घाटशिला कॉलेज के विद्यार्थियों को भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति की शिक्षा दी जायेगी. इसके लिए स्पिक मैके (सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमंग्स्ट यूथ) का गठन अगले सप्ताह होगा. प्राचार्य डॉ आर के चौधरी ने बताया कि विद्यार्थियों में भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति के प्रति रुचि लाने तथा विशेष शिक्षा देने के लिए स्पिक मैके के गठन को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और कोल्हान विश्वविद्यालय का निर्देश पत्र प्राप्त हुआ है. इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है. भारतीय शास्त्रीय संगीत (क्लासिकल म्यूजिक) कार्यक्रम महाविद्यालय में समय पर होगा. भारतीय संस्कृति पर संगोष्ठी आयोजित होगी.
भारतीय विरासत के प्रति जागरूक होंगे विद्यार्थी
डॉ चौधरी ने बताया कि स्पिक मैके का उद्देश्य भारतीय विरासत के विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर अंतर्निहित मूल्यों को छात्र-छात्राओं को बताना और उसके प्रति रुचि उत्पन्न कराना होगा. कला में सन्निहित सुंदरता, अनुग्रह, मूल्य और ज्ञान से विद्यार्थियों के जीवन और सोच में बदलाव होगा, ताकि बेहतर इंसान बन सकें. स्पिक मैके की स्थापना वर्ष 1977 में प्रो डॉ किरण सेठ ने की. इसके बाद आइआइटी दिल्ली के प्रो एमेरिटस को 2009 में कला में योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया. 2011 में स्पिक मैके को युवा के विकास में योगदान के लिए राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित किया गया. जनवरी में शिक्षकों के साथ बैठक कर कॉलेज में स्पिक मैके के संचालन के लिए क्रियान्वयन समिति गठित होगी.
संस्था से लिया जायेगा सहयोग
घाटशिला की सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्था अभियान फॉर ए बेटर टुमारो का सहयोग लिया जायेगा. इसके तहत योगा एंड मेडिटेशन, लेक्चर- डेमोनेस्ट्रेशन, वर्कशॉप डेमोनेस्ट्रेशन, क्लासिकल म्यूजिक एंड डांस, फोक आर्ट एंड क्राफ्ट, हेरिटेज वाक कार्यक्रम आयोजित होंगे.
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