदीय प्रयोगशाला में भेज दें.

Also Read: UP News: अलीगढ़ में रिटायर्ड फौजी को बंधक बनाकर 15 लाख की ज्वैलरी-नकदी लूटी, घर में घुसकर वारदात को दिया अंजाम
मृदा परीक्षण के बाद उर्वरक व खाद का प्रयोग करें

उन्होंने मृदा परिक्षण के उद्देश्य की जानकारी देते हुए बताया कि मृदा की उर्वरा शक्ति की जांच करके फसल व किस्म विशेष के लिए पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा की सिफारिश करना और यह मार्गदर्शन करना कि उर्वरक व खाद का प्रयोग कब और कैसे करें. मृदा में लवणता, क्षारीयता व अम्लीयता की समस्या की पहचान व जांच के आधार पर भूमि सुधारकों की मात्रा व प्रकार की सिफारिश कर भूमि को फिर से कृषि योग्य बनाने में योगदान करना. इसके साथ ही फलों के बाग लगाने के लिए भूमि की उपयुक्तता का पता लगाना है. किसी गांव, विकास खंड, तहसील, जिला, राज्य की मृदाओं की उर्वरा शक्ति को मानचित्र पर प्रदर्शित करा उर्वरकों की आवश्यकता का पता लगाते हुए उर्वरक निर्माण, वितरण एवं उपयोग में सहायता करना है.

रासायनिक खाद के प्रयोग से मिट्टी के पोषक तत्वों में कमी

उन्होंने बताया कि स्वस्थ मिट्टी में जीवाश्म कार्बन 0.75 होना चाहिए. वही इस समय जिले में इसकी मात्रा 0.50 से भी कम है. उन्होंने कहा कि अंधाधुंध रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी का स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है. किसान भाइयों से अपील है की जीवाश्म कार्बन बढ़ाने के लिए हरी खाद का प्रयोग संतुलित मात्रा में, उर्वरक का प्रयोग, देशी गाय का गोबर का प्रयोग एवं फसल चक्र को अपनाना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें