गोरखपुर: गोरखपुर में दिन प्रतिदिन डेंगू के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. एक किशोरी समेत बुखार के 5 नए रोगियों में डेंगू की पुष्टि हुई है. अब गोरखपुर जिले में रोगियों की संख्या 38 हो गई है. इनमें 18 शहर और 20 ग्रामीण क्षेत्र के हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग में 37 रोगियों के ही सूची जारी की है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पॉजिटिव मिली रिपोर्ट को पोर्टल पर अपडेट नहीं किया गया है.
जिन 5 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है, उनमें राप्ती नगर की 19 वर्ष एक किशोरी व 47 वर्ष का एक व्यक्ति शामिल है. जगन्नाथपुर की 60 वर्षीय महिला व खजनी के 15 वर्षीय किशोर में भी डेंगू की पुष्टि हुई है. वहीं बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में हुई जांच में सूर्य विहार कॉलोनी में 48 वर्षीय व्यक्ति पॉजिटिव मिला है.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के वार्ड नंबर 6 के छह बेड को डेंगू रोगियों के लिए रिजर्व किया गया है. इनमें से 5 बेड पर मच्छरदानी लगाई गई है. इस वार्ड में 30 बेड मेडिसिन वार्ड को दिये गये हैं. 30 रोगियों को इसमें शिफ्ट भी कर दिया गया है. कुछ दिनों पहले इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड नंबर 14 में आग लग जाने की वजह से वह वार्ड बंद है.
Also Read: यूपी विधान भवन के ऊपर मंडराया हेलीकॉप्टर, हाई सिक्योरिटी जोन होने के कारण मचा हड़कंप!
जिला मलेरिया नियंत्रण अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि अभी तक 1362 स्थान पर एंटीलार्वा का छिड़काव किया जा चुका है. तीन घरों को नोटिस जारी कर सफाई रखने की सलाह दी गई हैं. इन घरों में छत के ऊपर टूटे-फूटे बर्तनों और कबाड़ में जमा पानी में मच्छरों के लार्वा मिले हैं. उन्होंने बताया कि गोरखपुर जिले में अभी तक 4775 लोगों को रैपिड और 814 लोगों की एलाइजा जांच की गई है.
गोरखपुर जिले में डेंगू के बढ़ते मामले को लेकर कमिश्नर अनिल ढींगरा और जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने जिला अस्पताल का निरीक्षण भी किया है. इस दौरान जिला अस्पताल में 13 मरीज भर्ती मिले हैं. जिनमें 7 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई हैं. गोरखपुर जिला अस्पताल में 25 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है. कमिश्नर और जिलाधिकारी ने जिला अस्पताल में व्यवस्थाओं को देखा. साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि रोगियों की देखभाल में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही ना बरती जाए. दवाएं और भोजन समय-समय पर उन्हें उपलब्ध कराएं.
आईएमए ने बैठक कर डेंगू की रैपिड और एलाइजा जांच के शुल्क तय किए हैं. उन्होंने रैपिड जांच के लिए 700 और एलाइजा जांच के लिए 1200 रुपए शुल्क तय किए हैं. गोरखपुर जिले में डेंगू के बढ़ रहे मामले के साथ ही पैथोलॉजी सेंटर रोगियों और उनके तीमारदारों से मनमाना जांच शुल्क ले रहे थे. पैथोलॉजी सेंटर वाले 800 से 1400 रूप शुल्क मरीजों से ले रहे थे. इस पर नियंत्रण के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दुबे व आईएमए के अध्यक्ष डॉ. राजेश गुप्ता के बीच बैठक हुई.
इस बैठक में महापौर व पैथोलॉजिस्ट डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव सहित पैथोलॉजिस्ट केंद्र संचालक भी शामिल थे. आईएमए के सदस्य डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2016 में जिले में रैपिड किट जांच की दर 800 रुपए तय की गई थी. वह दर आज भी वैध पैथोलॉजी संचालक ले रहे हैं. जिले में कुछ अविध तरीके से पैथोलॉजी का संचालन हो रहा है जो कि अनाप-शनाप रेट से जांच कर रहे हैं.जिस पर रोक लगाने के लिए इसका दर तय किया गया हैं.
रिपोर्ट: कुमार प्रदीप, गोरखपुर