Jharkhand News: कभी खुद को राज्यस्तरीय जांच पदाधिकारी तो कभी खुद को बिहार का पत्रकार बताकर झारखंड के गढ़वा जिले की पंचायतों में मुखिया एवं लाभुकों से पैसा ऐंठ रहे दो फर्जी पत्रकारों को विशुनपुरा से गिरफ्तार किया गया है. दोनों फर्जी पत्रकारों में जयनारायण पाठक एवं विष्णु सिंह शामिल हैं. ये दोनों उत्तर प्रदेश के चदौली के रहनेवाले हैं. विशुनपुरा बीडीओ हीरक मन्ना केरकेट्टा के निर्देश पर दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुये उन्हें जेल भेज दिया गया है.
पुलिस ने उनके पास से समय चक्र टाइम्स का परिचय पत्र, दो मोबाइल, एक डायरी एवं उनकी होंडा सिटी कार (यूपी67पी-8355) को जब्त कर लिया है. बरामद डायरी में गढ़वा जिले के सभी बीडीओ का नंबर, पंचायतों की संख्या एवं उनका लोकेशन लिखा हुआ है. इसके साथ ही बिहार एवं उत्तरप्रदेश के प्रखंड, प्रधान का नाम एवं नंबर भी लिखा हुआ है.
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विशुनपुरा बीडीओ के पास ये खुद को पत्रकार बता रहे थे, जबकि पंचायतों में जाने के बाद वहां मुखिया अथवा योजना के लाभुकों से राज्यस्तरीय जांच अधिकारी बता रहे थे. बताया गया कि पहले ये लोग बीडीओ को फोन पर समय चक्र टाइम्स के पत्रकार बोल कर पंचायत के विकास बारे में मीटिंग करने के नाम से बीडीओ से मिलते थे. उसके बाद सभी पंचायतों में अपने को राज्यस्तरीय जांच पदाधिकारी के नाम पर एक-एक कर मुखिया से मिलते थे. इस दौरान वे पंचायत में विकास कार्यो में खर्च किये पैसे के बारे में जानकारी लेते थे. इसमें कमी बताकर उनसे पैसे की उगाही करते थे. एक सप्ताह पूर्व से गढ़वा जिले में रंका, रमना, डंडई, केतार, चिनिया और विशुनपुरा प्रखंड में अधिकारियों एवं मुखिया से मिलने का प्रयास चल रहा था. इस बीच बीते मंगलवार को संदेह होने पर इनकी पोल खुल गयी और वे प्रशासन के हत्थे चढ़ गये.
फर्जी अधिकारी बनकर ये दोनों विशुनपुरा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि बलराम पासवान से सात हजार रुपये और डंडई प्रखंड के सोनेहारा पंचायत के कूप योजना के लाभुक संतोष यादव से 10,200 रुपये की वसूली कर चुके थे. इसके बाद इसी तरह उन्होंने रमना प्रखंड के टंडवा पंचायत के मुखिया गुलाम अली से जांच के नाम पर भयादोहन कर 10 हजार रुपये की मांग की थी. जिसमें मुखिया ने उन्हें छह हजार देकर मामला सलटाया था.
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मंगलवार को बिशुनपुरा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि बलराम पासवान एवं पंचायत सचिव जगदीश राम के पास दोनों ने फोन से बात कर मिलने के लिए उन्हें पंचायत सचिवालय बुलाया. इसके बाद पंचायत में हुए कार्यों की जांच करने की बात कही. इस दौरान जब उनमें से एक जयनारायण पाठक मुखिया की कुर्सी पर बैठ गया, तो बलराम पासवान को उन दोनों की संदिग्ध गतिविधियों को देखकर कुछ आशंका हुयी. वे लोग बलराम पासवान से केंद्र की योजनाओं का लेखा-जोखा एवं खर्च का हिसाब मांग रहे थे. बलराम पासवान द्वारा परिचय पूछने पर कभी वे जांच अधिकारी तो कभी समय चक्र टाइम्स का बिहार संवाददाता बताने लगे.
इस पर मुखिया प्रतिनिधि बलराम पासवान का संदेह और गहरा गया. मुखिया प्रतिनिधि ने अन्य मुखिया से मिलाने की बात कहकर इन दोनों को प्रखंड कार्यालय में चलकर बात करने की बात कही. विशुनपुरा बीडीओ हीरक मन्ना केरकेट्टा ने दोनों से आईडी कार्ड या आवश्यक कागजात के बारे में पूछताछ की, तो दोनों ने बीडीओ को उनके सवालों का जवाब नहीं दिया. खुद को घिरते देख दोनों खुद को कभी पत्रकार तो कभी जांच अधिकारी बता रहे थे. इस पर बीडीओ का शक पुख्ता हो गया और उन्होंने इसकी सूचना विशुनपुरा पुलिस को दी. पुलिस के वहां पहुंचते ही दोनों के होश उड़ गये. दोनों को हिरासत में लेकर थाना लाया गया. थाना में मुखिया प्रतिनिधि बलराम पासवान के आवेदन पर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया.
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बीडीओ हीरक मन्नान केरकेट्टा ने बताया कि ऐसी घटना किसी भी सूरत में बर्दाश्त योग्य नहीं है. यह पत्रकारिता और प्रशासन दोनों को बदनाम करने की साजिश है. इस तरह के कृत्य से विकास भी अवरुद्ध होता है. इस मामले में थाना को प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष, पंचायत सचिव, मुखिया प्रतिनिधि एव ग्रामीणों की ओर से कारवाई के लिए आवेदन दिया गया है.
इस संबंध में थाना प्रभारी बुधराम सामद ने बताया कि इस मामले में बिशुनपुरा मुखिया प्रतिनिधि बलराम पासवान द्वारा आवेदन मिला है. जिसके आधार पर थाना कांड संख्या 5/22 धारा 419, 420, 43 भादवि की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज कर दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.
रिपोर्ट: विनोद पाठक