23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Durga Puja: सरायकेला राजघराने की दुर्गापूजा कई मायनों में है खास, 16 दिनों तक होती है मां की आराधना

सरायकेला रजवाड़े की दुर्गापूजा काफी मायनों में खास है. यहां जिउतियाष्टमी से लेकर महाष्टमी तक यानी 16 दिनों तक माता की आराधना होती है. माता के दराबर में अखंड ज्योत जलती है. सदियों से चली आ रही परांपरा को आज भी राज परिवार के सदस्य उत्साह के साथ निभा रहे हैं.

Undefined
Durga puja: सरायकेला राजघराने की दुर्गापूजा कई मायनों में है खास, 16 दिनों तक होती है मां की आराधना 5
कई मायनों में खास है रजवाड़े की दुर्गापूजा

सरायकेला के रजवाड़ी की दुर्गापूजा कई मायनों में खास है. इस रजवाड़े में 16 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करने की परंपरा है. रजवाड़े स्थित पाउड़ी मंदिर में मां दुर्गा की पूजा जिउतियाष्टमी से लेकर महाष्टमी तक होती है. इस दौरान 16 दिनों तक माता के मंदिर में अखंड ज्योत जलती रही. 17 सितंबर की रात जिउतिया पर शुरू हुई माता की पूजा दो अक्टूबर को नवरात्र के महाष्टमी के दिन संपन्न होगी.

Undefined
Durga puja: सरायकेला राजघराने की दुर्गापूजा कई मायनों में है खास, 16 दिनों तक होती है मां की आराधना 6
राज परिवार के सदस्य खरकई नदी के तट पर करते हैं शस्त्र पूजा

दुर्गापूजा के पहले दिन षष्ठी के दिन राजा तथा राजपरिवार के सदस्य खरकई नदी के तट पर शस्त्र पूजा करते हैं. दुर्गा पूजा के दौरान रजवाड़े के भीतर में नवपत्रिका दुर्गा पूजा का भी आयोजन किया जाता है. सदियों से चली आ रही इस परंपरा को सरायकेला के राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव के साथ-साथ राजपरिवार के सदस्य श्रद्धा, भक्ति एवं उत्साह के साथ निभाते हैं. इस दौरान पूजा में राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव, रानी अरुणिमा सिंहदेव समेत राजपरिवार के सभी सदस्य शामिल होते हैं.

Undefined
Durga puja: सरायकेला राजघराने की दुर्गापूजा कई मायनों में है खास, 16 दिनों तक होती है मां की आराधना 7
64 पीढ़ियों से मां दुर्गा की पूजा करते आ रहे हैं सरायकेला राजपरिवार

सरायकेला राजपरिवार की 64 पीढ़ियां निर्वाध रूप से मां दुर्गा की पूजा आराधना करते आ रहे हैं. सन् 1620 में राजा विक्रम सिंह द्वारा सरायकेला रियासत की स्थापना के बाद से ही राजमहल परिसर में मां दुर्गा की पूजा की शुरुआत हुई थी. सरायकेला रियासत के स्थापना से लेकर भारत की आजादी तक सिंह वंश के 61 पीढ़ियों ने राजा के रूप में राजपाट चलाया और माता दुर्गा की पूजा की. देश की आजादी के बाद सिंह वंशज के 62 पीढ़ी के राजा आदित्य प्रताप सिंहदेव एवं 63वें पीढ़ी के राजा सत्य भानु सिंहदेव ने मां दुर्गा के पूजा को आगे बढ़ाया. वर्तमान में सरायकेला रियासत के राजा और सिंह वंश के 64वें पीढ़ी के राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव इस रियासती परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. यहां मां भगवती की पूजा आज भी उसी परंपरा के साथ होती है, जो कभी राजा-राजवाड़े के समय हुआ करती थी.

Undefined
Durga puja: सरायकेला राजघराने की दुर्गापूजा कई मायनों में है खास, 16 दिनों तक होती है मां की आराधना 8
मां पाउडी मंदिर के दीवार में लिखा गया संदेश

शक्ति की देवी और राजघराने की इष्टदेवी मां पाउड़ी का मंदिर राजमहल के भीतर स्थित है. दुर्गापूजा में महाष्टमी पूजा के दूसरे दिन नुआखाई का आयोजन किया जाता है. नुआखाई के बाद राजपरिवार के सदस्य मां पाउड़ी मंदिर में जाते हैं. इस दिन साल के नये फसल से तैयार चावल का भोग देवी को समर्पित की जाती है. इसके बाद राजपरिवार के सदस्य नुआईखाई का प्रसाद सेवन करते हैं. इस मंदिर में स्त्री को केवल साड़ी पहनकर तथा पुरुष को केवल धोती और गमछा पहनकर जाने की परंपरा है.

रिपोर्ट : शचिंद्र कुमार दाश, सरायकेला.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें