आगरा में यमुनापार की ट्रान्स यमुना कॉलोनी फेस 2 स्थित रॉयल अस्पताल के दो तीन वीडियो शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. जिसमें कई आशा महिलाएं गिफ्ट लेकर निकल रही थीं. ऐसे में अस्पताल के ऊपर आशा महिलाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं का प्राइवेट अस्पताल में उनका प्रसव कराकर कमीशन खोरी का आरोप लगा था. वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया और संबंधित अस्पताल पर कारवाई की जा रही है. सीएमओ अरुण श्रीवास्तव टीम के साथ रॉयल अस्पताल पर पहुंचे और जांच पड़ताल शुरू कर दी.
सीएमओ के अनुसार सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ आशा महिलाओं की संलिप्तता इस प्राइवेट अस्पताल में पाई गई थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए अस्पताल में जांच की गई. तो पता चला कि अस्पताल में एक रजिस्टर में करीब 17 आशा महिलाओं के नाम लिखे हुए हैं. जिनसे पूछताछ की जाऐगी और पता लगाया जाऐगा कि अब तक आशा महिलाओं ने कितनी महिला मरीजों को यहां भर्ती करा दिया है. साथ ही अस्पताल में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिला. अस्पताल में एक बेसमेंट भी बना हुआ है जहां मौके पर कई मरीज भर्ती मिले. जिन्हें किसी दूसरे अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है और अस्पताल को सील भी किया जा रहा है.
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सीएमओ अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि आशा महिलाओं और सरकारी एम्बुलेंस द्वारा गरीब मरीजों को सरकारी अस्पताल की बजाय दूसरे निजी अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है. इसमें कमीशन का मामला भी सामने आया है. ऐसे में इन मामलों में संलिप्त आशा महिलाओं और सरकारी एम्बुलेंस चालकों की लगातार जांच पड़ताल की जा रही है. ट्रान्स यमुना कॉलोनी के रॉयल हॉस्पिटल पर सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है और साथ ही संबंधित थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया जा रहा है.
आपको बता दें इससे पहले रॉयल हांस्पीटल रॉयल मल्टीस्पेशलिटी सेन्टर के नाम से पंजीकृत था. और उस समय अस्पताल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसमें एक नवजात का भ्रूण सामने आया था. और वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल पर कार्रवाई की गई थी. लेकिन अस्पताल फिर से संचालित होने लगा. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की कारवाई पर भी सवाल खड़े होते हैं.