दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय को केंद्रीय उच्च शिक्षा मंत्रालय की पीएम उषा (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) के तहत 100 करोड रुपए मिलने का रास्ता साफ होते नजर आ रहा है. विश्वविद्यालय ने प्रदेश के उन चार विश्वविद्यालय में अपनी जगह बना ली है. जिन्हें यह रकम ग्रांट के तौर पर मिल सकती है. पीएम उषा के तहत देश के 35 राज्य विश्वविद्यालय को 100 करोड रुपए और 75 विश्वविद्यालय को 20-20 करोड रुपए की ग्रांट जारी की जानी है. पूर्व कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह के मार्गदर्शन में गोरखपुर विश्वविद्यालय ने दोनों श्रेणी में आवेदन किया था. चार टॉप विश्वविद्यालय की सूची में गोरखपुर विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय के बाद दूसरे स्थान पर अन्य दो विश्वविद्यालय मेरठ और रूहेलखंड है.
सर्वाधिक सीजीपीए के साथ नैक का प्लस – प्लस ग्रेड मिलने के चलते गोरखपुर विश्वविद्यालय की दावेदारी इसे लेकर सर्वाधिक मजबूत है.पूर्व कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय ने दोनों श्रेणी में आवेदन किया था नैक से ए प्लस –प्लस ग्रेट मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ग्रांट हासिल होने वाले विश्वविद्यालय की सूची में जगह बनाने को लेकर उम्मीदतो था ही. क्यूएस दक्षिण एशियाई रैंकिंग में जगह बनाने के बाद उसकी उम्मीद और भी बढ़ गई है.यह उम्मीद तब परवान चढ़ गई जब प्रदेश के चार टॉप विश्वविद्यालय में दूसरा स्थान बनाने में विश्वविद्यालय को सफलता मिल गई.
इससे देश के उन 35 विश्वविद्यालय की सूची में गोरखपुर विश्वविद्यालय के भी शामिल होने की उम्मीद हकीकत में बदलती दिख रही है. जिन्हें 100 करोड रुपए की ग्रांट मिलनी है. वही इस मामले में गोरखपुर विश्वविद्यालय कि कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि प्रदेश के चार विश्वविद्यालय में गोरखपुर विश्वविद्यालय दूसरे स्थान पर है. ऐसे में पूरी उम्मीद है कि विश्वविद्यालय को यह ग्रांट मिल जाएगी.
रिपोर्ट – कुमार प्रदीप, गोरखपुर