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आयुष्मान भारत का विस्तार

दिसंबर 2023 तक 28.45 करोड़ आयुष्मान भारत कार्ड जारी हो चुके हैं, जिनमें से नौ करोड़ से अधिक कार्ड बीते साल बने हैं.

देश भर में चल रहे आयुष्मान भव अभियान में पांच करोड़ से अधिक लोगों ने आभा (आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट्स) खाता खुलवाया है. इस अभियान में आयुष्मान आरोग्य मंदिर मेलों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेलों का आयोजन हो रहा है. अब तक 13.8 लाख मेलों में 11 करोड़ से अधिक लोग शामिल हो चुके हैं. उल्लेखनीय है कि आयुष्मान भारत बीमा योजना के तहत निर्धन परिवारों को सालाना पांच लाख रुपये तक के उपचार के लिए बीमा संरक्षण दिया जाता है. केंद्र सरकार की इस योजना के दायरे में 50 करोड़ से अधिक लोग आते हैं. यह दुनिया की सबसे बड़ी सार्वभौमिक बीमा योजना भी है. स्वस्थ रहने में अच्छी जीवन शैली और समय-समय पर जांच आधारभूत भूमिका निभाते हैं. योग, कसरत, खेल आदि नहीं करने से अनेक रोग पनपने लगते हैं. बहुत से लोग ऐसे हैं, जो रोगों के प्रारंभिक लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं और बाद में गंभीर रूप से रोगी हो जाते हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में इन पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया गया है. इसीलिए आयुष्मान आरोग्य मंदिर मेलों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेलों में केवल सरकार के स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों एवं योजनाओं की जानकारी ही नहीं दी जा रही है या बीमा योजनाओं में खाते ही नहीं खोले जा रहे हैं.

इन आयोजनों में योग-ध्यान के शिविर, विशेषज्ञ चिकित्सकों से कंप्यूटर के माध्यम से परामर्श आदि व्यवस्थाएं भी हैं. लगभग 6.40 करोड़ लोगों को मुफ्त दवाइयां उपलब्ध करायी गयी हैं. इसी प्रकार कई करोड़ लोगों की चिकित्सकीय जांच की गयी है. इन आयोजनों से स्वास्थ्य केंद्रों पर सुविधा-संसाधन भी बढ़े हैं, जो बाद में भी लोगों के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे. हमारे देश में बहुत सी महिलाएं गर्भवती होने या प्रसव के दौरान दम तोड़ देती हैं. जच्चा-बच्चा का स्वास्थ्य अच्छा रहे, इसके लिए जरूरी है कि गर्भवती होने की जानकारी मिलने के साथ ही डॉक्टर से सलाह लेना शुरू कर देना चाहिए. इन मेलों में लाखों माताओं और बच्चों को देखा गया है. यह भी उल्लेखनीय है कि इन आयोजनों में सर्जरी की व्यवस्था भी है और लोग उससे लाभान्वित हो रहे हैं. कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने अपने खर्च पर आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों और सेवाओं की संख्या भी बढ़ायी है. दिसंबर 2023 तक 28.45 करोड़ आयुष्मान भारत कार्ड जारी हो चुके हैं, जिनमें से नौ करोड़ से अधिक कार्ड बीते साल बने हैं. इस आंकड़े से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि योजना के लाभों को देखकर इसके प्रति लोगों का भरोसा बढ़ा है. जो अस्पताल किसी गड़बड़ी या भ्रष्टाचार में लिप्त पाये जाते हैं, उनके ऊपर समुचित कार्रवाई भी होती है. यह योजना लाभार्थियों के लिए संजीवनी साबित हुई है.

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