शकील अख्तर, रांची. झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘संशोधित झरिया पुनर्वास योजना’ को सहमति दे दी है. संशोधित पुनर्वास योजना में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किये गये हैं. साथ ही कई मदों में लाभुकों को पहले से अधिक पैसा देने का प्रावधान किया गया है. इस तरह योजना पर कुल 6,550 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है. संशोधित पुनर्वास योजना में कटऑफ डेट को वर्ष 2004 से बदल कर 2019 कर दिया गया है. इससे असुरक्षित क्षेत्र के रूप में चिह्नित कुल 595 स्थलों में वैध अवैध रूप से रहनेवाले लाभांवित होंगे. कट ऑफ डेट में की गयी बढ़ोत्तरी से लाभुकों की संख्या 53,291 से बढ़ कर 1,04,946 हो गयी है. राज्य सरकार ने संशोधित योजना को सहमति देते हुए इसे केंद्र सरकार को भेज दिया है. लाभांवितों की इस संख्या में जमीन के वैध मालिकों के मुक़ाबले अवैध कब्जाधारियों की संख्या दो गुना से अधिक है.
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पुनर्वास योजना में महत्वपूर्ण बदलाव, वर्ष 2004 से बढ़ा कर 2019 होगा पुनर्वास का कट ऑफ डेट
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लाभुकों की संख्या में 51,655 की होगी वृद्धि
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कई मदों में लाभुकों को मिलेगा पहले से अधिक पैसा
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पुनर्वास योजना पर कुल 6,550 करोड़ के खर्च का अनुमान
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असुरक्षित क्षेत्र के रूप में चिह्नित कुल 595 स्थलों पर रहनेवालों को मिलेगा फायदा
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बीसीसीएल को 30 सितंबर तक आवासों का निर्माण व 31 दिसंबर तक कोलकर्मियों की करनी है शिफ्टिंग
जमीन के वैध मालिकों के मुकाबले दोगुना से अधिक कब्जाधारी
‘संशोधित झरिया पुनर्वास योजना’ के तहत असुरक्षित क्षेत्र के रूप में चिह्नित कुल 595 स्थलों में वैध-अवैध रूप से रहनेवाले लोग लाभान्वित होंगे. प्रभावित क्षेत्र में अवैध कब्जाधारियों की संख्या 72,882 है, जो जमीन के वैध मालिकों की संख्या के मुकाबले दोगुना से अधिक है. पुनर्वास योजना में जमीन के वैध मालिकों और अवैध कब्जाधारियों को दी जानेवाली सुविधाओं में मामूली अंतर है. वैध मालिकों के 50 वर्ग मीटर में बना हुआ मकान देने का प्रावधान किया गया है, जबकि अवैध कब्जाधारियों के लिए यह 39.92 वर्ग मीटर है. मकान के आकार के अलावा बाकी सारी सुविधाएं एक समान हैं. संशोधित योजना में शिफ्टिंग कॉस्ट को 10 हजार रुपये से बढ़ा कर 50 हजार रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा संशोधित योजना में किराया के मद में एक लाख रुपये देने का प्रावधान किया गया है.
कुल 33,985 मकानों का निर्माण किया जायेगा
पुनर्वास योजना के तहत कुल 33,985 मकानों का निर्माण किया जाना है. इसमें से 15,713 का निर्माण बीसीसीएल और 18,272 का निर्माण झरिया पुनर्वास विकास प्राधिकार द्वारा किया जायेगा. इसके अलावा नये मकानों का निर्माण नहीं किया जायेगा. सूचीबद्ध लोगों को मकान के बदले पांच लाख रुपये का भुगतान किया जायेगा. पुनर्वास स्थल पर सभी नागरिक सुविधाएं यथा पेयजल, स्कूल, चिकित्सा आदि की व्यवस्था करने का प्रावधान किया गया है. इन नागरिकों सुविधाओं को 31 दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है. बीसीसीएल को 30 सितंबर 2023 तक मकानों का निर्माण कार्य पूरा करने और 31 दिसंबर 2023 तक बीसीसीएल के कर्मचारियों को शिफ्ट करने का समय निर्धारित किया गया है. बीसीसीएल को प्रभावित क्षेत्र के मकानों को भी 31 दिसंबर तक ध्वस्त करने का समय दिया गया है.
पुनर्वास योजना में कट ऑफ डेट के मुकाबले लाभान्वितों की संख्या
कटऑफ—वैध मालिक—अवैध कब्जाधारी—कुल
2004—29,444—23,847—53,291
2019—32,064—72,882—1,04,946
वैध जमीन मालिकों के लिए तैयार पुनर्वास योजना में बदला का ब्योरा
मद—वर्तमान—संशोधित
मुआवजा—जमीन का मुआवजा, 100 वर्ग मीटर समान या 40 वर्ग मीटर में बना मकान—जमीन का मुआवजा, 50 वर्ग मीटर में बना मकान या पांच लाख रुपए
जीवनयापन—294.44 रुपये की दर से 500 दिन की मजदूरी—एक लाख रुपए (दो किस्त में) और तीन लाख रुपये का कर्ज
किराया—किराया नहीं मिलेगा—एक साल के लिए किराया मद में एक लाख रुपए (दो किस्त में)
शिफ्टिंग कॉस्ट—10 हजार रुपये—50 हजार रुपये
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