उपमुख्य संवाददाता, धनबाद : सुख-समृद्धि और शांति के लिए घर के मुख्य द्वार पर बंदनवार लगाया जाता है और रंगोली बनायी जाती है. परंपरा के अनुसार शुभ अवसरों पर दरवाजे पर आम के पत्ताें और फूलों से बना बंदनवार सजाया जाता है. लेकिन अब रेडिमेड बंदनवार और रंगोली का प्रचलन बढ़ गया है. इस बार दीपावली को लेकर बाजार में एक से बढ़कर एक बंदनवार उपलब्ध कराये गये हैं. अब तो उडेन वंदनवार भी आ गये हैं. दो सौ रुपये से पांच हजार तक के वंदनवार बाजार में उपलब्ध हैं. दरवाजे पर लटकायी जानेवाली लड़ियों की भी खूब डिमांड है. दो सौ रुपये से लेकर सात सौ तक की लड़ियां खरीदी जा रही हैं. वहीं रेडीमेड रंगोली भी घरों की शोभा बढ़ा रहे हैं. पहले जहां चावल के चूरे, सफेद खल्ली, चंदन से रंगोली सजायी जाती थी. हाथों से रंगोली बनाकर उसमें मन पसंद रंग भरे जाते थे. अब एक्रेलिक पेपर और प्लास्टिक पेपर पर बनी रंगोली, मां लक्ष्मी के पांव, शुभ-लाभ, स्वस्तिक चिह्न रेडीमेड खरीदे जा रहे हैं. बाजार में 50 रुपये से लेकर साढ़े पांच सौ रुपये तक के रंगोली मिल रहे हैं.
पवन घंटी की भी है मांग
दीपावली को लेकर पवन घंटी ( विंड चाइम) भी खरीदे जा रहे हैं. फेंगसुई के जानकार बताते हैं पवन घंटी की मधुर ध्वनि घर के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करती है. हवा के संपर्क में आते ही इससे आनेवाली मधुर ध्वनि मन को शांति देते हैं.