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Fraud मामले में गिरिडीह 10वें नंबर पर, पुलिस के ताबड़तोड़ छापामारी से जिला छोड़ने को मजबूर साइबर अपराधी

ठगी के मामले में गिरिडीह 10वें नंबर पर पहुंच गया है. हालांकि, पुलिस के ताबड़तोड़ छापामारी से साइबर अपराधी जिला छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. वे सेफ जोन की तलाश में भटक रहे हैं, कई ने सीमावर्ती जिले में शरण ले रखा है.

गिरिडीह, राकेश सिन्हा : एक ओर जहां दिन-प्रतिदिन देशभर में साइबर अपराध के मामले बढते जा रहे हैं. वहीं राहत भरी खबर यह है कि गिरिडीह जिला में पुलिस की दबिश से साइबर अपराधियों के पांव उखड़ने लगे हैं. पुलिस के ताबड़तोड़ छापामारी अभियान ने साइबर अपराधियों के हौसले को अब हिला कर रख दिया है. यही कारण है कि गिरिडीह जिला से साइबर अपराधियों का पलायन शुरू हो गया है और ये सीमावर्ती जिला के साथ-साथ अन्य जिलों में सेफ जोन की तलाश में भटक रहे हैं. साइबर अपराध पर नकेल कसने के लिए झारखंड पुलिस ने जिस प्रतिबिंब पोर्टल को विकसित किया है उसके भी अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं. गिरिडीह में एसपी के पद पर दीपक कुमार शर्मा के आने के बाद साइबर अपराध पुलिस के निशाने पर है. यही कारण है कि इन दिनों पुलिस ने काफी कम समय में ही कई हार्डकोर साईबर अपराधियों समेत अन्य को सलाखों के पीछे भेजने में कामयाबी हासिल की है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरिडीह जिले के विभिन्न इलाकों में रह रहे साइबर अपराधियों ने अब देवघर, कोडरमा, पाकुड़, दुमका, हजारीबाग, धनबाद आदि जिलों में जाकर क्राइम करना शुरू कर दिया है. बीते 30 नवंबर को पाकुड़ में जिन साइबर अपराधियों को पुलिस ने दबोचा है, उसमें दो लोग गिरिडीह के रहने वाले हैं, जो पाकुड़ में किराये के मकान में रह कर अपराध को अंजाम दे रहे थे. इसके अलावा अन्य जिलों में शरण लेने के बाद गिरिडीह के कई साइबर अपराधी अपराध को अंजाम दे रहे हैं. यह सूचना प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से गिरिडीह जिले के पुलिस को भी मिली है. पुलिस सूत्रों की मानें तो ऐसे अपराधी भी गिरिडीह पुलिस के सर्विलांस में हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस रणनीति बना रही है.

सुबह रहते हैं गिरिडीह में, दोपहर में दिखते हैं दूसरे जिले में

कई साइबर अपराधी अपराध करने के लिए दूसरे जिले में जाते हैं और फिर अपराध करने के बाद लौट भी आते हैं. ऐसे लोग बाइक पर अपराध करने के लिए सुबह में सीमावर्ती जिले में पुलिस के डर से चले जाते हैं और अपराध करने के बाद वापस भी लौट आते हैं. ऐसे अपराधियों को पकड़ने में गिरिडीह पुलिस के पसीने भी छूट रहे हैं. एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि प्रतिबिंब पोर्टल पर कुछ अपराधी सुबह में गिरिडीह जिले के किसी क्षेत्र में दिखते हैं और जब पुलिस पकड़ने के लिए उस स्थल पर पहुंचती है तो उनका सीम दूसरे जिले में एक्टिव दिखने लगता है.

रोजगार की खोज में गए, अपराध की ट्रेनिंग लेकर लौटे

गिरिडीह से प्रत्येक वर्ष लाखों लोग रोजगार की खोज में दूसरे राज्यों में जाते हैं. पिछले कुछ वर्षों में काफी संख्या में नवयुवक रोजगार की खोज में दूसरे राज्यों में गये लेकिन अपराध की ट्रेनिंग लेकर वापस लौटे. इन अपराधियों ने साइबर अपराध की ट्रेनिंग लेने के बाद गिरिडीह में भी कई लोग को ट्रेंड कर दिया. ऐसे लोग पेड़ के नीचे या गुप्त ठिकानों पर लैपटॉप और मोबाइल लेकर बैठे रहते थें और ट्रेनिंग देते थे. ट्रेनिंग देने वाले कई मास्टरमाइंड अपराधियों की धर-पकड़ के बाद बचे लोगों में दहशत देखा जा रहा है.

ठगने में गिरिडीह जिला का स्थान दसवें नंबर पर

देशभर के लोगों के लिए राहत भरी खबर है कि गिरिडीह में साईबर अपराधियों की धर-पकड़ तेजी से हो रही है, लेकिन गिरिडीह के लोग जो दूसरे राज्यों के साइबर अपराधियों से ठगी के शिकार हो रहे हैं, उन्हें राहत नहीं मिल पा रही है. ऐसे लोग गिरिडीह पुलिस द्वारा चलाये गये जागरुकता अभियान का ही फिलहाल सहारा ले सकते हैं. एनसीसीआरपी पोर्टल के अनुसार साइबर अपराध के आंकड़ें काफी चौंकाने वाले हैं. देशभर में ठगी करने के मामले में गिरिडीह जिला दसवें स्थान पर है. देश भर में हो रहे साइबर अपराध में गिरिडीह जिला के अपराधियों का योगदान दो प्रतिशत माना जा रहा है. पुलिस सूत्रों की मानें तो अब इस आंकड़ें में भारी कमी आने की उम्मीद है.

जिले में अब 30 से 35 सिमकार्ड है अपराध में सक्रिय

जिले में साइबर अपराधियों ने ठगी के लिए तरह-तरह के हतकंडे को अपनाया है. कुछ लोग फर्जी लिंक भेज कर बैंक खाते से राशि उड़ा रहे हैं, जबकि ओटीपी भेज कर कई की राशि निकासी कर ले रहे हैं. अब सरकार की विभिन्न याेजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर भी ठगी शुरू कर दी गयी है. वहीं सेक्सटॉर्शन के जरिये लोगों को ब्लेकमैल किया जा रहा है. कई लोग पार्सल डिलीवरी ब्यॉय बनकर बार कोड व ओटीपी के सहारे राशि की वसूली कर रहे हैं. हालांकि पुलिस ने अपराध में सक्रिय सिमकार्डो में से पिछले तीन माह में 163 सिमकार्ड को निष्क्रिय कर दिया है. अब जिले में लगभग 30 से 35 सिमकार्ड सक्रिय बताये जा रहे हैं, जिसे प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से चिन्हित किया गया है और ये सभी सिमकार्ड पर पुलिस की नजर भी है. बताया जाता है कि इसके अलावा भी कई सिमकार्ड सक्रिय हैं और लगभग 200 से भी ज्यादा साइबर अपराधी इस इलाके में सक्रिय हैं जो इस अपराध को अंजाम दिलाने में अलग-अलग भूमिका रखते हैं. बताया जाता है कि सिमकार्ड के जरिए सीधे क्राइम करने वाला अलग व्यक्ति होता है, जबकि क्राइम कराने वाला अलग व्यक्ति और अलग-अलग कार्य में सहयोग देने वाला अलग व्यक्ति होता है. एटीएम से राशि निकालने के लिए अलग से युवकों को लगाया जाता है. साथ ही ऐसे अपराधी भी इससे जुड़े हुए हैं जो प्रतिशत के आधार पर अपने बैंक खाता का इस्तेमाल करने की छूट देते हैं.

100 दिन में 68 साइबर अपराधी गिरफ्तार, भारी मात्रा में मोबाइल, सिम व एटीएम कार्ड बरामद

गिरिडीह जिले में गांडेय और बेंगाबाद प्रखंड साइबर अपराधियों के लिए गढ़ माना जाता है. जिले में अहिल्यापुर थाना, ताराटांड़ थाना, गांडेय थाना और बेंगाबाद थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा साईबर अपराधी सक्रिय रहे हैं. लेकिन एसपी दीपक शर्मा के पदस्थापन के बाद पुलिस के कार्यो की प्राथमिकता सूची में साईबर अपराध आने से साईबर अपराधियों में दहशत का माहौल बन गया है. गिरिडीह जिले में पिछले 100 दिनों में 68 साईबर अपराधियों को अलग-अलग थाना क्षेत्रों से गिरफ्तार किया है. इन लोगों से अब-तक लगभग 171 मोबाइल फोन, 63 एटीएम कार्ड व पासबुक, 163 सीमकार्ड, 6 बाइक और 1.10 लाख रूपये नगद राशि बरामद करने में सफलता मिली है. सूत्रों की मानें तो एसपी श्री शर्मा सुबह उठने के बाद सबसे पहले प्रतिबिंब पोर्टल का अध्ययन करते हैं. इस पोर्टल में सक्रिय सीमकार्डो को देखने के बाद संबंधित थाना की पुलिस के साथ-साथ साईबर सेल को भी सक्रिय किया जाता है. साईबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी कहते हैं कि हाल के दिनों में काफी संख्या में साईबर अपराधी पकङे गये हैं और इसमें प्रतिबिंब पोर्टल भी काफी कारगार साबित हो रहा है. उन्होंने बताया कि घर छोङ कर जंगल से क्राइम करने वाले कई साईबर अपराधियों को चार-चार किमी तक खदेङ कर पुलिस ने पकङा है. उन्होंने बताया कि गिरिडीह के लोगों को ठगी के शिकार होने से बचाने के लिए हीं जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. लोगों को बुकलेट, हॉर्डिंग, सेमिनार आदि के माध्यम से जागरूक करने का कार्य पुलिस कर रही है.

क्या कहते हैं प्रतिबिंब पोर्टल के आंकड़ें

  • पोर्टल लॉन्च- 7 नवंबर

  • दर्ज प्राथमिकी – 08 (17 नवंबर से 30 नवंबर के बीच)

  • गिरफ्तार अभियुक्तों की संख्या – 25

  • बरामद सिमकार्ड – 96

  • बरामद मोबाईल फोन – 74

  • बरामद एटीएम कार्ड – 04

साइबर अपराध के सभी मामले प्रतिबिंब पोर्टल पर एफआईआर के रूप में दर्ज नहीं होते हैं. कई मामलों पर प्रतिबिंब पोर्टल पर शिकायतें दर्ज होती है, जिसका निष्पादन पुलिस के द्वारा नियमित रूप से किया जाता है. बताया जाता है कि गिरिडीह से संबंधित लगभग 30-40 शिकायतें अब भी लंबित हैं, बहुत सारी शिकायतें वैसी है, जिसमें एक ही सिमकार्ड नंबर से कई अपराध किये गये हैं.

साइबर अपराध पर अंकुश लगाने का हर संभव प्रयास : एसपी

गिरिडीह एसपी दीपक कुमार शर्मा ने कहा कि साइबर अपराध के पूर्ण सफाया की बात तो हम नहीं कर सकते, लेकिन साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है और आगे भी करेगी. उन्होंने बताया कि झारखंड पुलिस के सीआईडी विंग के द्वारा बनाया गया प्रतिबिंब पोर्टल अपराधियों को पकड़ने में कारगर साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि सभी थानों के साथ-साथ साइबर थाना की पुलिस को अलर्ट किया गया है और उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे ठगी के शिकार हुए लोगों की सुनें और प्राथमिकी दर्ज करें. साथ हीं उन्होंने कहा कि लोगों को अपना शिकायत प्रतिबिंब पोर्टल पर भी दर्ज कराना चाहिए. साईबर अपराधी या तो अपराध करना बंद कर दें या जेल जाने को तैयार रहें. साईबर अपराधियों की धर-पकड़ के अलावे उनकी संपत्ति जब्त करने की भी कार्रवाई पुलिस कर रही है. ऐसे लोगों को चिन्हित कर आयकर विभाग को सूचित किया जा रहा है.

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