17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Good Luck Jerry movie review: इस ब्लैक कॉमेडी में जबरदस्त चमकी हैं जाह्नवी कपूर

Good Luck Jerry review: फिल्म की शुरुआत गाने ज़िन्दगी झंड बा से होती है और ग्राफ़िक के ज़रिये कहानी को दरभंगा से पंजाब तक बढ़ाया जाता है. जेरी के माता पिता उसकी छोटी बहन के साथ दरभंगा से पंजाब पहुँचते हैं , लेकिन मुसीबतें और संघर्ष उनका पीछा पंजाब में भी नहीं छोड़ती हैं,पिता का साथ ज़रूर छूट जाता है.

फ़िल्म- गुडलक जेरी

निर्माता – कलर येल्लो प्रोडक्शन

निर्देशक- सिद्धार्थ सेनगुप्ता

कलकार – जाह्नवी कपूर , मीता वशिष्ठ , दीपक डोबरियाल , साहिल मेहता, सुशांत सिंह , जशवंत सिंह और अन्य

रेटिंग – तीन

साउथ की फिल्मों और उनके हिंदी रीमेक के बीच गुडलक जेरी तमिल फिल्म कोलमावु कोकिला का हिंदी रीमेक है. साउथ वाली इस कहानी में बिहार और पंजाब को जिस तरह से जोड़ गया है. वह इस ब्लैक कॉमेडी फिल्म के किरदारों और परिवेश में एक अलग ही रंग भरता है. जिसने फिल्म को एंगेजिंग के साथ – साथ एंटरटेनिंग बना दिया है.

जेरी की एडवेंचर से भरी दुनिया

फिल्म की शुरुआत गाने ज़िन्दगी झंड बा से होती है और ग्राफ़िक के ज़रिये कहानी को दरभंगा से पंजाब तक बढ़ाया जाता है. जेरी के माता पिता उसकी छोटी बहन के साथ दरभंगा से पंजाब पहुँचते हैं , लेकिन मुसीबतें और संघर्ष उनका पीछा पंजाब में भी नहीं छोड़ती हैं,पिता का साथ ज़रूर छूट जाता है. घर की जिम्मेदारी जेरी और उसके मां ( मीता वशिष्ठ ) पर आ गयी है. मां मोमोज बेच रही है तो जेरी मसाज पार्लर में काम कर रही है, मगर मुश्किलों से ही गुज़र-बसर हो रही है. मुसीबतों का पहाड़ उस वक़्त टूट पड़ता है , जब मालूम पड़ता है कि जेरी की मां को लंग कैंसर है. उसे बचाने के लिए २० लाख की ज़रूरत है जेरी हार मैंने वालों में से नहीं है. इतने कम समय में इतने सारे पैसे कहाँ से आ पाएंगे. ये सवाल उसे ड्रग की तस्करी से जोड़ देता है, वह मां के इलाज के लिए पैसे जोड़ भी लेती है, लेकिन जब वह ड्रग तस्करी को छोड़ना चाहती है, तो फिर ड्रग माफिआ उसके खिलाफ हो जाते हैं. कैसे जेरी खुद को और अपने परिवार को इस मुसीबत से बचाती है. यही फिल्म की कहानी है.

जेरी की दुनिया में दर्द है लेकिन कहीं भी वो उसका परिवार आपको बेचारा टाइप नहीं लगता है तो वहीँ ड्रग माफिया की दुनिया से जुड़े लोगों को विलेन के तौर पर दिखाया तो गया है , लेकिन उनसे कॉमेडी का एंगल जिस तरह से जोड़ा गया है. वह इस फिल्म की कहानी और पटकथा को रोचक बनाता है. खामियों की बात करें तो सेकेंड हाफ में स्क्रिप्ट में थोड़ी – बहुत खामियां रह गयी हैं. फिल्म का क्लाइमेक्स थोड़ा कमज़ोर रह गया है. जिस तरह से पर्दे पर सबकुछ चलता रहता है. वह कहीं ना कहीं कन्विंसिंग नहीं लगता है. जेरी वो सब कैसे अकेले करती है. यह बात ये फिल्म कहीं भी आपको नहीं समझाती है. फिल्म के कुछ दृश्य लम्बे भी बन पड़े हैं.

उम्दा कलाकारों की है टोली

अभिनेत्री के तौर पर गुडलक जेरी जाह्नवी कपूर को एक पायदान ऊपर ले जाती है. वह अपने किरदार को मासूमियत, डर और चालाकी सारे इमोशंस के साथ बखूबी जीती हैं. बिहारी भाषा पर भी उनकी पकड़ अच्छी रही है. दीपक डोब्रियाल एक तरफ़ा प्रेमी के किरदार को बहुत ही दिलचस्प ढंग से फिल्म में निभाते हैं. वो जब भी स्क्रीन पर नज़र आते हैं , हंसी बिखेर गए हैं. सुशांत सिंह, जसवंत सिंह,साहिल मेहता अपनी- अपनी भूमिकाओं में खूब जमें हैं तो मीठा वशिष्ठ हर बार की तरह की तरह अपनी भूमिका में उम्दा रही हैं. बाकी के किरदारों ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय करते हैं.

Also Read: Ek Villain Returns Movie Review: एंटरटेनमेंट के लिए विलेन साबित हुई है अर्जुन कपूर की ‘एक विलेन रिटर्न्स’
ये पहलू भी हैं गुड

फिल्म के गीत – संगीत की बात करें तो नवोदित म्यूजिक कम्पोज़र पारस छाबड़ा ने परिचित गीतकार राज शेखर के साथ फिल्म के सिचुएशन और परिवेश को रोचक बनाया है. फिल्म के संवाद भी अच्छे बन पड़े हैं. पंजाब के परिवेश को सिनेमेटोग्राफी में बखूबी उतारा गया है.

देखें या ना देखें

वक़्त निकालकर जेरी की एडवेंचर से भरी मनोरंजक दुनिया देखी जानी चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें