धनबाद (संजीव झा) : धनबाद के सांसद पशुपति नाथ सिंह को जान का खतरा है. यह खतरा किससे है यह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन जिला पुलिस की तरफ से सांसद को अपने धनसार स्थित आवास पर सीसीटीवी लगाने को कहा गया है. साथ ही उनके अंगरक्षकों को सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान सांसद को सुरक्षा घेरे में रखने को कहा गया है. मिली जानकारी के अनुसार धनबाद पुलिस की तरफ से सांसद को संदेश दिया गया है कि आवास के चारों तरफ अविलंब सीसीटीवी कैमरा लगवायें.
धनसार थाना की एसआइ संगीता कुमारी साहू ने सांसद के अंगरक्षक को 20 नवंबर को फोन कर पहले इसकी सूचना दी. बाद में धनसार के इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी जयराम प्रसाद ने भी फोन कर कहा कि सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें. हालांकि, अब तक सांसद को किसी तरह की धमकी नहीं मिली है, लेकिन पुलिस की सूचना के बाद सांसद व उनके परिजन सुरक्षा को लेकर चिंतित हो गये हैं.
धनबाद के तीन बार विधायक व तीन बार से सांसद पीएन सिंह की सुरक्षा में जिला पुलिस के चार जवान हैं. पहले उन्हें तीन अंगरक्षक मिला था. हाल में एक और अंगरक्षक दिया गया है. उन्हें हाउस गार्ड नहीं मिला है. सभी अंगरक्षकों को सांसद के साथ ही रहने को कहा गया है. राज्य मुख्यालय से बाहर जाने पर एक अंगरक्षक को सांसद के साथ जाने की स्थायी अनुमति दी गयी है.
सांसद पीएन सिंह ने जिला पुलिस के सीसीटीवी लगाने व सतर्कता बरतने संबंधी निर्देश पर कहा कि यह समझ से परे है. अगर उन्हें (सांसद) को जान का खतरा है तो यह राज्य सरकार एवं जिला पुलिस की विफलता है. जो सरकार यहां के सांसद को सुरक्षा नहीं दे सकती है, वह आम जनता को क्या सुरक्षा देगी. पुलिस ने केवल सूचना दे दी. उनके ऊपर किस तरह का खतरा है. इसका खुलासा होना चाहिए. साथ ही हाउस गार्ड भी मिलना चाहिए. घर पर सीसीटीवी लगाने से क्या होगा. किसी वरीय पुलिस अधिकारी ने इस मामले में उनसे बातचीत तक नहीं की है. पुलिस यहां पेट्रोलिंग के लिए भी नहीं आती. धनबाद में अपराध बढ़ रहा है. बड़े-बड़े कांड हो रहे हैं. उन कांडों का खुलासा तक नहीं हो पाया है.
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धनबाद के सांसद हमेशा से कोयला जगत में व्याप्त रंगदारी खासकर कोयला चोरी पर मुखर हो कर बोलते रहे हैं. कहा था कि आउटर्सोसिंग कंपनियों से प्रतिदिन 10 हाइवा से अधिक कोयला चोरी हो रही है. साथ ही कोयला कंपनियों, सीआइएसएफ, जिला पुलिस पर कोयला चोरी रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया था. कहा था कि अगर कोयला मंत्रालय चोरी पर अंकुश नहीं लगा सकता तो इसके लिए खुली छूट दे देनी चाहिए. यहां के कई जनप्रतिनिधि, राजनीतिज्ञ पर कोयला क्षेत्र में कार्यरत आउटर्सोसिंग कंपनियों से रंगदारी वसूलने का आरोप लगाया था. यहां पर आउटर्सोसिंग कंपनियों में वर्चस्व को लेकर अक्सर होने वाले संघर्ष के लिए भी कंपनियों को ही जिम्मेदार ठहराया था.
एसएसपी असीम विक्रांत मिंज ने कहा कि एएसपी ने वीआइपी सिक्यूरिटी की समीक्षा के दौरान संबंधित थाना प्रभारियों से सीसीटीवी के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी. इसी क्रम में पता चला कि सांसद के यहां सीसीटीवी नहीं लगा है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से एहतियातन सीसीटीवी लगाने को कहा गया है. कोई धमकी वगैरह नहीं मिली है.
Posted By : Guru Swarup Mishra