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कृषि कानूनों की वापसी पर बोले यूनियन नेता- 22 नवंबर को लखनऊ में किसान-मजदूर महापंचायत

देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीनों किसान कानूनों की वापसी की घोषणा पर किसान व राजनीतिक संगठनों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई है.

Aligarh News: पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार की सुबह तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान कर डाला. इस फैसले पर अलीगढ़ के किसान यूनियन के नेताओं ने भी अपनी बातें रखी. नेताओं ने कहा है कि 22 नवंबर को लखनऊ में होने वाली किसान मजदूर महापंचायत होगी और किसान आंदोलन जारी रहेगा.

22 नवंबर को किसान मजदूर महापंचायत

संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शशिकांत ने प्रभात खबर को बताया पीएम मोदी के किसान कानूनों की वापसी घोषणा का स्वागत है. जब तक कानून संसद में रद्द नहीं किए जाते तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा. 22 नवंबर को लखनऊ में होने वाली किसान मजदूर महापंचायत भी होगी, जिसमें अधिक से अधिक किसान और मजदूर भाग लेंगे.

पीएम के ऐलान पर क्या बोले किसान नेता?

भारतीय किसान यूनियन के पूर्व जिला महासचिव चौ. नवाब सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा स्वागत योग्य है. यह देश के हर नागरिक के हित में है, लेकिन एमएसपी कानून सहित किसानों मजदूरों की समस्याओं का समाधान होना बाकी है.

भाजपा जिलाध्यक्ष ऋषि पाल सिंह ने कहा कि भाजपा किसानों के साथ है. विपक्षी एक बार फिर सोचने को मजबूर होगा. सपा बसपा, कांग्रेस, वामपंथी विपक्ष किसान आंदोलन को हवा दे रहे थे, वरना तीनों के साथ कानून किसानों के हितकर थे.

भारतीय किसान यूनियन भानु के प्रदेश मुख्य सचिव डॉ. प्रवीण कुमार ने कहा कि सरकार की हार हुई है और किसानों की जीत हुई है. यह कदम पीएम को पहले ही उठाना चाहिए थे, इससे कई किसान हताहत नहीं होते.

(रिपोर्ट:- चमन शर्मा, अलीगढ़)

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