कोलकाता, विकाश कुमार गुप्ता : लीप्स एंड बाउंड्स कंपनी की तरफ से अज्ञात फाइलों के मिलने के मामले में कंपनी की शिकायत के बाद कोलकाता पुलिस की तरफ से इडी दफ्तर में इमेल भेजकर कंपनी में रेड के दौरान जो इडी अधिकारी मौजूद थे, उनमें से किसी एक को पूरे मामले के बारे में स्पष्ट जानकारी देने के लिए बुलाया गया था. कोलकाता पुलिस सूत्र बताते हैं कि इस इमेल के जवाब में इडी अधिकारियों ने इमेल भेजा है. इसमें कहा गया है कि उस मामले में जो भी कुछ स्पष्ट कहना था, पुलिस आयुक्त को इमेल कर 16 अनजान फाइलों से संंबंधित सारी बातें स्पष्ट कर दी गयी हैं.
इसके बाद दोबारा किसी अधिकारी को स्पष्टीकरण के लिए भेजने की आवश्यकता नहीं है. इस इमेल के बाद कोलकाता पुलिस की तरफ से आगे की रणनीति के लिए विचार-विमर्श किया जा रहा है. गौरतलब है कि गत सोमवार को न्यू अलीपुर स्थित लीप्स एंड बाउंड्स कंपनी में इडी अधिकारियों ने 18 घंटे तक रेड किया था. इसके बाद कंपनी की तरफ से उनके कंप्यूटर में 16 अनजान फाइलें मिली थीं. इसके बाद इसकी शिकायत कोलकाता पुलिस में की गयी थी. इस पर इडी ने सीपी को पत्र भेजकर रेड के दौरान इडी के एक अधिकारी द्वारा बेटी के लिए हॉस्टल देखने के दौरान वह फाइलें डाउनलोड होने की जानकारी दी गयी थी.
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शिक्षक भर्ती घोटाले में धनशोधन मामले की जांच कर रही इडी ने 21 अगस्त को न्यू अलीपुर स्थित लीप्स एंड बाउंड्स कंपनी में छापेमारी की थी. कंपनी के सब-अकाउंटेंट चंदन बनर्जी को इडी ने तलब किया था. इस बाबत तय समय पर चंदन बनर्जी इडी दफ्तर पहुंचे. वहां उनसे कई सवाल पूछे गये. बताया जा रहा है कि कंपनी के लेनदेन, बैंक अकाउंट समेत अन्य जानकारियां चंदन से मांगी गयीं. इडी सूत्रों का कहना है कि सब-अकाउंटेंट ने कुछ सवालों के जवाब दिये और कुछ को टाल गये. आवश्यकता पड़ने पर उन्हें पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया जायेगा.
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प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने सोमवार को कहा कि उसने आरपी इंफोसिस्टम्स लिमिटेड के खिलाफ 700 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत प्रीतिमय चक्रवर्ती नाम के एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. चक्रवर्ती को सोमवार को बैंकशाल कोर्ट की विशेष इडी अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां उसे छह सितंबर तक इडी की हिरासत में भेज दिया गया है.
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अदालत में कहा गया की जांच में पता चला है कि आरपी इंफोसिस्टम्स ने कंपनी के झूठे और मनगढ़ंत शेयरों और वित्तीय आंकड़ों के आधार पर बैंकों के एक कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया. कंपनी ने बैंकों का बकाया नहीं चुकाया और इस तरह उन्हें 700 करोड़ रुपये का चूना लगाया. इससे पहले इडी ने उक्त मामले में सुरेश कुमार महरवाल और विकास जोशी नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.
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