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FIH Hockey World Cup 2023: भारत की कोशिश लगातार दूसरी जीत से क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की

स्पेन के खिलाफ की गयी गलतियों से भारत को बचना होगा. ड्रैग फ्लिकर अंसल को रोकने के लिए पाठक व श्रीजेश को दिखानी होगी मुस्तैदी.

कप्तान हरनमप्रीत सिंह बेशक इस बात से खुश होंगे कि भारत ने उनकी अगुआई में मजबूत स्पेन के खिलाफ 15वें एफआइएच पुरुष हॉकी विश्व कप में 2-0 से जीत के साथ आगाज किया. दुनिया की पांचवें नंबर की टीम भारत की कोशिश अब मजबूत इंग्लैंड को भी हरा लगातार दूसरी जीत के साथ क्वार्टर फाइनल में पहुंचने पर होगी. दूसरा मैच जीतने के बाद भारत के पूल डी में दो मैचों में छह अंक हो जायेंगे, वह अपने ग्रुप में शीर्ष पर रहेगा. भारत को इंग्लैंड के खिलाफ रविवार के अहम मैच में चिंतन- मनन कर नयी रणनीति से उतरना होगा.

शुक्रवार को पहले मैच में स्पेन के खिलाफ भारत को छह पेनाल्टी कॉर्नर मिले थे. दुनिया के सबसे खतरनाक ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह चार पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में नहीं बदल सके थे. एक पेनाल्टी स्ट्रोक पर चूकना जरूर अपनी रणनीति की बाबत नये सिरे से सोचने के मजबूर करेगा. पिछले लगातार तीन विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचनेवाली इंग्लैंड के खिलाफ भारत को रविवार को पूल डी के अहम मैच में अलग रणनीति से उतरना होगा. स्पेन के खिलाफ अभिषेक पीला कार्ड देखने की वजह से 10 मिनट तक मैच से बाहर रहे, इंग्लैंड के खिलाफ इस गलती को दोहराने से बचना चाहेंगे.

भारत को इंग्लैंड के बीच रविवार को यहां बिरसामुंडा स्टेडियम में बेहद रोचक संघर्ष की आस है

इंग्लैंड की पूल की सबसे कमजोर मानी जा रही वेल्स पर शुक्रवार को 5-0 से जीत में उसके ड्रैग फ्लिकर लियाम अंसल ने अहम भूमिका निभायी थी. उन्होंने पेनाल्टी कॉर्नर पर दो गोल दागे थे. इंग्लैंड के असंल को गोल करने से रोकने के लिए भारत के उपकप्तान अमित रोहिदास को बतौर रशर और गोलरक्षक कृष्ण बहादुर पाठक को स्पेन के खिलाफ पहले मैच की मुस्तैदी दिखानी होगी. भारत की मध्यपंक्ति में खासतौर पर हार्दिक सिंह और शमशेर सिंह को इंग्लैंड के फिल रोपर, सैम वॉर्ड और बांडुरक निकोलस जैसे स्ट्राइकरो की त्रिमूर्ति के हमले अपनी 25 गज की बाहर ही रोकने होंगे. भारत की रक्षापंक्ति में खुद कप्तान हरमनप्रीत और सुरेन्दर कुमार को न अमित रोहिदास के साथ मिल कर इंग्लैंड के हमले नााकाम करने होंगे. भारत ने स्पेन पर जीत से पूरे तीन अंक लेने के साथ यह भी सबक लिया होगा कि हॉकी के इस सबसे बड़े मंच पर जरा सी भी चूकी की गुंजाइश नहीं है.

भारत को इंग्लैंड के खिलाफ हर क्षण पूरी तरक चौकस होकर रहने की जरूरत है. जरा सी ढील भारतीय टीम को अर्श से फर्श पर ला सकती है. भारत शुरू के लिए अच्छी बात यह है कि वह शुरू के दो क्वॉर्टर यानी पहले हाफ में पूरी तरह हावी रहा. ओड़िशा के अपने दो आदिवासी रणबांकुरों फुलबैक उपकप्तान अमित रोहिदास ने हरमनप्रीत के शॉट पर लौटती गेंद पर गोल कर और अपने चयन को लेकर सवालों के घेरे में रहे फुलबैक नीलम संजीप खेस ने अहम पेनाल्टी कॉर्नर दिलाया. भारत के लिए अच्छी बात यह रही कि लिंकमैन के रूप में सदाबहार आकाशदीप सिंह ने नौजवान स्ट्राइकर अभिषेक, अनुभवी मनदीप और ललित उपाध्याय के लिए आगे बराबर गेंद बढ़ा दोनों को स्पेन पर हमले बोलने में मदद की थी. भारत के लिए मध्यपंक्ति में आक्रामक सेंटर हाफ मनप्रीत सिंह, विवेक सागर प्रसाद को लिंकमैन आकाशदीप और शमशेर सिंह के साथ गेंद को स्ट्राइकर अभिषेक ,मनदीप और ललित उपाध्याय की त्रिमूर्ति के साथ आगे बढ़ा गोल करने और पेनाल्टी कॉर्नर दिलाने में मदद करने के साथ खुद भी दोनों छोर से इंग्लैंड के गोल पर शुरू से हमले बोलने होंगे.

पिछले वर्ष भारत ने इंग्लैंड को हराया था

2022 में तीन मैच दोनों ने खेले थे. राष्ट्रमंडल में 4-4 से मुकाबला ड्रॉ रहा था. एफआइएच प्रो-लीग में पहला मैच 3-3 की बराबरी पर छूटा था. दूसरे मैच में भारत ने 4-3 से जीत दर्ज की थी. ओवरऑल बात करें, तो भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 10 मैच जीते हैं, जबकि इंग्लैंड की टीम सात मुकाबले ही जीत पायी हैं और चार मुकाबले ड्रा रहे हैं.

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