16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Durga Puja 2023: झारखंड के इस गांव में कलश स्थापना के साथ ही ग्रामीण पहनना छोड़ देते हैं जूता-चप्पल

कास के खिले फूल मां जगत जननी के आगमन का संदेश देने लगे हैं. 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो जायेगा. इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है और मुर्गा पर विदा होंगी. दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर पूजा समितियों की मीटिंग हो चुकी है. पंडाल बनने लगे हैं.

बरवाअड्डा, हीरालाल पांडेय : बरवाअड्डा क्षेत्र के चुटियारो गांव में देश की आजादी के वर्ष 1947 से पुरानी रीति-रिवाज से दुर्गा पूजा हो रही है. ग्रामीणों ने बताया कि हमारे पूर्वजों ने मिट्टी का घट रख कर दुर्गा पूजा प्रारंभ करायी थी. पहले छोटे स्तर पर पूजा होती थी. वर्तमान में चुटियारो गांव में निर्मित भव्य दुर्गा मंदिर में नवरात्र में पूजा धूमधाम से होती है. गांव की सुख-शांति के लिए दुर्गा मंदिर में पूरे गांव की पूजा एक साथ की जाती है.

बड़ा तालाब से लाया जाता है कलश का पानी

दुर्गा मंदिर में दो कलश (घट) रखकर पूजा-अर्चना की जाती है. इसमें सप्तमी तिथि को गाजे-बाजे के साथ जुलूस निकाल कर गांव के बड़ा तालाब से पूजा-अर्चना कर एक कलश में पानी भरकर लाया जाता है. फिर कलश को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दुर्गा मंदिर में स्थापित किया जाता है. पुरोहित राधा गोविंद ओझा, गुरु पुरोहित अजीत कुमार मिश्र व गौरचंद्र पांडेय पूजा व चंडीपाठ कराते हैं. जबकि ग्रामीणों द्वारा चयनित विरंजी सिंह चौधरी को पुजारी (यजमान) की जिम्मेवारी दी गयी है.

एक सौ से अधिक दी जाती है बली

चुटियारो गांव बड़ा गांव है. यहां लोग तीन खूट (तीन गोतिया) में बंटे हुए हैं. तीनों खूट की ओर से सबसे पहले तीन सफेद बकरे की बली दी जाती है. इसके बाद दर्जनों बकरे की बली पड़ती है. तीनों खूट की बली प्रथा वार्षिक है. संकल्प होता है कि हर हाल में बकरे की बली हर साल दी जायेगी. मुश्किल समय में भी वार्षिक बकरे की बली नहीं रुकती है.

मंदिर में चढ़ता है पूआ-पकवान

दुर्गा पूजा के दौरान गांव की महिलाएं घी से देहरी, पूआ, मलपूआ, अनरसा समेत विभिन्न प्रकार के पकवान बनाकर दुर्गा मंदिर में चढ़ाती हैं. यहां विजया दशमी को पूरे गांव के लोग एकत्रित होकर नाचते-गाते हुए बड़ा तालाब में मूर्ति का विसर्जन करते हैं.

Also Read: Durga Puja 2023: धनबाद में दुर्गा पूजा को लेकर बदलेगी सुरक्षा व्यवस्था, एक सप्ताह पहले जारी होगा रूट चार्ट

ये हैं सक्रिय

पूजा के आयोजन में ममलेश्वर सिंह चौधरी, प्रेमनाथ सिंह चौधरी, सदानंद चौधरी, प्रफुल्ल सिंह चौधरी, वैद्यनाथ सिंह चौधरी, वरुण चौधरी, विशन देव सिंह चौधरी, भोलानाथ सिंह चौधरी, जय कुमार सिंह चौधरी, संजीव चौधरी, योगेश चौधरी, हेमंत चौधरी, नंदू चौधरी, प्रवीण चौधरी, अनूप चौधरी, नित्यानंद चौधरी, अरविंद चौधरी, अरविंद चौधरी, संतोष चौधरी, उमेश चौधरी, पिंटू चौधरी, जोहार प्रसाद, आनंद, टुनटुन समेत गांव के सभी ग्रामीण सक्रिय हैं.

पुजारी रोज पहनते हैं नया कपड़ा

पुरानी रीति-रिवाज के अनुसार पुजारी (यजमान) रोजाना नया कपड़ा पहनकर ही पूजा में बैठते हैं. पूजा के दौरान रोजाना शाम को गांव की दर्जनों महिलाएं मंदिर में मां का भजन-कीर्तन करती हैं. इस दौरान पूरे गांव की महिलाएं मंदिर में दीया जलाने आती हैं.

मां के सम्मान में परंपरा का अनुसरण

कलश स्थापन व चंडी पाठ के साथ यहां मां दुर्गा की आराधना शुरू होने के साथ ही चुटियारो गांव के लोग जूत्ता-चप्पल पहनना छोड़ देते है. ग्रामीणों का कहना है कि मां दुर्गा के सम्मान में पुरानी परंपरा का अनुसरण करते हुए हमलोग जूत्ता-चप्पल पहनना छोड़ देते हैं. कहीं बाहर जाने पर ही जूत्ता-चप्पल पहनते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें