शारदीय नवरात्र के महाष्टमी को मां महागौरी की साधना हुई. इस मौके पर चतरा के इटखोरी में संधि बलि दी गई. बिहार और झारखंड के सैकड़ों श्रद्धालु एक साथ संधि बलि में शामिल हुए. मूसलाधार बारिश के बाद भी साधक खुले आसमान के नीचे साधना चबूतरा पर आसन ग्रहण किये रहे. उनके साधना व आस्था के आगे इंद्रदेव भी नतमस्तक रहे. घंटों पूजा अर्चना कर निर्धारित समय पर संधि बलि का विधान पूरा किया गया. जयकारे से माता का मंदिर गूंज उठा. संधि बलि में जिला परिषद उपाध्यक्ष बिरजू तिवारी, प्रबंधन समिति सदस्य सीताराम सिंह, रामप्रवेश सिंह, रंजीत सिंह ,जिप सदस्य सरिता देवी समेत सैकड़ों साधक शामिल हुए.
हजारीबाग जिला अंतर्गत इचाक प्रखंड के हजारों महिला और श्रद्धालुओं ने दुर्गास्थानों में महागौरी दुर्गा की पूजा की. इस दौरान सभी दुर्गास्थानों में सुबह एवं शाम को भक्त श्रद्धालुओं की हुजूम उमड़ा. प्रखंड के पुराना काली मंडा, नया काली मंडा, बंगाली दुर्गामंडा, दुर्गानगर इचाक मोड़, जलौंध, दुर्गास्थान मंगूरा, देवकुली, छावनी अखाडा, दरिया, भूसवा, बुढ़िया माता मंदिर, चंपेश्वरी मंदिर समेत प्रखंड के अन्य दुर्गामंदिरों में दिनभर वैदिक मंत्रोचारण के बीच पूजा अनुष्ठान होता रहा. वहीं काफी संख्या में महिलाएं महागौरी की पूजा-अर्चना करती रही. सभी मंडपों में मां दुर्गा माता को प्रसन्न करने के लिए भतुआ, कोहड़ा और ईख की संधि बलि दी गई. वेलभरणी पूजा के बाद जैसे ही माता रानी दरबार का पट खुला वैसे ही मां दुर्गा, मां सरस्वती, मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, कार्तिक की मूर्तियों को देखने एवं माता का एक झलक पाने के लिए लोग बेताब थे.
महाष्टमी पूजा के मौके पर दुर्गानगर इचाक मोड़, नया काली मंडा, पुराना दुर्गा मंडा, भुसवा, मंगुरा, अलौंजा, देवकुली, जलौंध समेत कई दुर्गा मंडपों में मां दुर्गा का दर्शन करने जिप अध्यक्ष उमेश प्रसाद मेहता एवं जिप सदस्य रेणु देवी पहुंचे . जहां माता रानी का आशीर्वाद लिया. दुर्गानगर इचाक मोड़ पूजा समिति के सचिव कुलदीप प्रसाद मेहता ने कहा कि इचाक मोड़ में पूजा लगभग 50 वर्षों से हो रही है. पुजारी फुलेश्वर मेहता हैं. पूजा को सफल बनाने में पूजा समिति के अध्यक्ष पूर्व मुखिया डेनारायण मेहता, सचिव कुलदीप मेहता, कोषाध्यक्ष चंद्रधारी मेहता, सक्रिय सदस्य कांग्रेस नेता दिगंबर कुमार मेहता, राजबल्लभ मेहता, रामदीप कुमार मेहता, पूर्व उप प्रमुख चंद्रदेव मेहता, मुखिया चौहान मेहता ,महेंद्र महात्मा, मुखिया चौहान मेहता, जागेश्वर मेहता, अयोध्या मेहता, राधा कृष्ण मेहता, परमेश्वर मेहता समेत दर्जनों लोग शामिल हैं.