Gujarat Elections: गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग जारी है. आज 14 मध्य और उत्तरी जिलों की 93 सीट पर लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं. 93 सीटों पर सुबह आठ बजे से वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. चुनावी मैदान में कुल 833 प्रत्याशी हैं जिनकी किस्मत का फैसला इवीएम में कैद हो जाएगा. इवीएम में विभिन्न कैंडिडेट्स को वोट करने के ऑप्शन दिये होते हैं जिसमें से लोग अपने पसंद के उम्मीदवार को वोट करते भी हैं लेकिन इसी मशीन में एक और ऑप्शन होता है नोटा का. नोटा के विकल्प का चयन करने का मतलब क्या है? क्यों करते हैं इसका चयन विस्तार से जानें.
अगर आपको लगता है कि किसी भी राजनीतिक दल ने आपका वोट हासिल करने के लिए पर्याप्त रूप से काम नहीं किया है, तो आपके पास ‘इनमें से कोई नहीं’ (none of the above) के लिए वोट करने का विकल्प है, जिसे नोटा (NOTA) भी कहा जाता है. नोटा का अर्थ है ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ जो मतदाता को चुनाव में भाग लेने वाले किसी भी उम्मीदवार का चयन नहीं करने देता है. यह एक तरह से नकारात्मक प्रतिक्रिया देने की तकनीक है. जैसे मतदाताओं को चुनने का अधिकार है, वैसे ही नोटा उन्हें अस्वीकार करने का अधिकार भी प्रदान करता है.
बता दें कि नोटा ऑप्शन का पहली बार इस्तेमाल 2013 में छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और मध्य प्रदेश और दिल्ली के विधानसभा चुनावों के दौरान किया गया था. 15 लाख से ज्यादा लोगों ने नोटा को वोट दिया था.
बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में (ईवीएम) में उम्मीदवार सूची के अंत में नोटा का विकल्प होता है. नोटा पेश किए जाने से पहले, एक मतदाता को नकारात्मक वोट डालने के लिए मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी को सूचित करना पड़ता था. आजकल, NOTA वोट के लिए पीठासीन अधिकारी की भागीदारी की आवश्यकता नहीं होती है और मतदाता केवल EVM पर बटन दबा सकता है.
नोटा एक ऐसा उपकरण है जो मतदाताओं को पार्टियों के लिए उम्मीदवारों की उपयुक्तता के बारे में अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने का विकल्प देता है. नोटा विकल्प पिछले कुछ वर्षों से जबरदस्त लोकप्रियता हासिल कर रहा है.