पश्चिम बंगाल के न्यूटाउन-इकोपार्क में मॉर्निंग वॉक के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष ने तृणमूल और माकपा दोनों ही राजनीतिक दलों पर जमकर हमला बोला. सिंगूर के मामले में मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले से राज्य सरकार को मिले झटका पर श्री घोष ने कहा कि तृणमूल और माकपा दोनों पार्टियों ने जो भी फैसला लिया, वह राजनीतिक स्वार्थ के लिए ही किया. उससे समाज या देश को कोई फायदा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सिंगूर से इतने बड़े उद्योगपति को वहां से हटाना ठीक नहीं था. तीन फसलों के लिए जमीन देना भी सही नहीं हुआ और उस जमीन को बंद कर बेरोजगार करने का भी कोई मतलब नहीं है. माकपा ने भी अपने राजनीतिक हित के लिए ऐसा किया और तृणमूल ने भी अपने राजनीतिक हित के लिए ऐसा किया, लेकिन इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
नौकरी गयी, व्यापार गया, जमीन भी गयी और अब पैसा भी जायेगा, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?” इसके लिए राज्य सरकार को आम लोगों से माफी मांगनी चाहिए. मालूम रहे कि सिंगूर के मामले में मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश से राज्य सरकार को झटका लगा है. मध्यस्थता अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार के औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (डब्ल्यूबीआईडीसी) को टाटा मोटर्स को मुआवजे के रूप में 756.78 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. इधर, ज्योतिप्रिय मल्लिक के प्रसंग पर भी श्री घोष ने जमकर कटाक्ष किया.
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उन्होंने कहा कि वह (ज्योतिप्रिय मल्लिक) बीमार नहीं है, पहले भी मैंने कहा था. उन्हें केवल इडी का झटका लगा है. इडी के डर से तबीयत बिगड़ ही सकती है और पूछताछ में बीपी और शुगर बढ़ ही सकता है. लेकिन इडी को अब इस मामले में जिस उद्देश्य से गिरफ्तार किया गया है, उसे देर नहीं करते हुए तत्परता से पूछताछ करना चाहिए क्योंकि ज्योतिप्रिय मल्लिक कई मामलों में लिप्त हो सकते है. जांच सही तरह से आगे बढ़ेगी, तो सब सामने आयेगा.
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