Happy Independence Day 2023, Red Fort World Heritage Tourist attraction in delhi: राजधानी दिल्ली में लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री तिरंगा झंडा फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित भी करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी का ये लगातार 10वां स्वतंत्रता दिवस संबोधन है. लाल किले का निर्माण शाहजहां ने सन 1638 से 1648 के बीच करवाया था. लाल रंग के बलुआ पत्थरों से बनने के कारण ही इसका नाम लाल क़िला (Red Fort) पड़ा. लाल क़िले के अंदर दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, रंग महल, खास महल, हमाम, नौबतखाना, हीरा महल और शाही बुर्ज जैसी यादगार इमारतें हैं.
वास्तुशिल्प
लाल किले के निर्माण में प्रयोग में लाए गए लाल बालू पत्थरों के कारण ही इसका नाम लाल किला पड़ा. इसकी दीवारें ढाई किलोमीटर लंबी और 60 फुट ऊंची हैं. यमुना नदी की ओर इसकी दीवारों की कुल लंबाई 18 मीटर और शहर की ओर 33 मीटर है. लाल किला सलीमगढ़ के पूर्वी छोर पर स्थित है. इसको अपना नाम लाल बलुआ पत्थर की प्राचीर एवं दीवार के कारण मिला है. यही इसकी चारदीवारी बनाती है.
वास्तुकला
लाल किले में उच्चस्तर की कला का निर्माण है. यहां की कलाकृतियां फारसी, यूरोपीय एवं भारतीय कला का मिश्रण हैं, जिसको विशिष्ट एवं अनुपम शाहजहांनी शैली कहा जाता था. दिल्ली की एक महत्वपूर्ण इमारत है जो भारतीय इतिहास एवं उसकी कलाओं को स्वयं में समेटे हुए है. यह वास्तुकला संबंधी प्रतिभा एवं शक्ति का प्रतीक है. 1913 में राष्ट्रीय स्मारक घोषित होने से पहले भी लाल किले को संरक्षित एवं परिरक्षित करने के प्रयास किए गए थे. लाल किले की दीवारें दो मुख्य द्वारों दिल्ली गेट एवं लाहौर गेट पर खुली हैं.
लाहौर गेट
लाहौर गेट इसका मुख्य प्रवेशद्वार है. इसके अंदर एक लंबा बाजार है. चट्टा चौक है जिसकी दीवारें पर दुकानों की कतारें हैं. इसके बाद एक खुला स्थान है जहां यह उत्तर-दक्षिण सड़क को काटती है. यही सड़क पहले किले को सैनिक एवं नागरिक महलों के भागों में विभाजित करती थी. इस सड़क का दक्षिणी छोर दिल्ली गेट है. लाहौर गेट से दर्शक छत्ता चौक में पहुंचते हैं जो शाही बाजार हुआ करता था. इस शाही बाजार में दरबारी, जौहरी, चित्रकार, कालीनों के निर्माता, रेशम के बुनकर और विशेष प्रकार के दस्तकारों के परिवार रहा करते थे.
नक्कारखाना
लाहौर गेट से चट्टा चौक तक जाने वाली सड़क से लगे खुले मैदान के पूर्वी ओर नक्कारखाना बना है. यह संगीतज्ञों के लिए बने महल का मुख्य द्वार है. छत्ता चौक के पास ही नक्कारखाना है जहां संगीतकारों की महफिल सजा करती थी. इसके अन्य आकर्षणों में दीवान-ए-आम, दीवान-ए-ख़ास, हमाम, शाही बुर्ज, मोती मस्जिद, रंगमहल आदि शामिल हैं.
लाल किला कैसे पहुंचे
देखो बहुत ही आसान है रेड फोर्ट तक आना क्यूंकि ये दिल्ली का एक मशहूर पर्यटन स्थल है सबसे पहले आप दिल्ली पहुचिये दिल्ली आने के लिए आप अपने शहर और बजट के हिसाब से हवाई जहाज , रेलगाड़ी , बस ,अपना कोई साधन से आ सकते है अब दिल्ली पहुचने के बाद आप कैब करके यहाँ तक आ सकते है .
आपको बता दे की लाल किला नेताजी सुभाष मार्ग पर है जो की चांदनी चोक के पास है तो आप सिटी बस से या ऑटो टेम्पो से भी चांदनी चोक लाल किला तक पहुचे सकते है .
अगर आप मेट्रो से यहाँ तक आना चाहते है आपको बता दे की लाल किला मेट्रो स्टेशन भी है आप सीधे वहां पहुच सकते है और अगर आप तगड़े वाले घुमक्कड़ी है तो चांदनी चोक मेट्रो स्टेशन उतरे वहां से थोड़ी ही दूरी पर लाल किला है आप चांदनी चौक का बाजार घूमते हुवे यहाँ आइये जामा मस्जिद , चांदनी चौक ये दोनों लाल किले के नजदीकी मेट्रो स्टेशन है .
लाल किला घूमने की टाइमिंग और प्रवेश शुल्क
रेड फोर्ट घूमने की टाइमिंग – Red Fort Timing in hindi
अगर हम लाल किला घूमने की टाइमिंग की बात करे तो यह सोमवार को छोड़कर रोजाना सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहा है तो आप ध्यान दे की यहाँ सोमवार के दिन ना जाए .
लाल किला टिकट प्राइस
अब अगर हम लाल किला टिकट प्राइस की बात करे तो लाल किला घूमने का जो मुख्य टिकट है मतलब एक वयस्क के लिए वो 35 रूपये है वही विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 550 रूपये है , 15 साल से छोटे बच्चो के लिए यहाँ कोई टिकट नहीं है , यह शुल्क ऑनलाइन / डेबिट / क्रेडिट कार्ड के है और टिकट घट बढ़ भी सकते है .