बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली के बेशकीमती डेलापीर तालाब की भूमि को नगर निगम की टीम ने शनिवार को कब्जा मुक्त कर दिया.निगम के बुलडोजर ने निर्माणधीन भवन को ध्वस्त किया गया.कब्जेदारों ने विरोध किया मगर, नगर निगम की टीम ने किसी की नहीं सुनी.टीम ने भवन को ध्वस्त कर बेशकीमती भूमि कब्जे में ले ली. इस जमीन की कीमत करीब 5 करोड़ बताई जा रही है. नगर निगम डेलापीर तालाब को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रहा है.इसके लिए प्रोजेक्ट तैयार हो चुका है. तीन दिन से इस बेशकीमती भूमि को कब्जा मुक्त करने की कोशिश चल रही थी. इस दौरान गुरुवार को दुकानदारों ने नगर निगम की टीम का विरोध कर हंगामा भी किया. शनिवार को अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह के साथ निगम की टीम तालाब पर पहुंची.टीम ने तालाब पर बने भवन को ध्वस्त किया.
नगर निगम डेलापीर तालाब को पयर्टन स्थल के रुप में विकसित करने की कोशिश में जुटा है.इसके लिए 3 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया जा चुका है. अब कब्जा मुक्त होने के बाद काम शुरू किया जाएगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 19 जुलाई को 22 वर्ष से अधिक समय से तालाब पर हुए कब्जों को हटाने का आदेश दिया था.इसके बाद नगर निगम की टीम ने डेलापीर तालाब को कब्जा मुक्त करने की कवायद शुरू की, लेकिन नगर निगम को यह सफलता एक महीने बाद मिली है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ने कब्जेदारों को नोटिस दिया था.इसके बाद टीम गुरुवार को पहुंची.मगर, शराब की दुकान, होटल और अन्य व्यावसायिक संपत्तियों को ध्वस्त करने के दौरान लोगों ने विरोध किया,लेकिन टीम ने नहीं सुनी.नगर निगम की टीम ने शराब की दुकान, होटल, और अन्य व्यवसायिक संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया.इसमें शुक्रवार को भवन ध्वस्त करने के दौरान कब्जेदारों के सामान नहीं हटाने पर भी हंगामा हुआ था, लेकिन शनिवार को फिर से अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह की अगुवाई में टीम पहुंची.टीम ने भवन को ध्वस्त कर दिया.
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शहर के डेलापीर तिराहे का नाथनगरी परियोजना के तहत सौंदर्यीकरण किया जा रहा है.नगर निगम बोर्ड डेलापीर तिराहे का नाम परिवर्तित कर आदिनाथ नाम की स्वीकृति दे चुका है.तिराहे को नगर निगम की ओर से चौड़ीकरण कर रोटरी निर्माण किया जाएगा.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद