घाटशिला प्रखंड में मनरेगा में दो माह पूर्व 1250 मजदूर काम कर रहे थे. मगर आज घटकर 450 मजदूर ही रह गये हैं. दो माह में वेंडर और मजदूरों की मजदूरी लगभग एक करोड़ बकाया हो गया है. इससे मनरेगा में काम कच्छप गति से हो रहा है. दो माह में वेंडर का 70 लाख और दो माह में मजदूरों की मजदूरी 30 लाख बकाया है. इसकी जानकारी बीपीओ सुनाराम किस्कू ने दी. जानकारी के अनुसार, दामपाड़ा क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में मजदूर ईंट भट्ठा में लग जाते हैं. बहुत से मजदूर कृषि कार्य में लगे हैं. आसना पंचायत के मुखिया मान सिंह हेंब्रम ने बताया कि मजदूरी तीन माह बाद मिलेगी, तो क्यों मनरेगा में मजदूरी करेंगे. पहले बड़े-बड़े तालाब की खुदाई होती थी. मगर अभी बंद हो गयी. मकर को देखते हुए मजदूरों को नकद राशि मिलने पर काम कर रहे हैं. कालचिती के मुखिया बैधनाथ मुर्मू ने बताया कि समय पर मजदूरी नहीं मिलने से मनरेगा प्रभावित हो रही है. बहुत से मजदूर ईंट भट्ठा और कृषि कार्य कर रहे हैं. भदुआ के मुखिया श्याम चंद मानकी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों और वेंडर को समय पर पैसे नहीं मिलने से मनरेगा प्रभावित हो रही है. अधिकांश समय पंचायत प्रतिनिधि अबुआ आवास में दे रहे हैं.
मनरेगा मजदूरों को दो माह का लगभग 30 लाख व वेंडर का 70 लाख बकाया है. इससे काम प्रभावित है. धान कटनी के बाद मनरेगा में तेजी आयेगी. प्रखंड में 23-24 में 400 सिंचाई कुआं का लक्ष्य है. अभी दीदी बाड़ी, कुआं, पीएम आवास, आंबेडकर आवास में मजदूर काम कर रहे हैं. मजदूरों की संख्या में गिरावट आयी है.
सुनाराम किस्कू, बीपीओ
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