21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डॉ सुजाता कुमारी की दो खोरठा कविताएं

डॉ सुजाता कुमारी की दो खोरठा कविताएं इस बार प्रभात खबर के दीपावली विशेषांक में प्रकाशित हुईं हैं. उनकी इन दोनों कविताओं का आप भी यहां रसास्वादन करें...

गाछ हवेक टा आसान नाय

गाछ जे आकास बाटे

माथा गरब से उठाइ के डांड़ाइल रहे

एहे खातिर कि

आपन जइर संगे भुंइंयेक

भीतर तक समाइल रहे।

गाछ हवेक टा आसान नाय

ओकर जइसन सांति आर धीरज राखे पड़ो हे

आपन हरियरपन में सोहाइरदेक संकल्पना लइ के

हाम चाहो ही

कोन्हों बनेक हरियाइल-झबरल गाछ बने ले

फूइल से साजल सिमइर ,कोनाइर आर परास

कि कोन्हों फलदार-रसदार आम-जामूनेक गाछ।

बसे-बसावे खातिर

चिरयं-चिनगुन जोड़ा के रीझे सुखेक खोंधा हवे ले चाह-हियो

जकर कलरव कान के सुकून देय आर मन के सांति

बेमूत चूटी के अनथक सामूहिक मेहनइत के

दिये खोजो हियो आपन पाते एगो घर

जकर अजगुत शिल्प कला-कौशल से

मन हरसित भइ जाय

कि डहरे आवे वाला पंथी सब के

दू घड़ी छांहइर दिये पारब

जाति-धरम से दूर भइ के

उनखर खातिर आरामेक आसरय बने पारब

कि गाछ हवेक टा आसान नाय

पवितर धरतीक कोख ले

पवितर कामना लेय के जनम लिये पड़े हे

हरदम धरती केर आभार माइन के

विनीत भाव लेइ के आपन डाइर – डोहरा के

उरधगामी दिसाञ बढ़ाइ दिये पड़े हे

गाछ रखम जीवन के जिये पड़े हे

ई धरा टायं

नीजे दूसित हवा के सोइख के देत रहे हे हामिन के प्राणवायु!

Also Read: डॉ कृष्णा गोप की खोरठा कविताएं
गाँव आर बिकास

एगो गाँव जखन बिकासेक पटरी में गोड़ राखे हे

सइज जा हे गाँवेक खेतें

कतारबांधल बिजली केर खंभा

आर खेतेक आइरेक बीचु से गुजरो हइ

चाइर लेन, छो लेन केर सड़क

फेइर टोल नाका खड़ा करल जा हे

ऊ सांतिक बाताबरनें

सरगठेंका, हरियर साइन-बोर्ड केर होरडिंग।

जखन गाँव सहरेक रखम सोचे ले सुरू कोरो हे

टोल नाकाक किनारे साजे लागो हइ

छिटिर-पिटिर मंडी आर हाट

बइंगन, बिलाती, गोभी, सीम, मटर

आर पचरंगियाँ सागेक

हरल-भरल दोकान

छोटो-छोटो छतरीक नीचु बइसी

कई गो गंवइया

आपन चूल्हाक आइगें पाकावो हथ जोंढ़रा

सइ तखन पार हवे वाला जातरी गुलइन

किनो हथिं ओने-पोने दामें।

जखन गाँव सहरेक मुँह ताके लागो हे

तखन फेइर कहाँ बाचे पावो हइ

ओखनिक निजत्व

ई छोट बाजार

जकर रूप टा तय करो हे खरीदारेक मोलभाव

सब्जी केर किना-बेचा से सुरू भइके

माटिक सोउदाओ होवे लागो हे

बाजार केर रूप टा पसरे चाकराइ लागो हे

बिचोलिया गुलइन के लाइन लइग जा हे

आर

देखइत – देखइत

खेत प्लॉट में बदइल जा हे।

संपर्क : कुमार आयुर्वेद भवन, जैनामोड़, बोकारो, झारखंड-829301

Also Read: प्रो दिनेश दिनमणि की खोरठा कविताएं

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें