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WB News : पूर्व बर्दवान जिले में इंसाफ यात्रा का गाजे-बाजे के साथ कुलीन ग्राम में हुआ भव्य स्वागत

दर्जनों तृणमूल नेताओं, मंत्रियों, विधायकों, युवा तृणमूल नेताओं और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है. वही राज्य के पंचायत में असीमित लूट मची हुई है. इस लूट की शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन के अधिकारियों की मदद से पंचायतों में लोगों के वोट लूटे गए.

बर्दवान/पानागढ़, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के कुचबिहार में तीन नवंबर से शुरू हुई डीवाईएफआई की इंसाफ यात्रा जहां शनिवार को अपने 23 दिन में प्रवेश किया, वही पूर्व बर्दवान जिले में यह यात्रा आज तीसरे दिन का सफर कर रही है. जिले के कुलीन ग्राम में गाजे बाजे के साथ इस इंसाफ यात्रा का स्वागत किया गया. मौके पर संगठन की प्रदेश नेत्री मीनाक्षी मुखर्जी स्वंय मौजूद थी. वह इस इंसाफ यात्रा का नेतृत्व कर रही है. आगामी 7 जनवरी को यह इंसाफ यात्रा कोलकाता के ब्रिगेट में एक विशाल जनसभा के साथ थमेगा. मुख्य रूप से राज्य में बढ़ी अराजकता, सरकार की तानाशाही, भ्रष्टाचार, रोजगार, शिक्षा, कानून व्यवस्था, एक सौ दिन काम , आवास, किसानों और खेत मजदूरों समेत श्रमिकों की मांगों को दिलाना मुख्य उद्देश्य है. स्वंय प्रदेश नेत्री मीनाक्षी मुखर्जी का कहना है की राज्य की सत्ताधारी पार्टी और केंद्र की सरकार के बीच कोई विशेष अंतर नही है.

राज्य सरकार प्रदेश को लूट रही है और केंद्र सरकार देश को बेच रही है. राज्य के स्वामित्व वाली सभी संपत्तियों को बेचा जा रहा है. बाजार का नियंत्रण पूंजीपतियों के हाथ में छोड़ दिया गया है. दूसरी ओर राज्य सरकार ने पूरे राज्य को लूट का अड्डा बना दिया है. रोजगार पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, वे योग्य नौकरी चाहने वालों को भारी रकम के लिए नौकरियां बेच रही थी. दर्जनों तृणमूल नेताओं, मंत्रियों, विधायकों, युवा तृणमूल नेताओं और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है. वही राज्य के पंचायत में असीमित लूट मची हुई है.

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100 दिन का काम, आवास योजना, स्वयं सहायता समूह के पैसे समेत विभिन्न योजनाओं के करोड़ों रुपये का पंचायत कोई हिसाब नहीं दे सकी है. नतीजा यह हुआ कि सारा काम रुक गया है. तृणमूल ने चोरी की है और गरीब खेत मजदूरों सहित आम कामकाजी लोगों को उसका भुगतान भरना पड़ रहा है. कृषि सामानों की कीमतें कई बार बढ़ी हैं लेकिन कृषि फसलों की कीमतें नहीं बढ़ीं. पूरे बंगाल में अराजकता वाली सरकार चल रही है. किसान वंचित हैं, किसानों के आत्महत्या का हुजूम बढ़ता जा रहा है. यह इन्साफ यात्रा जनता के चावल के लिए संघर्ष को स्थापित करने के लिए है न कि किसी दलगत राजनीति को स्थापित करने के लिए किया जा रहा है.

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