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भारत बंद का असर: झारखंड में सड़क जाम, दुकानें बंद, कहीं सड़कों पर तो, कहीं रेलवे ट्रैक पर बैठे आदिवासी

आदिवासियों के भारत बंद का असर झारखंड में दिख रहा है. आदिवासी समुदाय के लोग कहीं सड़कों पर बैठ गए, तो कहीं रेलवे फाटक के पास. जिसके कारण सड़के जाम रहीं, आवागमन बाधित रही. कई जगहों पर दुकानें भी बंद रहीं.

बंदगांव (पश्चिमी सिंहभूम), अनिल तिवारी/ चांडिल (सरायकेला खरसावां), हिमांशु गोप : झारखंड के कुछ जिलों में भारत बंद का असर दिख रहा है. शनिवार को अपनी मांग को लेकर आदिवासी समुदाय के लोग सड़क पर उतर गए हैं. पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला जिले से आंदोलन की कई तस्वीरें सामने आई हैं. बदंगांव में भारत बंद के कारण रांची-चाईबासा मुख्य मार्ग एनएच 75 ई जाम हो गया है. मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बाधित कर दिया गया है. वहीं दुकानें भी बंद रही. इधर सरायकेला-खरसावां जिला के चांडिल रेलवे स्टेशन के पास सैकड़ों संथाल समुदाय के महिला-पुरुष सिकली फाटक के पास बैठ गये. रेलवे ट्रैक को भी जाम कर दिया.

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भारत बंद का असर: झारखंड में सड़क जाम, दुकानें बंद, कहीं सड़कों पर तो, कहीं रेलवे ट्रैक पर बैठे आदिवासी 3

बंदगांव में सड़कों पर लोग

आंदोलनरत आदिवासी समुदाय के लोग झंडा बैनर लेकर बदंगांव थाना अंतर्गत बाजार में रांची चाईबासा मुख्य मार्ग एनएच-75 ई पर आकर बैठ गए हैं. शनिवार सुबह दोपहर से वे सड़क पर बैठे हैं. और लगातार नारेबाजी कर रहे हैं, जिससे रांची चाईबासा मुख्य मार्ग पर आगमन पूरी तरह बाधित हो गया. उन्होंने अपनी मांगों को लेकर जमकर आवाज बुलंद किया. घटना की सूचना मिलते ही बदंगांव थाना पुलिस जाम स्थल पर पहुंच कर जाम कर रहे लोगों से वार्ता कर रही है. इधर समाचार लिखे जाने तक सड़क पूरी तरह जाम था. बंदगांव बाजार भी पूरी तरह बंद रहा. हालांकि, जिले के हर हिस्से में बंद का असर नहीं पड़ा. रेल यातायात भी चालू हैं.

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चांडिल में बंद का असर

सरायकेला-खरसावां जिला में भी लोगों ने भारत बंद का समर्थन किया है. चांडिल में केंद्रीय संयोजक सोनाराम सोरेन के नेतृत्व में केंद्रीय सरना समिति व सेंगेल अभियान के सैंकड़ों लोग झंडा बैनर लेकर सिकली फाटक के पास बैठ गए. हालांकि, करीब एक घंटे के बाद पुलिस प्रशासन के समझाने पर वे रेलवे ट्रैक से हट गए. उसके बाद चांडिल रेलवे स्टेशन से एनएच 32 होते हुए, चांडिल बाजार तक अपनी मांगों को लेकर रैली निकाली.

सरना धर्म कोड की मांग

बता दें कि भारत के आदिवासियों की धार्मिक आस्था को वर्ष 2024 के जनगणना प्रपत्र में अगल धर्म कॉलम (सरना धर्म कोड) में अंकित किए जाने की मांग को लेकर शनिवार को भारत बंद की घोषणा की गयी थी. सेंगेल अभियान व केंद्रीय सरना समिति के इस बंद का झारखंड के विभिन्न आदिवासी संगठनों ने समर्थन किया है. इसी के मद्देनजर शनिवार को केंद्रीय सरना समिति और सेंगेल अभियान के लोगों ने आंदोलन शुरू किया है.

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