19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वि वि में स्वतंत्र तरीके से वीसी नियुक्त करने का राज्यपाल का फैसला मनमाना : ब्रात्य बासु

मंत्री ने उन रिपोर्टों पर भी निराशा व्यक्त की, जिसमें राज्यपाल ने नियुक्तियां होने तक राज्य के 20 अन्य विश्वविद्यालयों में से 14 में कार्यों के निर्वहन की जिम्मेदारी ली है. ब्रात्य ने कहा, "राज्यपाल एक ही समय में किसी विश्वविद्यालय के चांसलर और वाइस चांसलर कैसे हो सकते हैं.

कोलकाता, भारती जैनानी : राज्य सरकार और राजभवन के बीच बढ़ती दरार के बीच, पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्यपाल राज्य के विश्वविद्यालयों में मनमाने ढंग से अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति करके अपनी इच्छा से काम कर रहे हैं, जहां कुलपतियों का कार्यकाल इस साल मार्च-अप्रैल में समाप्त हो गया था. वह फिर से अपनी स्वतंत्रता से मनमाने तरीके से वी सी की नियुक्ति कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल सीवी आनंद बोस इसी तरह से काम करना जारी रखेंगे तो सरकार कानूनी रास्ता अपनाने के लिए “मजबूर” हो जायेगी.

राज्यपाल इसी तरह काम करेंगे, तो हम कानूनी रास्ता अपनाने पर विवश होंगे-मंत्री

मंत्री ने उन रिपोर्टों पर भी निराशा व्यक्त की, जिसमें राज्यपाल ने नियुक्तियां होने तक राज्य के 20 अन्य विश्वविद्यालयों में से 14 में कार्यों के निर्वहन की जिम्मेदारी ली है. ब्रात्य ने कहा, “राज्यपाल एक ही समय में किसी विश्वविद्यालय के चांसलर और वाइस चांसलर कैसे हो सकते हैं. क्या एक ही चावल के दाने से बनी दो चीजें एक ही हो सकती हैं? ऐसा लगता है कि राज्यपाल इस पर विश्वास करते हैं. पता नहीं किस कानून के प्रावधान के तहत वह ये चीजें कर रहे हैं. बोस लोकतांत्रिक रूप से चुनी गयी सरकार से परामर्श करने की परवाह किये बिना मनमर्जी से काम कर रहे हैं. अगर ऐसी चीजें जारी रहीं तो हम कानूनी रास्ता अपनाने के लिए मजबूर हो जायेंगे.

Also Read: I-N-D-I-A गठबंधन की बैठक में संयोजक और संगठन पर आज होगा फैसला, ममता बनर्जी ने कहा न करें समय बर्बाद
31 राज्य विश्वविद्यालयों में से 11 में वीसी की नियुक्ति पर जतायी आपत्ति

शिक्षा मंत्री ने राज्य के उच्च शिक्षा विभाग और मंत्री से परामर्श किये बिना राज्यपाल द्वारा 31 राज्य विश्वविद्यालयों में से 11 में वीसी की नियुक्ति पर आपत्ति जतायी. “यहां तक कि तीन बार की मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) से भी इस तरह की नियुक्ति से पहले परामर्श नहीं ली गयी है, जो एक जन प्रतिनिधि के अपमान से कम नहीं है. लेकिन हम अभी भी शिष्टाचार के तहत इस मुद्दे पर राज्यपाल के साथ चर्चा करना चाहते हैं. ध्यान रहे, पश्चिम बंगाल शिक्षाविद् फोरम ने गुरुवार को राज्य से राजभवन द्वारा उठाये गये कदमों का जवाब देने में अधिक सक्रिय होने का आह्वान किया, जिसमें कुलपतियों की नियुक्ति भी शामिल थी.

अदालत ने माना कि कुलाधिपति के पास कुलपतियों को नियुक्त करने की शक्ति

मंत्री ने कहा, “मुझे मंच द्वारा कुलपतियों की नियुक्तियों के बारे में बताया गया है. राज्य कानूनी प्रावधानों के अनुसार जवाब देगा. वह जो भी कर रहे हैं, हम उसके प्रति अपना विरोध व्यक्त कर रहे हैं. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दो महीने पहले एक फैसले में कहा था कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल द्वारा इन संस्थानों के पदेन कुलाधिपति के रूप में 11 राज्य-संचालित विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति में जारी आदेशों में कोई अवैधता नहीं है. अदालत ने माना कि कुलाधिपति के पास कुलपतियों को नियुक्त करने की शक्ति है क्योंकि यह प्रासंगिक अधिनियमों में निर्धारित किया गया है. इसके बावजूद राज्यपाल द्वारा की जा रही नियुक्तियों पर शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्री व पूर्व वाइस चांसलर लगातार विरोध जता रहे हैं.

Also Read: मोहम्मडन स्पोर्टिंग को आइएसएल में खेलने की अनुमति क्यों नहीं – ममता
रैगिंग रोकने के लिए जेयूटीए ने की वीसी के साथ बैठक, दिये कई सुझाव

जादवपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (जेयूटीए) व अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ वाइस चांसलर बुद्धदेव साउ के बीच शुक्रवार को बैठक हुई. जेयूटीए ने जादवपुर यूनिवर्सिटी में रैगिंग रोकने के लिए कई कदम उठाने का प्रस्ताव दिया है. प्रस्ताव में रैगिंग से संबंधित 24 घंटे की हेल्पलाइन सेवा शुरू करने का भी सुझाव है. साथ ही रैगिंग रोकने के लिए प्रोफेसरों ने रात में एक पूर्णकालिक अधिकारी नियुक्त करने का प्रस्ताव भी दिया है. इस संदर्भ में जेयूटीए के महासचिव पार्थप्रतिम राय ने कहा कि रात के लिए एक पूर्णकालिक अधिकारी की नियुक्ति की जानी चाहिए. वह तत्काल आधार पर रैगिंग और अन्य सुरक्षा मुद्दों पर गौर करेंगे. राय ने कहा : विश्वविद्यालय की आंतरिक सुरक्षा को पूर्व सैनिकों के हाथ में रखने को लेकर हम सैद्धांतिक तौर पर सहमत नहीं हैं. विश्वविद्यालय की सुरक्षा सुनिश्चित करने का मतलब पूर्व सैनिकों को काम पर रखना नहीं है. सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी लगाये जायें. इसमें कोई दिक्कत नहीं है.

24 घंटे की हेल्पलाइन सेवा शुरू करने का प्रस्ताव

गौरतलब है कि गत नौ अगस्त को जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्र की संदिग्ध हालात में मौत के बाद प्रमुख शिक्षण संस्थानों में रैगिंग के आरोपों को लेकर हंगामा मचा हुआ है. रैगिंग रोकने के लिए कदम उठाने के लिए प्रोफेसर एसोसिएशन ने कुलपति को कई प्रस्ताव दिये. जेयूटीए के प्रस्ताव में कहा गया है कि नियमित चर्चा बैठकों, कार्यशालाओं, पोस्टरों, प्रदर्शनियों के माध्यम से संवेदीकरण कार्यक्रम जारी रखा जाना चाहिए. प्रथम वर्ष या नये छात्रों और वरिष्ठ कक्षाओं के लिए अलग-अलग ग्रुप काउंसिलिंग की जायेगी. यह काउंसिलिंग छात्रावास में भी की जानी चाहिए. काउंसिलिंग सेल को सक्रिय रखा जाये. प्रस्ताव में यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि प्रवेश के समय छात्रों को एंटी रैगिंग कमेटी व काउंसिलिंग सेल की जानकारी दी जाये.

Also Read: CM ममता बनर्जी ने अमिताभ बच्चन को बांधी राखी, बताया कौन होगा विपक्ष का पीएम चेहरा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें