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झारखंड : पाकुड़ में किसानों को सिंचाई की समस्या से जल्द मिलेगी निजाद, 3120 कुएं का होगा निर्माण

पाकुड़ जिले के किसानों को सिंचाई की समस्या से जल्द निजाद मिलने वाला है. कूप निर्माण से जहां मजदूरों को रोजगार मिलेगा. जिले में 3120 सिंचाई कूप का निर्माण होगा. कूप निर्माण से किसानों को मौसमी खेती करने में भी सुविधा होगी.

पाकुड़, सानू दत्ता : पाकुड़ जिले के किसानों को सिंचाई की समस्या से जल्द निजाद मिलने वाला है. साथ ही कूप निर्माण से जहां मजदूरों को रोजगार मिलेगा. वहीं कुएं के निर्माण के बाद इसके पानी का उपयोग कर लाभुक साल भर सिंचाई कर सकते हैं. उक्त उद्देश्य को लेकर जिले में मनरेगा से दो सालों में बिरसा सिंचाई कूप योजना (Birsa Irrigation Well Scheme) के तहत 3,120 सिंचाई कूप का निर्माण किया जाना है. पहले वर्ष 2023-24 के लिए जिले के छह प्रखंडों को 2340 कूप निर्माण का लक्ष्य दिया गया है. साथ ही उसे नवंबर 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य भी दिया गया है. लक्ष्य के विरुद्ध जिला प्रशासन द्वारा अब तक पहले वर्ष के लिए 1210 कूपों की स्वीकृति दे दी है. वहीं, स्वीकृति के विरुद्ध 387 कूपों का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है.

कूप निर्माण का लक्ष्य

विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, अमड़ापाड़ा प्रखंड को 183 कूप निर्माण का लक्ष्य दिया गया है. जिसके एवज में 144 कूप निर्माण को लेकर प्रखंड की ओर से स्वीकृति प्रदान की गयी है. वहीं 28 कूपों का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है. हिरणपुर प्रखंड को 256 कूपों का लक्ष्य दिया गया है, जिसके विरुद्ध 70 कूपों की स्वीकृति प्रदान की गयी है. इसके अलावा लिट्टीपाड़ा प्रखंड को 311 का लक्ष्य दिया गया है, जिसके विरुद्ध 106 कूपों की स्वीकृति प्रदान की गयी है. महेशपुर को 603 कूपों का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसके विरुद्ध 497 कूपों की स्वीकृति दी गयी है. पाकुड़ प्रखंड को 658 का लक्ष्य दिया गया है, जिसके विरुद्ध 227 कूपों का स्वीकृति प्रदान किया गया है. वहीं, पाकुड़िया प्रखंड को 329 कूप निर्माण का लक्ष्य दिया गया है, जिसके विरुद्ध पाकुड़िया प्रखंड ने 196 कूप निर्माण के लिए अबतक स्वीकृति दे दी है.

कूप निर्माण कार्य में हिरणपुर आगे, तो वहीं पाकुड़ की है गति धीमी

बिरसा सिंचाई कूप योजना के कूप निर्माण कार्य में स्वीकृति प्रदान करने में सभी प्रखंड अपने स्तर से बेहतर प्रदर्शन करते दिख रहे हैं. पर धरातल पर कार्य धीमी दिखाई दे रही है. जिले में अबतक 1210 कूपों की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है. पर मात्र 387 कूपों का ही निर्माण कार्य जमीन पर शुरू हो पाया है. निर्माण कार्य में हिरणपुर प्रखंड आगे चल रहा है. वहीं, पाकुड़ प्रखंड की रफ्तार काफी धीमी दिखाई दे रही है. हिरणपुर 70 कूपों की स्वीकृति प्रदान कर 62 कूपों का निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया है. वहीं, पाकुड़ प्रखंड 227 कूपों की स्वीकृति प्रदान करते हुए मात्र अब तक 15 कूपों का ही निर्माण कार्य शुरू कर पायी है.

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मौसमी खेती करने में भी किसानों को होगी सुविधा

कूपों का निर्माण पूर्ण हो जाने के बाद मौसमी खेती करने में भी किसानों को सुविधा होगी. साथ ही किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने में भी काफी आसानी होगी. इसके अलावा पानी की समस्या दूर हो जाने से किसान अपनी पैदावार भी बढ़ा सकेंगे. वहीं, किसान विभिन्न मौसम में लगाई जाने वाली फसलों को भी लगा पाएंगे.

प्रखंडों में लक्ष्य के विरुद्ध कितना हुआ काम

प्रखंड : लक्ष्य : स्वीकृति : कार्य चालू

अमड़ापाड़ा : 183 : 114 : 28

हिरणपुर : 256 : 70 : 62

लिट्टीपाड़ा : 311 : 106 : 74

महेशपुर : 603 : 497 : 100

पाकुड़ : 658 : 227 : 15

पाकुड़िया : 329 : 196 : 108

(नोट – 3 जून, 2023 तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार)

सभी प्रखंडों को कूप निर्माण का लक्ष्य : मोतिउर रहमान

इस संबंध में डीआरडीए के परियोजना पदाधिकारी मोतिउर रहमान ने कहा कि सभी प्रखंडों को कूप निर्माण के लिए लक्ष्य दिया गया है. साथ ही समय पर मॉनिटरिंग करते हुए लक्ष्य प्राप्ति का निर्देश दिया जा रहा है. धीमी गति से काम करने वाले प्रखंडों को भी आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए काम को सही समय पर पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है.

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