Gaya Tourist Places: गया भारत में स्थित बिहार राज्य में ग्राम गया स्थित है, जो ज्यादातर तीर्थ एवं दर्शनीय स्थल (Best Tourist Places in Gaya) के कारण जाना जाता है। यहाँ देश व विदेश से लोग घूमने के लिये आते है यह इतिहास एवं प्राचीन दृष्टि से बहुत ज्यादा प्रचिलित स्थान है इसी कारण ऐसा कोई भी व्यक्ति होगा जो गया के स्थान के बारे में नहीं जानता होगा ओर तो ओर यहां महात्मा गौतम बुद्ध की प्रतिमा स्थापित है एवं भगवान का बुद्ध का जन्म बहुत धूम धाम से मानाया जाता है और साथ ही साथ यहॉ प्राचीन मंदिर स्थित है गया तीन ओर से पहाडियों से घिरा हुआ है यहां पर फाल्गु नदी बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है क्योंकि यहां देश और विदेश से यात्री आपने पुर्वजो का पिंड दान के लिये आते है.
सर्नातन धर्म से अनुसार यहां मनुष्य की आत्मा को मुक्ति प्राप्त होती है और हिन्दुओं के रीतिरिवाज के कारण पीड़ी दर पीड़ा यह परमपरा चली आ रहीं है अपने पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिये यहा पिंड दान किया जाता है. अब आप लोगों के मन में यह प्रश्न होगा यहां पिंड क्यों करते होगें यहा जाने के कौन से कौन से मार्ग है एवं यहां पिंड दान का क्या महत्व है, पिंडदान की विधि क्या है , पिंडदान कब किया जाता है और सही समय कब है.
साल 2023 में कब से प्रारंभ हो रहे हैं पितृ पक्ष
इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर 2023, शुक्रवार से प्रारंभ हो रहे हैं और इनका समापन 14 अक्टूबर, शनिवार को होगा. पितृ पक्ष के पहले दिन पूर्णिमा की श्राद्ध और प्रतिपदा श्राद्ध भी किया जाएगा.
पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां
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पूर्णिमा श्राद्ध – 29 सितंबर 2023
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प्रतिपदा श्राद्ध – 29 सितंबर 2023
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द्वितीया श्राद्ध – 30 सितंबर 2023
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तृतीया श्राद्ध – 1 अक्टूबर 2023
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चतुर्थी श्राद्ध – 2 अक्टूबर 2023
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पंचमी श्राद्ध – 3 अक्टूबर 2023
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षष्ठी श्राद्ध – 4 अक्टूबर 2023
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सप्तमी श्राद्ध – 5 अक्टूबर 2023
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अष्टमी श्राद्ध- 6 अक्टूबर 2023
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नवमी श्राद्ध – 7 अक्टूबर 2023
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दशमी श्राद्ध – 8 अक्टूबर 2023
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एकादशी श्राद्ध – 9 अक्टूबर 2023
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द्वादशी श्राद्ध- 11 अक्टूबर 2023
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त्रयोदशी श्राद्ध – 12 अक्टूबर 2023
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चतुर्दशी श्राद्ध- 13 अक्टूबर 2023
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अमावस्या श्राद्ध- 14 अक्टूबर 2023
गया में पर्यटन स्थल
दुन्गेश्वरी गुफा मंदिर
गया शहर से 11 km दुर दुन्गेश्वरी के शान पहाडियों के ऊपर बना हुआ है दुन्गेश्वरी का गुफ़ा मंदिर कहते हैं बद्ध जी ने गया में ज्ञान प्राप्ति से पूर्ण यहाँ कई साल बिताये थे. इस जगह को महाकाल की गुफाए भी कहा जाता है.
मुचालिंदा सरोवर
बोध गया के मोचारिम इलाके में बना हुआ है मुचालिंदा सरोवर, जिसका काफी पौराणिक महत्ब है. यहाँ पर सर्वर के बीचो बीच एक बद्ध जी की मूर्ति है. जिसको नाग के प्रतिमा ने ढका हुआ है. कहते है बद्ध जी को तूफ़ान से नाग देवता मुचालिंदा ने बचाया था जिसको ये प्रतिमा रुपान्द्रित करती है.
जामा मस्जिद
गया के मुरारपुर के इलाके में बनी हुई है जामा मस्जिद. जो बिहार के सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है. इस 200 साल पुराणी मस्जिद में इवादत करने दूर दूर से लोग आते हैं.
बराबर गुफाएं
अगर आप गया आएं तो यहाँ से 30 km दूर मौजूद बराबर की गुफाएं देखना ना भूले. ये गुफाएं अत्यंत प्राचीन है जो हजारो साल पहले पत्थरों को कट कर बनाई गयी थी. इन गुफाओं की दीवारों पर हिन्दू, जैन, और बौद्ध धर्म से जुड़े चित्र और लिखावट भी देखने को मिलेगे.
शाही भूटान मठ
शाही भूटान मठ गया में बना एक बौद्ध मठ है. इस मठ का नाम भूटान मठ इसीलिए पड़ा क्युकि इसे भूटान के राजा ने बनवाया था. इस बौद्ध मठ के अन्दर दीवारों पर की गयी कलाकृतिया देखने लायक है. जिसके द्वारा बौद्ध धर्म के बारे में दर्शाया गया है. इस मठ के पास में ही बना Indosan Nippon Japanese Temple भी देखने योग है.
विष्णुपद मंदिर
जैसा की नाम से ही प्रतीत हो रहा है ये मंदिर विष्णु जी को समर्पित मंदिर है. यहाँ पर विशाल पद चिन्ह भी बने हुए हैं जो की गयासुर की ऊपर विष्णु जी के पैर रखने को दर्शातें हैं. इस मंदिर के आसपास कई और मंदिर भी बने हुए है जो की आप देख सकते हैं.
वट थाई
वट थाई एक बौद्ध मठ है, जिसकी बनावट थाई वास्तुकला के अनुरूप की गयी है. बोधगया में बनी ये मठ आपको अन्य मठो से काफी अलग लगेगी. यहाँ पर थाईलैंड के लोगो के रुकने के लिए व्यस्था भी प्रदान की जाती है.
मां मंगला गौरी मंदिर
हिन्दू धर्म में गया का मां मंगला गौरी मंदिर भी काफी मान्यता है. इस जगह पर सती पार्वती जी का शरीर गिरा था| ये मंदिर 18 महाशक्ति पीठ में से एक है. यहाँ पर सती की पोषण की देवी के रूप में पूजा अर्चना की जाती है.
महान बुद्ध प्रतिमा
बोधगया में बनी हुई है एक विशाल बुद्ध प्रतिमा जो 80 फीट उची है. गगनचुम्बी इस बौद्ध प्रतिमा का उदघाटन बौद्ध धर्म गुरु श्री दलाई लामा ने 1989 में किया था. ये असमान छूती प्रतिमा काफी दूर से नज़र आती है, और बिहार का एक अहम् पर्यटन स्थल भी है.
महाबोधि मंदिर
महाबोधि मंदिर बुद्ध जी के जीवन से जुड़ा एक अहम् स्थान है. जहाँ बुद्ध जी ने अपने जीवन का अमूल्य समय बिताया था. इस महाबोधि मंदिर की वनावट सम्राट अशोक द्वारा स्थापित स्तूप के सामान है. भगवान गौतम बुद्ध को बोधि पेड़ के निचे तपस्या करने पर ज्ञान प्राप्त हुआ था तभी से ये स्थल बौद्ध धर्मो के लिए काफी महत्ब्पूर्ण हो गया. इस मंदिर को उसी स्थान पर बनाया गया है जहा पर भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था.
गया कैसे पहुचें- How to reach Gaya
सड़क द्वारा (By Road)- यदि आप सड़क मार्ग द्वार गया की यात्रा करते हैं तोह हम बता दें बिहार के पटना राजधानी से अच्छी तरह से जुडी हुई है इसके अलावा नालंदा, राजगीर, वाराणसी, और काठमांडू से भी बस उपलब्ध है.
ट्रेन द्वारा (By Train)- यदि आप ट्रेन से गया की यात्रा करतें हैं तो हम बता दें की गया का अपना रेलवे स्टेशन गया जंक्शन है. यहाँ से और यहाँ के लिए भारत के प्रमुख शहरो से ट्रेनों अच्छी तरह जुड़ी हुई है.
हवाई जहाज द्वारा (By Flight)- यदि आप हवाई जहाज से गया की यात्रा करते हैं तो हम बता दे की बोधगया अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो गया शहर से लगभग 17 km दुरी पर है. लेकिन यहाँ पर सप्ताहिक अन्तराष्ट्रीय उडान भारती है. इसके अलावा आप भारत के अन्य राज्य से भी आते है तो आपको पटना की जय प्रकाश नारायण हवाई अड्डा आना होगा जो की आसानी से जुडी हुई है और पटना से बस, टैक्सी द्वारा गया आ सकते हैं जो 110 km दूरी पर है.