महिलाओं के खिलाफ अपराध में पश्चिम बंगाल की स्थिति कुछ खास बेहतर नहीं है. एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल 2021 में पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 35884 मामले दर्ज किये गये. यानी रोजाना करीब 99 महिलाओं पर पूरे राज्य में अत्याचार किया गया. हालांकि थोड़ी बहुत राहत की बात यह है कि यह वर्ष 2020 (कुल मामले 36439) की तुलना में कुछ कम हैं. आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा में पश्चिम बंगाल देश में पांचवें स्थान पर है. इस मामले में उत्तर प्रदेश (56083) पहले स्थान पर है. बात कोलकाता की हो, तो यह महिलाओं के खिलाफ हिंसा में देश के 19 मेट्रोपॉलिटन सिटी में आठवें स्थान पर है. मेट्रोपॉलिटन सिटी में सबसे खराब स्थिति दिल्ली (13982 मामले) की है. इसके बाद मुंबई (5543 मामले) का स्थान है. महानगर कोलकाता की स्थिति दिल्ली, मुंबई, जयपुर, हैदराबाद, बेंगलुरू, लखनऊ, इंदौर से बेहतर है.
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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के वर्ष 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, कोलकाता में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कुल 1783 मामले रिपोर्ट किये गये. यानी रोजाना करीब पांच महिलाओं के खिलाफ अपराध हुए. ये वैसे मामले में पुलिस तक पहुंचे. दुर्भाग्य से कई ऐसे मामले भी हैं, जिनका पुलिस रिकॉर्ड नहीं है. एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता में दुष्कर्म के 11 मामले दर्ज किये गये. वहीं पॉक्सो एक्ट के तहत 170 मामले दर्ज किये गये हैं. बच्चियों के साथ दुष्कर्म के 96 मामले देखे गये. बच्चियों पर यौन हमले के 51 और छेड़छाड़ के 21 मामले सामने आये. महानगर में 2021 में एसिड हमले के दो मामले सामने आये थे. जबकि एसिड से हमला करने की कोशिश का एक मामला कोलकाता में देखा गया था. महिलाओं के अपहरण की 254 घटनाएं दर्ज की गयी हैं. एसॉल्ट यानी हमला करके छेड़खानी के 250 मामले कोलकाता में पिछले साल दर्ज किये गये थे.
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पूरे पश्चिम बंगाल की बात करें, तो एनसीआरबी की 2021 की रिपाेर्ट के अनुसार, एसिड अटैक के 30 मामले सामने आये. 11 ऐसे मामले सामने आये, जिनमें महिलाओं पर एसिट फेंकने का प्रयास किया गया. पूरे पश्चिम बंगाल में महिलाओं के अपहरण की 7403 घटनाएं सामने आयी हैं. युवतियों के बेचे जाने से संबंधित 20 प्राथमिकी विभिन्न थानों में दर्ज करायी गयी है. यही नहीं दुष्कर्म के बाद हत्या के पांच मामले दर्ज हुए हैं. महिलाओं के खिलाफ हिंसा में पश्चिम बंगाल उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और असम से ही पीछे है. राज्य में पिछले साल दहेज हत्या के 454 मामले दर्ज किये गये हैं. वहीं पॉक्सो एक्ट के 2592 मामले सामने आये हैं. 2485 महिलाओं के साथ मारपीट की प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
दक्षिण 24 परगना के जयनगर की रहने वाली रूपा (बदला नाम) एक एसिड सर्वाइवर हैं. कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उससे एक युवक एकतरफा प्यार करने लगा था. उससे शादी का प्रस्ताव दिया. रूपा ने इससे इनकार कर दिया. लड़के ने इसका बदला लेने के लिए उसके चेहरे पर एसिड फेंक दिया था. लड़के के खिलाफ मामला अभी भी चल रहा है. दक्षिण कोलकाता के चेतला में रहने वाली मालती (बदला नाम) घरेलू हिंसा का शिकार थी. उसका पति ऑटो चालक था. मालती खुद दूसरों के घरों में काम करती थी. उसका पति रोजाना ही उसकी पिटाई करता था. मालती के अलावा अपनी बेटी पर भी वह हाथ उठाता था. हालात जब बर्दाश्त के बाहर हो गये तो मालती ने प्रतिवाद करना शुरू किया.
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम वहीं ये महानगर टॉप फाइव में शामिल है. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, जयपुर, कोलकाता आठवें स्थान पर आता है.
रिपोर्ट : आनंद कुमार सिंह