गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन इन दोनों हजारों छात्रों के लंबित परीक्षा परिणाम जारी करने की चुनौती से जूझ रहा है. आंतरिक मूल्यांकन का नंबर अपलोड ना होने की वजह से रिजल्ट जारी नहीं हो पाया है. इसके दोषी विश्वविद्यालय के कई विभाग और संबद्ध कॉलेज हैं रिजल्ट ना निकल पाने की जांच में विभागों और कॉलेज की लापरवाही सामने आई है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसको लेकर 200 से अधिक कॉलेज को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है.
विश्वविद्यालय में रिजल्ट की स्थिति यह है कि ज्यादातर पाठ्यक्रमों के अंतिम सेमेस्टर का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. लेकिन पीछे की सेमेस्टर का रिजल्ट जारी न होने से पूरे पाठ्यक्रम का स्पष्ट रिजल्ट जारी नहीं हो पा रहा है. जिन सेमेस्टर के रिजल्ट नहीं जारी हो सके हैं उनके कॉलम में आईएनसी यानी इनकंप्लीट दर्ज कर दिया जा रहा है. यह दिक्कत परास्नातक पाठ्यक्रमों को लेकर ज्यादा आ रही है. इसकी वजह से छात्र आगे की पढ़ाई को लेकर योजना नहीं तैयार कर पा रहे हैं.
प्रोजेक्ट के नंबरों का बंटवारा न हो पाना रिजल्ट ना जारी होने हो पाने का एक बड़ा कारण यह भी है. गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने दोनों सेमेस्टर में प्रोजेक्ट के नंबर देने का निर्देश दिया है. प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने के लिए पाठ्यक्रम का पहला वर्ष निर्धारित है. पहले प्रोजेक्ट पर दूसरे सेमेस्टर में अंक देने की व्यवस्था थी. जिसे पहले और दूसरे सेमेस्टर में क्रेडिट के बंटवारे का संतुलन बिगड़ जा रहा था.
गोरखपुर विश्वविद्यालय की परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर कुलदीप सिंह ने बताया कि ज्यादातर रिजल्ट आंतरिक मूल्यांकन के नंबर अपलोड ना होने के चलते लंबित है.नोटिस जारी करके कॉलेज को 3 दिन में नंबर अपलोड करने को कहा गया है. पूरी कोशिश है कि सभी लंबित रिजल्ट अति शीघ्र जारी कर दिया जाएगा. रिजल्ट में देरी से कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन काफी नाराज है. उनकी नाराजगी बीते दिनों की भागवत अध्यक्षों और अधिष्टताओं की बैठक में जाहिर भी हुई बैठक में उन्होंने आंतरिक मूल्यांकन के नंबर वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए विभागों और कॉलेजों को एक सप्ताह का अवसर दिया था.
साथ ही अब तक ऐसा न करने के लिए नोटिस जारी करने का निर्देश भी दिया था. इसी क्रम में परीक्षा नियंत्रक ने 200 से अधिक कॉलेज को नोटिस जारी कर 3 दिन के अंदर आंतरिक मूल्यांकन की नंबरों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा था चेतावनी दी है. कि नोटिस के बाद भी जिन कॉलेजों ने नंबर अपलोड करने में लापरवाही दिखाई उन्हें आगे से परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा.
आधा अधूरा रिजल्ट जारी होने से बहुत से छात्र छात्रवृत्ति का फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं.फिलहाल छात्रवृत्ति के लिए अक्टूबर के अंत तक आवेदन का समय है ऐसे ही जल्द परिणाम नहीं जारी हुआ. तो बहुत से छात्र छात्रवृत्ति से वंचित रह जाएंगे.
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप, गोरखपुर