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Agra : कलेक्ट्रेट पहुंचे दीनानाथ यादव ने लगाई जिंदा करने की गुहार, कागजों में मृत घोषित हैं वृद्ध

आगरा के एत्मादपुर निवासी 70 वर्षीय दीनानाथ यादव अपने हाथों में " मैं जिंदा हूं " के पर्चे लेकर जिला अधिकारी के कार्यालय में पहुंचे. दीनानाथ को सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है. इस वजह से उनकी वृद्धा पेंशन रुक गई है.

आगरा. बॉलीवुड के अभिनेता पंकज त्रिपाठी द्वारा अभिनीत फिल्म “कागज” तो आपने जरूर देखी होगी. जिसमें एक व्यक्ति को सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया जाता है. उसके बाद शुरू होता है उस व्यक्ति का अपने आप को सरकारी कागजों में जिंदा करने का संघर्ष. ऐसा ही एक मामला आगरा में भी देखने को मिला. आगरा के एत्मादपुर के रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग दीनानाथ यादव अपने हाथों में “मैं जिंदा हूं” के पर्चे लेकर जिला अधिकारी के कार्यालय में पहुंचे. उनके हाथ में लगे इस पर्चे को देखकर लोग अचानक से चौंक गए और कारण जानने में जुट गए. कि आखिरकार यह बुजुर्ग “में जिंदा हूं” का कागज लेकर जिला अधिकारी ऑफिस में क्यों आया है. 70 वर्षीय दीनानाथ यादव एत्मादपुर क्षेत्र के ग्राम नगला हंसराज मौजा धरैरा के रहने वाले हैं. उनका कहना है कि वह खेती-बाड़ी करते हैं और सरकार से मिलने वाली वृद्धा पेंशन से पिछले 2 साल से ₹500 महीना प्राप्त कर रहे थे. लेकिन बीते मार्च में अचानक से उनकी पेंशन रुक गई. इसके बारे में जानने वह ग्राम सचिव के कार्यालय में पहुंचे. लेकिन उन्हें संतुष्ट जानकारी नहीं मिल पाई. ऐसे में वह संजय प्लेस में स्थित विकास भवन में पहुंचे. जहां उन्हें पता चला कि एक अधिकारी की कारगुजारी के चलते सरकारी कागजों में दीनानाथ को मृत घोषित कर दिया गया है और इसी वजह से उनकी पेंशन रुकी हुई है.

8 महीने में  भी नहीं हुआ  समस्या का निस्तारण

दीनानाथ ने बताया कि इसके लिए उन्होंने संबंधित ब्लॉक सचिव कार्यालय में अपनी शिकायत दी. लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद करीब दो-तीन बार वह विकास भवन के चक्कर भी काट चुके हैं. कई सरकारी कार्यालय की खाक छानने के बाद भी पिछले करीब 8 महीने से दीनानाथ की समस्या का निस्तारण नहीं हो पाया और उनको पेंशन नहीं मिल पाई है. जब दीनानाथ की कहीं भी सुनवाई नहीं हुई तो वह “मैं जिंदा हूं” कि पर्चे छपवा कर और अपनी समस्या लेकर आगरा के कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे। उनके हाथ में लगे पर्चे को देखते ही लोगों ने उन्हें घेर लिया और उनकी समस्या के बारे में जानने लगे. इसके बाद दीनानाथ ने बताया कि ब्लॉक एत्मादपुर में ग्राम सचिव के पद पर गौरव पाठक तैनात थे. उन्होंने सत्यापन में दीनानाथ को मृत घोषित कर दिया. जिसकी वजह से उनकी पेंशन रुक गई. कई बार उन्होंने ग्राम पंचायत सचिव के कार्यालय के चक्कर काटे. लेकिन उनका कोई भी निस्तारण नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि कुछ समय बाद ग्राम पंचायत सचिव गौरव पाठक का स्थानांतरण हो गया. लेकिन उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है. मजबूरी में उन्हें जिलाधिकारी कार्यालय में अपनी शिकायत लेकर आना पड़ा है.

डीएम कार्यालय से  ग्राम सचिव को गया फोन

दीनानाथ यादव ने बताया कि जिलाधिकारी कार्यालय में जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में दूसरे अधिकारी से मुलाकात हुई. उन्होंने एत्मादपुर ग्राम पंचायत सचिव को फोन कर समस्या के बारे में अवगत कराया है. और समस्या का निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में अभी मेरी तबीयत खराब है. मैं तबीयत सही होने पर ग्राम सचिव से जाकर मिलूंगा. इसके बाद पता चलेगा कि मेरी समस्या कब तक सही होगी.

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