सरकार ने लोकसभा को सूचित किया कि आधार सर्विसेज के लिए अधिक शुल्क वसूलने वाले किसी भी ऑपरेटर को निलंबित कर दिया जाता है और उसे नियुक्त करने वाले पंजीयक पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सभी आधार ऑपरेटर को बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय डिटेल्स अपडेट किये जाने सहित विभिन्न आधार सेवाओं के लिए अधिक शुल्क न वसूलने का निर्देश दे रखा है.
आगे बताते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा, हालांकि, अगर अधिक वसूली की कोई रिपोर्ट प्राप्त होती है, तो उसकी जांच की जाती है और यदि यह साबित हो जाता है, तो संबंधित नामांकन पंजीयक पर 50,000 रुपये का वित्तीय जुर्माना लगाया जाता है और ऑपरेटर को निलंबित कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपनी शिकायतें यूआईडीएआई के पास ईमेल के जरिये या टोल फ्री नंबर 1947 पर फोन कर दर्ज करा सकते हैं.
आधार कार्ड से जुड़े बदलाव के संबंध में यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) द्वारा सोशल मीडिया पर जानकारी शेयर की गई है. जानकारी के मुताबिक़, अब हाथ की उंगलियां ना होने की स्थिति में आइरिस स्कैन के जरिये आधार नामांकन किया जा सकता है. हम यह जानते हैं कि आज के समय में आधार कितना जरुरी डॉक्युमेंट बन चुका है. बैंक अकाउंट खुलवाने, स्कूल कॉलेज के एडमिशन, प्रॉपर्टी खरीदने, ड्राइविंग लाइसेंस और पैन कार्ड बनवाने से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है. जब हम आधार कार्ड बनवाने जाते हैं, तो बायोमेट्रिक यानी फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन किया जाता है. लेकिन अगर किसी व्यक्ति के दोनों हाथ या उंगलियां ही न हों तो क्या ऐसे लोग जो आधार नहीं बनवा सकते हैं?
यूआईडीएआई के नियम के बारे में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक बयान जारी कर बताया कि बिना हाथ वाले भी आधार बनवा सकते हैं. एक व्यक्ति जो आधार के लिए पात्र है, लेकिन उंगलियों के निशान देने में असमर्थ है, वह केवल आईरिस स्कैन (आंखों की पुतलियों को स्कैन करके) कर अपना आधार बनवा सकता है.