गंगा विलास क्रूज शनिवार की रात 8 बजे फरक्का पहुंचा था. रात होने के कारण क्रूज गंगा में ही रहा. इस दौरान तीन मरीन जहाज उसकी निगरानी करते रहे. रात में लॉक गेट को पार नहीं किया जा सकता था, इसलिए सुबह होने का इंतजार किया गया. सुबह लॉक गेट पार कर वह कोलकाता की ओर रवाना हुआ.
फरक्का बराज को पार करने के लिए जहाजों को लॉक गेट पार करना होता है. लॉक गेट में पानी का स्तर गंगा से अलग होता है. इसलिए करीब आधा घंटा का समय लॉक गेट को पार करने में लगता है. इसके लिए भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के पायलट ही जहाज को लॉक गेट को पार कराते हैं.
शनिवार की रात करीब 8 बजे फरक्का पहुंचने के बाद गंगा विलास क्रूज को फरक्का में ही रोक दिया गया. रात में लॉक गेट को पार नहीं किया जा सकता था, इसलिए सुबह होने का इंतजार किया गया. इसके बाद प्राधिकरण के पायलट ने लॉक गेट को पार कराया. लॉक गेट को पार कराने के लिए गंगा के जलस्तर के बराबर लॉक गेट में जल का स्तर किया गया. इसके बाद गंगा विलास क्रूज को लॉक गेट में लाया गया.
पहली तरफ के गेट को लॉक करके बराज के जलस्तर के हिसाब से लॉक गेट का जलस्तर किया गया. उसके बाद दुसरे गेट से गंगा विलास क्रूज बाहर निकला. लॉक गेट से बाहर निकलने के बाद गंगा विलास क्रूज के पायलट ने क्रूज को हजारीबाग के रास्ते कोलकाता की ओर ले गये.
भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के सहायक निदेशक संजीव कुमार ने बताया कि गंगा विलास क्रूज विदेशी पर्यटकों को लेकर 51 दिनों की लंबी यात्रा पर निकला है. यह क्रूज वाराणसी से डिब्रूगढ़ की 3200 किलोमीटर की यात्रा पूरी करेगा.
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— GURU SWARUP MISHRA (@guruswarup4U) January 22, 2023