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झारखंड : रामगढ़ में सालों से चल रहा अनाज की कटौती का खेल, PDS डीलर हर माह डकार रहे गरीबों का 3000 क्विंटल राशन

रामगढ़ जिले में वर्षों से अनाज कटौती का खेल चल रहा है, लेकिन इस ओर किसी का सुध नहीं जाता. हर महीने गरीबों का करीब तीन हजार क्विंटल अनाज हजम करने आरोप पीडीएस दुकानदारों पर लगता है. शिकायत करने पर विरले ही कार्रवाई होती है. इधर, पीडीएस दुकानदार इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं.

रामगढ़, नीरज अमिताभ/अजय कुमार : जनवितरण प्रणाली (Public Distribution System- PDS) को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है. इसके बावजूद गोदाम से लेकर पीडीएस दुकान तक अनाज की लूट और कालाबाजारी की जा रही है. राशन कार्डधारियों को निर्धारित मात्रा में अनाज नहीं दी जाती है. रामगढ़ जिले के सैकड़ों पीडीएस दुकानदार एक लाख 39 हजार से अधिक गरीब राशन कार्डधारियों के हिस्से का लगभग तीन हजार क्विंटल अनाज कटौती कर हजम कर रहे हैं. इसके अलावा अन्य तरीके से अनाज की लूट की जाती है. कई कार्डधारी शिकायत करते हैं, लेकिन दुकानदारों पर विरले ही कार्रवाई होती है.

रामगढ़ जिले में 657 पीडीएस दुकान

10-20 प्रतिशत कार्डधारी ऐसे हैं, जो कार्ड का अहर्ता नहीं रखते हैं. वे कार्रवाई की डर से हमेशा चुप रहते हैं. रामगढ़ जिला में 657 जनवितरण प्रणाली की दुकानें है. जिसमें 30-40 प्रतिशत दुकानें महिला मंडल संचालित करती हैं. जिले में 19,667 अंत्योदय, एक लाख नौ हजार 615 पीएचएच और 10 हजार 841 हरा कार्डधारी हैं. पीएचएच कार्ड में परिवार के सदस्यों की संख्या पांच लाख 13 हजार 580 तथा हरा कार्ड में लगभग 45-50 हजार सदस्य हैं. प्रत्येक अंत्योदय कार्डधारी को 35 किलोग्राम तथा पीएचएच और हरा कार्डधारी के परिवार के सदस्यों की संख्या के आधार पर पांच-पांच किलोग्राम अनाज देना है.

अनाज कटौती का खेल

रामगढ़ जिले के विभिन्न प्रखंड में स्थापित गोदाम से हर माह 32 हजार क्विंटल अनाज उठाव कर पीडीएस दुकानों में भेजा जाता है. अनाज कटौती का खेल जिले में लंबे समय से चल रहा है. कार्डधारी शिकायत करते हैं, लेकिन दुकानदारों पर कार्रवाई विरले होती है. प्रत्येक अंत्योदय कार्डधारियों से दो से लेकर पांच किलो तथा पीएचएच और हरा कार्डधारियों से प्रति यूनिट आधा या एक किलोग्राम अनाज की कटौती की जाती है. इस आधार से आकलन किया जाए, तो दुकानदार हर माह तीन हजार क्विंटल गरीबों के हिस्से का अनाज हजम करते हैं.

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कई तरीके से होती है अनाज की लूट

इसके अलावा अनाज की लूट कई तरीके से की जाती है. अनाज दुकान में रहता है, लेकिन दुकानदार कार्डधारियों से कहते हैं कि अभी अनाज नहीं आया है. दुकानदार कार्डधारी से पॉश मशीन में अंगूठा का निशान ले लेते हैं और वर्तमान माह का अनाज दूसरे माह में देते हैं. जिस कार्डधारी और सदस्यों की मौत हो जाती है, उसका भी अनाज दुकानदार हजम कर जाते हैं. 10-20 प्रतिशित ऐसे कार्डधारी हैं, जिनका कार्ड नहीं बनना चाहिए. वे कार्ड बनाकर अनाज का उठाव कर रहे हैं. वे लोग कार्रवाई की डर से हमेशा चुप रहते हैं.

लाभुक लगाते आरोप, पीडीएस दुकानदार कर रहे खारिज

कार्डधारी सायदा खातुन ने कहा कि हम पीएचएच कार्डधारी हैं. कार्ड में सदस्यों की संख्या चार है. 20 किलो अनाज मिलना चाहिए, लेकिन हर माह हमें 18 किलो ही अनाज मिलता है. पीडीएस दुकानदार रामप्यारे प्रजापति का कहना है कि जो भी कार्डधारी हैं, उन्हें निर्धारित मात्रा में अनाज दी जाती है.

कुछ गड़बड़ियों को दुरूस्त किया जा रहा है : डीएसओ

इस संबंध में डीएसओ सुदर्शन मुर्मू का कहना है कि पहले की तुलना में काफी सुधार हुआ है. कुछ गड़बड़ियां है. इसे दुरूस्त करने की कोशिश की जा रही है. अनाज कटौती की शिकायत मिलती है, तो उन दुकानदारों पर कार्रवाई की जाती है. चार दुकानदारों को निलंबित किया गया है.

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