झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि तीन राज्यों के चुनाव परिणाम से झारखंड में कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति पहले भी आयी है और पहले भी ऐसी संभावनाएं दिखी है. उस वक्त भी कोई असर नहीं देखा गया था. उन्होंने कहा कि जो जैसी मेहनत करेगा, परिणाम वैसा ही आयेगा. श्री सोरेन गिरिडीह में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बोलने की स्वतंत्रता सबको है. जनता जो निर्णय करती है, उसे दुनिया देखती है. इंडिया की बैठक में शामिल होने के सवाल पर श्री सोरेन ने कहा कि अभी व्यस्तता है, देखते हैं. इस बारे में उनकी बातचीत कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी हुई है. कहा कि कहीं भी कोई विवाद नहीं है.
गिरिडीह में विश्वविद्यालय बनने की प्रक्रिया बढ़ी
छात्रों से बातचीत के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा है कि गिरिडीह में विश्वविद्यालय बनने की प्रक्रिया आगे बढ़ी है. मामले को लेकर कई लोग उनसे मिले थे और गिरिडीह से एक प्रस्ताव भी भेजा गया है. जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी और हो सकता है गिरिडीह को जल्द ही अलग विश्वविद्यालय मिल जाये. बता दें कि गिरिडीह में सर जेसी बोस विश्वविद्यालय स्थापित करने का एक प्रस्ताव गिरिडीह सदर के विधायक ने भी भेजा था और इसके लिए 75 एकड़ जमीन चिह्नित कर अंतर विभागीय हस्तांतरण भी किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गिरिडीह में विश्वविद्यालय खुलने से इसका लाभ गिरिडीह के साथ-साथ देवघर के छात्र-छात्राओं को भी मिलेगा.
कई लोगों से मिले मुख्यमंत्री, सुनीं समस्याएं
रात्रि में गिरिडीह में विश्राम करने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सुबह कई लोगों से मिले. इस दौरान लोगों ने गिरिडीह से जुड़ी कई समस्याओं को भी रखा. जेएमएम के जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने मांग रखी कि गिरिडीह झंडा मैदान का नाम सर जेसी बोस झंडा मैदान रखा जाये और इस मैदान को विकसित किया जाये. वहीं जेएमएम महिला मोर्चा की प्रमिला मेहरा ने गिरिडीह कॉलेज मोड़ का नाम सावित्री बाई फुले चौक रखने का आग्रह किया. जेएमएम के जिला महासचिव सईद अख्तर ने भी आठ सूत्री मांगों के समर्थन में मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने गैर सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों में शिक्षकों की बहाली की मांग रखी. ज्ञापन में नगर विकास विभाग को हाईकोर्ट द्वारा दिये गये आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने, उर्दू शिक्षकों की बहाली करने, मॉब लिंचिंग के पीड़ितों को मुआवजा देने, मदरसा आलिम एवं फाजिल की परीक्षा विश्वविद्यालय से कराने और मदरसा बोर्ड, उर्दू एकेडमी, राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड, अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम गठन करने समेत अन्य मांगों को रखा है.
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