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धनबाद : बैंकों से 467 छात्रों ने एजुकेशन लोन लेकर 13 करोड़ रुपये बैंक को नहीं लौटाया

धनबाद के सरकारी व प्राइवेट बैंकों के 39,101 खाता एनपीए हो गया है. 379 करोड़ 36 लाख रुपये बैंकों का फंस गया है. बैंक की ओर से सभी पर सर्टिफिकेट की कार्रवाई के साथ कुर्की जब्ती की प्रक्रिया भी शुरू की गयी है.

  • बैंकों से 379 करोड़ रुपये कर्ज लेकर नहीं चुका रहे 39101 लोग

  • उद्योग जगत का 483 खाता व हाउसिंग का 198 खाता एनपीए

  • सभी एनपीए खाताधारियों पर सर्टिफिकेट की कार्रवाई के साथ कुर्की जब्ती की प्रक्रिया की गयी शुरू

मुख्य संवाददाता, धनबाद : धनबाद के सरकारी व प्राइवेट बैंकों के 39,101 खाता एनपीए हो गया है. 379 करोड़ 36 लाख रुपये बैंकों का फंस गया है. बैंक की ओर से सभी पर सर्टिफिकेट की कार्रवाई के साथ कुर्की जब्ती की प्रक्रिया भी शुरू की गयी है. कुछ बड़े घराने भी हैं जिनका खाता एनपीए हुआ है. बैंक से मिली जानकारी के मुताबिक एमएसएमइ (लघु व कुटीर उद्योग) से जुड़े 483 उद्यमियों का खाता एनपीए हो गया है. इनपर बैंक का 42 करोड़ 95 लाख रुपया बकाया है. इसी तरह हाउसिंग लोन में 198 खाता एनपीए हो गया है. बैंक का लगभग 11 करोड़ 98 लाख फंस गया है. एजुकेशन लोन की स्थिति भी खराब है. 467 छात्रों का खाता एनपीए हो चुका है. इन छात्रों पर 13 करोड़ 09 लाख रुपया बैंक का बकाया है. सबसे खराब स्थिति किसानों की है. 30369 किसानों का खाता एनपीए चल रहा है. बैंक की ओर से सभी पर सर्टिफिकेट की कार्रवाई करते हुए कुर्की जब्ती की कार्रवाई चल रही है.

क्या होता है एनपीए

बैंक सूत्रों के मुताबिक अगर किसी बैंक लोन की किस्त 90 दिनों तक यानी तीन महीने तक नहीं चुकाया जाता है, तो उसे नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स मान लिया जाता है. एनपीए किसी अग्रिम या ऋण के रूप में है जो 90 दिनों से अधिक समय से बकाया है. जब खुदरा या कॉर्पोरेट ग्राहक ब्याज का भुगतान करने में सक्षम नहीं होते हैं, तो परिसंपत्ति “बैंक के लिए गैर-निष्पादित” हो जाता है क्योंकि यह बैंक के लिए कुछ भी नहीं कमा रही है. ऐसे एनपीए खाताधारियों को लगातार तीन नोटिस के बाद सर्टिफिकेट की कार्रवाई शुरू की जाती है. सरफेसी एक्ट के तहत कुर्की जब्ती की जाती है.

किस बैंक का कितना पैसा फंसा

  • एसबीआइ :18.13 करोड़

  • बैंक ऑफ इंडिया :87.16 करोड़

  • इंडियन बैंक :49.57 करोड़

  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया :29.65 करोड़

  • पंजाब नेशनल बैंक :69.92 करोड़

  • केनरा बैंक :15.45 करोड़

  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया : 6.60 करोड़

  • यूको बैंक : 20.62 करोड़

  • बैंक ऑफ बड़ौदा :36.59 करोड़

  • इंडियन ओवरसिज बैंक :2.24 करोड़

  • पंजाब एंड सिंध बैंक :7.78 करोड़

  • बैंक ऑफ महाराष्ट्र :28 लाख

नोट : इसके अलावा प्राइवेट बैंक और कुछ फाइनांस कंपनियों का खाता भी एनपीए हुआ हैं.

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