26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Gorakhpur News: जिलाधिकारी ने कराया स्टिंग ऑपरेशन, 5000 रुपये घूस लेते वीडियो में कैद हुआ लिपिक

गोरखपुर के जिलाधिकारी के निर्देश पर रेवेन्यू डिपार्टमेंट की टीम ने सीएमओ कार्यालय का ही स्टिंग ऑपरेशन का डाला, जिसमें जिला चिकित्सालय में धन उगाही कर विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. यह पूरी घटना स्टिंग ऑपरेशन के जरिए कैमरे में कैद हुई है.

Gorakhpur News: गोरखपुर के रजिस्ट्री एवं संभागीय परिवहन कार्यालय में स्टिंग ऑपरेशन के जरिए भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने स्वास्थ्य विभाग में भी स्टिंग ऑपरेशन कराया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में दिव्यांग पटल पर कार्यरत लिपिक सत्य प्रकाश शुक्ला को 5000 रुपये घूस लेते हुए पकड़ा गया है. यह पूरी घटना स्टिंग ऑपरेशन के जरिए वीडियो में कैद हो गई है. जिलाधिकारी ने सीएमओ को पत्र लिखकर एफ आई आर दर्ज करने का निर्देश दिया है और विभागीय जांच कराने को लेकर सीएमओ को पत्र द्वारा निर्देशित किया है.

गोरखपुर के जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने जीरो टॉलरेंस नीति और गोरखपुर को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में पूरी तरह से कमर कस ली है. कुछ दिन पहले गोरखपुर के जिलाधिकारी ने आरटीओ और रजिस्ट्री दफ्तर में स्टिंग ऑपरेशन कराकर भ्रष्टाचार का बड़ा भंडाफोड़ किया था, जिसमें कुछ अधिकारियों सहित कुल 12 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था. कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. अब एक बार फिर गोरखपुर के जिलाधिकारी के निर्देश पर रेवेन्यू डिपार्टमेंट की टीम ने सीएमओ कार्यालय का ही स्टिंग ऑपरेशन का डाला, जिसमें जिला चिकित्सालय में धन उगाही कर विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. यह पूरी घटना स्टिंग ऑपरेशन के जरिए कैमरे में कैद हुई है. जिलाधिकारी ने जांच प्रमाणित होने के बाद सीएमओ आशुतोष कुमार दुबे को निर्देश दिया है कि उनके कार्यालय में तैनात लिपिक सत्य प्रकाश शुक्ला पर मुकदमा दर्ज करा कर विभागीय कार्रवाई की जाए.

Also Read: गोरखपुर में पति-पत्नी और बेटी की गला रेत कर की गयी हत्या, एकतरफा प्यार में युवक ने रची साजिश

बता दें, अभी कुछ दिन पहले गोरखपुर के जिला अस्पताल परिसर के न्यू ओपीडी भवन में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर बिचौलिए दिव्यांगों से धन उगाही कर रहे थे, जिसको नंगे हाथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पकड़ा था. बिचौलियों ने एक संविदा लिपिक का नाम भी लिया था, जिसकी सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई थी. उसी समय इस बात की संभावना भी जताई जा रही थी कि इस मामले में किसी स्थाई कर्मचारी की मिलीभगत हो सकती है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए गोरखपुर के जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने चिकित्सा विभाग में स्टिंग ऑपरेशन कराया, जिसमें लिपिक एक आवेदक से प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ₹5000 रिश्वत लेता हुआ नजर आ रहा है.

Also Read: Gorakhpur News: गोरखपुर में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़, लाखों की नगदी के साथ लुटेरे गिरफ्तार

जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया है कि इस मामले में वह लिपिक सत्य प्रकाश शुक्ला के विरुद्ध धारा 409 एवं 7/13 भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराएं. जिला अधिकारी द्वारा अलग-अलग विभागों की स्टिंग ऑपरेशन कराने से अब कर्मचारियों और अधिकारियों में एक डर बन गया है.

रिपोर्ट – कुमार प्रदीप

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें