पश्चिम बंगाल में बीते कई दिनों से हो रही बारिश के कारण जहां शहर का निचला इलाका जलजमाव की समस्या से जूझ रहा है वहीं दूसरी तरफ दुर्गापुर बैराज ( Durgapur Barrage) से 96 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. बैराज से पानी छोड़ने से दक्षिण बंगाल के कई जिलों में पानी भरने की आशंका बढ़ गयी है. जिसका असर समतल हिस्से में रहने वाले लोगों को हो सकता है. वहीं जलस्तर बढ़ने से बैराज के किनारे बसे दामोदर माना ,श्यामपुर, माना बस्ती, वारिया ग्रामों में पानी भरने की आशंका बढ़ गयी है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बीते दिनों बंगाल एवं झारखंड में अत्यधिक बारिश होने के कारण मैथन और पंचेत डैम से पानी छोड़ा गया था. इसके बाद दुर्गापुर बैराज का लॉकगेट खोल कर 96 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिससे दुर्गापुर से सटे सात जिलों में पानी भरना शुरू हो गया है. बैराज से छोड़े गये पानी से बांकुड़ा, पूर्व व पश्चिम बर्दवान के अलावा हुगली और हावड़ा जिलों के प्रभावित होने की आशंका है. लगातार पानी भरने से कृषि पर भी असर पड़ने की आशंका है.
बीते कई दिनों से पश्चिम मेदिनीपुर और झाड़ग्राम में लगातार हो रही भारी बारिश से यहां पहले से ही जनजीवन अस्त-व्यस्त है. इसी बीच डीवीसी ने मैथन और पंचायत डैम से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है. इसके बाद यहां बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. पश्चिम मेदिनीपुर जिले में अलर्ट भी जारी किया गया है. जिला प्रशासन की ओर से परिस्थिति से निबटने के लिए जरूरी बैठक की गयी. जिले के सभी विभाग को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है.
Also Read: अभिषेक बनर्जी ने अमृता सिन्हा के आदेश को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच का खटखटाया दरवाजा
साथ ही कंट्रोल रूम भी खोला गया है, जिनमें जिला स्तर कंट्रोल रूम का नंबर 03222-275894 व 8348338393, सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम का नंबर 7602602181 और जिला स्वास्थ्य विभाग के कंट्रोल रूम का नंबर 8695500350 है. जिस पर आपातकालीन स्थिति में संपर्क कर मदद मांगी जा सकती है.
Also Read: अभिषेक बनर्जी ने भाजपा को दी चुनौती कहा, मैदान आपका, रेफरी आपका, जोरदार लड़ाई के लिए रहिएगा तैयार…
पिछले दो दिनों से पुरुलिया जिले में लगातार बारिश होने से कई नदियों का जलस्तर उफान पर है. नदियों में जल स्तर बढ़ जाने से कई स्थानों पर पुलों के ऊपर से भी पानी जाते हुए देखा गया. कई स्थानों पर नदियों में अधिक पानी होने के कारण पुलों पर से यातायात बंद कर दिया गया है. इन सबके बीच झालदा प्रखंड-1 अंतर्गत झालदा से झारखंड के गोला जाने वाली सड़क के सपाई नदी पर बने पुल का एक पिलर पानी के तेज बहाव में टूट जाने के कारण प्रशासन द्वारा इस पुल पर से यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. स्थानीय एवं प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तेज बारिश होने के कारण यह दुर्घटना हुई. इस पुल के बंद हो जाने से झालदा से गोला, रांची ,रामगढ़ का यातायात बंद हो गया है. इस पुल पर से यातायात बंद कर देने से आसपास के 13 गांव प्रभावित हुए हैं.
Also Read: अमित शाह की पुलिस ‘अतिसक्रिय’, बापू के जन्मदिन पर अभिषेक ने गांधीगिरी से दिया जवाब
स्थानीय जितेंद्र नाथ महतो, गुणधर महतो ने बताया कि पिछले कई वर्षों से उन्होंने देखा है कि इस पुल के आगे सरकार द्वारा दुर्बल पुल होने का बोर्ड लगा दिया गया है पर इस पुल की मरम्मत के लिए हमेशा छोटे मोटे उपाय किये गये. प्रशासन द्वारा पुल की मरम्मत के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाने के कारण ही यह दुर्घटना हुई है. वर्ष 2009 में इस ब्रिज का निर्माण हुआ था. पिछले कुछ वर्षों से इस ब्रिज की हालत खराब थी. उन्होंने सरकार को बार-बार इस पुल की मरम्मत के लिए आवेदन किया था. लेकिन प्रशासन द्वारा ठोस कदम नहीं उठाने के कारण यह हादसा हुआ है. यातायात पूरी तरह से बंद हो जाने के कारण उन्हें 35 किलोमीटर घूम कर झारखंड की ओर जाना पड़ रहा है.
Also Read: ममता बनर्जी ने कहा : महिला सशक्तिकरण में बंगाल नंबर 1, न्यूटाउन में विश्वस्तरीय शॉपिंग मॉल खोलेगा लुलु ग्रुप
बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. लोग बाजार नहीं जा पा रहे हैं. साथ-साथ नदी के उसे पार जो लोग हैं उन्हें भी अपने कार्य के लिए झालदा आने के लिए 10 किलोमीटर से अधिक रास्ता घूम कर आना पड़ रहा है. इस रास्ते के बंद हो जाने से व्यापारियों को भी काफी नुकसान हो रहा है. उनकी मांग है कि जल्द से जल्द प्रशासन द्वारा स्थायी पुल का निर्माण किया जाए. कृषि विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों झालदा प्रखंड-1 इलाके में 119 मिलीमीटर बारिश हुई है. जिला शासक रजत नंदा ने बताया कि तेज बारिश होने के कारण पुल का एक पिलर पानी में बह गया है. सुरक्षा के लिए पुल पर से यातायात बंद कर दिया गया है. पानी का बहाव कम होते ही मरम्मत कार्य आरंभ कर दिया जायेगा.
Also Read: बच्चू यादव का भांजा है करोड़ों का मालिक, लेकिन ईडी की पूछताछ में खुद को बताया गरीब
पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश से ग्रामीण हावड़ा के आमता में दीपांचल नाम से प्रसिद्ध भाटोरा में मुंडेश्वरी नदी के ऊपर बने बांस का पुल ढह गया. पुल के टूट जाने से हजारों ग्रामीणों का संपर्क उलबेड़िया शहर से टूट गया है. मालूम रहे कि गुरुवार को मुंडेश्वरी नदी में पानी का बहाव तेज होने से हुगली के खानाकुल दो नंबर ब्लॉक में दो बांस के पुल ढह गये थे. आमता दो नंबर पंचायत समिति के अध्यक्ष शेख मेहबूब अली ने कहा नदी का जलस्तर बढ़ने से यह घटना हुई है. प्रशासनिक अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया है.
Also Read: ममता ने बार्सिलोना में किया दावा : देश का अगला औद्योगिक गंतव्य होगा बंगाल, पूरे विश्व के लिए बनेगा गेमचेंजर
ग्रामीणों को किसी तरह की समस्या नहीं हो, इसके लिए एक आपातकालीन बैठक की गयी है. ग्रामीणों को नदी पार कराने के लिए प्रशासन की ओर से पर्याप्त संख्या में नाव की व्यवस्था की गयी है. उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष पांचला में एक सभा को संबोधित करने के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दीपांचल के लोगों को सहूलियत देने के लिए यहां मुंडेश्वरी नदी के ऊपर पक्के पुल का निर्माण कराने की घोषणा की थी. इसके बाद पुल बनाने का जिम्मा पीडब्लयूडी को सौंपा गया. जमीन अधिग्रहण कर पुल बनाने का काम शुरू कर दिया गया है, लेकिन बताया जा रहा है कि काम की गति काफी धीमी है. शेख मेहबूब ने इस बारे में बताया कि बारिश में काम इसलिए धीमा है, क्योंकि नदी में पानी का जलस्तर बढ़ गया है. मौसम ठीक होते ही काम की गति में तेजी आयेगी.
Also Read: West Bengal : दिल्ली में ममता और अभिषेक का धरना, देखेगा पूरा बंगाल
उत्तर 24 परगना के हिंगलगंज ब्लॉक के रुपमारी ग्राम में सोमवार को अचानक गौरेश्वर नदी का बांध का हिस्सा धंस गया है. बांध के धंसने के साथ ही कई जगहों पर दरार आने से नदी का पानी गांव के कुछ इलाकों में प्रवेश करने लगा है. इससे इलाके के लोगों को परेशानी हो रही है. 80 से 100 फुट बांध में दरार देखी गयी है. खबर पाकर मौके पर रूपमारी ग्राम पंचायत के उप प्रधान तपन मंडल पहुंचे और उच्च अधिकारियों को सूचित करने की बात कही. इधर, हिंगलगंज विधानसभा के वन व भूमि विभाग के कर्माध्यक्ष सुरोजीत बर्मन ने बताया कि इलाके में कई नदी के बांध में ऐसी समस्या है. स्थानीय पंचायत को लेकर हिंगलगंज पंचायत समिति की ओर से मरम्मत के लिए कदम उठाया गया है.