पाकुड़ जिले में आदिवासी अधिकार यात्रा के दूसरे दिन लिट्टीपाड़ा के कुमारभंजा से यात्रा शुरू हुई. यात्रा शुरू करने से पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पत्रकारों से कहा कि अधिकार यात्रा का मुख्य उद्देश्य स्थानीय लोगों को अपना हक दिलाना है. राज्य की हेमंत सरकार पाकुड़, दुमका, साहिबगंज के पत्थर खदानों को बाहरी लोगों के हाथों बेच रही है. सरकार चाहती तो यहां के जमीन मालिक व स्थानीय नौजवानों को लीज आवंटित कर रोजगार से जोड़ती. हेमंत के राज में खदानों की लीज अपने विधायक प्रतिनिधि, पत्नी, सलाहकार सहित दिल्ली, मुंबई एवं कोलकाता के बाहरी बिचौलिया एवं दलालों को आवंटित करने का काम किया गया है. झामुमो आदिवासी का हित कभी नहीं चाहती है.
उन्होंने कहा कि यहां की आदिवासी महिलाएं सड़क किनारे हड़िया दारू बेचती हैं. स्थानीय लोगों को ठेका नहीं देकर छत्तीसगढ़ के लोगों को ठेके देने का काम किया. अधिकार यात्रा के दौरान गांव में रात बिताने से ग्रामीणों की समस्या को नजदीक से जाना. कुमारभंजा गांव में क्षेत्र के आदिवासी पहाड़िया बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से बनाये गये एकलव्य विद्यालय निर्माण पूरा होने के पांच वर्ष बीतने के बाद भी हेमंत सरकार इसे चालू नहीं कर सकी. इससे सरकार की मानसिकता साफ होती है कि सरकार नहीं चाहती है कि ये लोग पढ़ें और आगे बढ़ें. मौके पर भाजपा नेता बाबुधन मुर्मू, बोरियो के पूर्व विधायक ताला मरांडी, पूर्व विधायक मिस्त्री सोरेन, कार्यक्रम प्रभारी दुर्गा सोरेन, शिवचरण मालतो, दानिएल किस्कू, साहेब हांसदा सहित सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के दो दिवसीय अधिकार यात्रा के दूसरे दिन बुधवार को कुमारभंजा के एकलव्य विद्यालय से सुबह करीब 10 बजे अधिकार यात्रा के तहत रैली निकाली गयी. रैली की शुरुआत श्री मरांडी ने विद्यालय परिसर से पैदल निकालकर गांव के लोगों से मुलाकात कर की. गांव के आदिवासी महिला-पुरुषों द्वारा बाबूलाल मरांडी का आदिवासी रीति-रिवाज से स्वागत किया गया. इस दौरान श्री मरांडी मांदर की थाप पर झूमते नजर आये और खुद मांदर बजाकर लोगों का साथ दिया. इसके पश्चात कुमारभंजा गांव स्थित बाबा जबरा पहाड़िया उर्फ तिलका मांझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया. इसके बाद अधिकार यात्रा गांव से निकलकर लिट्टीपाड़ा-अमड़ापाड़ा मुख्य सड़क स्थित एक लाइन होटल में पहुंची जहां बाबूलाल अपने कार्यकर्ताओं के साथ रुककर चाय पी एवं कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. करीब एक घंटे के बाद होटल से निकलकर बारह बजे अधिकार यात्रा अपने काफिले के साथ अमड़ापाड़ा की ओर निकल गयी.
Also Read: पाकुड़ रूट से चलने वाली गाड़ियों को किया गया डायवर्ट