अगर आप एक अद्भुत और विचारशील यात्रा का अनुभव करना चाहते हैं, तो आपको प्लेन या ट्रेन का टिकट करने की कोई जरूरत नहीं है. आपको सिर्फ बिस्वजीत झा की किताब अपने हाथों में लेनी हैं और फिर उनकी जादुई कलम की दुनिया में खो जाना है या यह कहें की की उनकी जादुई दुनिया में आपको स्वयं को ढूंढ लेने का मौका मिल जाएगा!
यूं तो ज्यादातर लेखक “यंग रीडर्स” को अपना टारगेट ग्रुप मानते ही नहीं हैं . किसी भी लेखक के लिए इस सेक्शन ऑफ रीडर को लुभाना एक पेचीदा चैलेंज से कम नहीं है, पर कुछ लेखकों के लेख इस दृढ़ रीडर ग्रुप को सम्मोहित कर देते हैं, और बिस्वजीत झा उन्हीं विचारशील लेखकों में से एक हैं. बिस्वजीत झा की किताब “मॉडर्न बुद्धा” तेजी से नौजवानों के दिलों को छू रही हैं. यूनाइटेड किंगडम के रहनेवाले अभिजीत दास ने बिस्वजीत के लेख को सराहना करते हुए कहा, “एक लेखक के रूप में, बिस्वजीत के पास लोगों और स्थानों को जीवंत करने का एक अद्भुत उपहार है. अपने एंगेजिंग विवरण के माध्यम से, उन्होंने डूअर्स और भूटान के दृश्यों सजीव चित्रण किया है. किताब पढ़ते हुए ऐसा अनुभव हुआ जैसे मैं खुद वहां हूं. बिस्वजीत झा ने खुद को धार्मिक ज्ञान और व्यक्तिगत परिवर्तन के बीच आकर्षक तरीके से बुना है, जिससे यह उन लोगों के लिए एक दृष्टिकोणवर्धक बन गई है जो अपने खुद के खोज में हैं. यदि आप एक साहित्यिक सैर ढूंढ रहे हैं, जो दिल को छूकर आत्मा को समृद्ध कर देगी, तो आपको बिस्वजीत की यह किताब आपको जरूर पढ़नी चाहिए.”
आज के समय में जब किताबें अपना सुनहरा वर्चस्व खो रही हैं, बिस्वजीत की “मॉडर्न बुद्धा” एक ताजी हवा की झोंके जैसी है. विदिशा, जो की एक युवा टीचर हैं, उन्होंने कहा, “यह कहानी हमें बताती है कि हम अगर किसी चीज को पाने के लिए इच्छा रखते हैं तो हम क्या नहीं प्राप्त कर सकते हैं. इस कहानी को एक विनम्र परिवेश में बिस्वजीत द्वारा स्थायीकृत किया गया है और यह एक साधारण से अत्याधुनिक यात्रा का एक जीवंत उदाहरण है. बिस्वजीत हमें अपनी कहानी के माध्यम से रुलाते हैं, हमें हंसाते हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि यह हमें एक अर्थपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित भी करते हैं.” बिस्वजीत की किताब ने छात्रों को भी मोहित कर दिया है.
क्लास 12 की नवीशा दुबे कहती हैं, “मजा आ गया सच में. लगा ही नहीं कि मैं किताब पढ़ रही हूं. किताब काफी इटरेक्ट करते हुए मोटिवेट करती है. वन गो में खत्म हो गया और पता भी नहीं चला. राइटर को छात्रों के नब्ज की पकड़ मालूम होती है तभी इतने शानदार अंदाज में इंस्पायर करती हुई दिखती है. यकीनन काफी उम्दा किताब है. कलकत्ता के कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा, धारित्री, ने कहा, “मैं नहीं जानती कि इस किताब को पढ़ने के बाद अपनी भावनाओं को शब्दों में कैसे व्यक्त करूं, लेकिन एक शब्द “माइंड सूथिंग” था और इस कहानी ने मेरे मन को बहुत सुकून दिया. यह वाकई लेखक द्वारा एक अद्भुत जीवन के सीख की कहानी है. बिस्वजीत जी को मैं उनके अगले उत्कृष्ट कार्य के लिए शुभकामनाएं देती हूं.
दिशारी साहा ने कहा, “मॉडर्न बुद्धा,” एक अद्भुत किताब है जो हमारे जीवन के उतार-चढ़ावों से संबंधित है और उन्हें पार करने का तरीका सिखाती है. यह कहानी हमें सच्चे सुख के अर्थ और महत्व को समझने में मदद करती है. बिस्वजीत हमें भूटान के जीएनएच (कुल राष्ट्रीय सुख) मॉडल की अन्वेषणीय सोच से परिचित कराते हैं. यह किताब “सफलता” शब्द के अर्थ को संभालने का संदेश देती है, जिसे कई लोग समझने में विफल हो जाते हैं. यह पुस्तक निश्चित रूप से हर व्यक्ति की मदद करेगी, खासकर युवा पीढ़ी को उनकी समस्याओं का समाधान करने और जीवन में आगे बढ़ने में. इस अद्भुत कहानी को प्रस्तुत करने के लिए बिस्वजीत झा को धन्यवाद. बिस्वजीत झा का लेखन आपको किताब के किरदारों के सफर का साथी बनाने में पूर्ण रूप से सक्षम है.
माधुरी ने किताब पढ़ने का अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, “मॉडर्न बुद्ध’’यह किताब एक समृद्ध परिवार से सबंधित एक लड़के के जीवन की यात्रा के बारे में है, उसके सपनों की कहानी है और किस तरह वह पूरी तरह से उसके समाज और स्थानीय गरीब लोगों के हित में काम करने के लिए निश्चय करता है, उसके परिवर्तन को दर्शाती है. यह किताब बहुत प्रेरणादायक और उत्साहवर्धक है. यह आपको समझाएगी कि जीवन में आपके आंतरिक सुख से ज्यादा कुछ महत्वपूर्ण नहीं है. आंतरिक सुख ही सफलता की एकमात्र कुंजी है. मैं सभी को इस पुस्तक को पढ़ने की सुझाव दूंगी. हम आजकल टीवी और अखबारों में पढ़ते हैं कि आई टी सेक्टर के प्रोफेशनल कितने तनाव में रहते हैं.
अंकिता, जो को एक आई टी प्रोफेशनल है, उन्होंने बिस्वजीत की “मॉडर्न बुद्धा” को पढ़ने के बाद कहा, “यह किताब हमें कई प्रेरणाएं देती हैं लेकिन मुझे सबसे महत्वपूर्ण सीख यह मिली है कि सफलता का मतलब मैटेलिस्टिक सफलता नहीं है. बल्कि सफलता का मतलब दूसरों की मदद करना है, उन लोगों के साथ खड़े होना है जो भाग्यशाली नहीं हैं. दुर्भाग्यवश, हमारी शिक्षा प्रणाली ने हमें इस सरल बात को सिखाया नहीं है.’’ बिस्वजीत झा अपनी अनूठी शैली के माध्यम से कहानियों को प्रस्तुत करने में माहिर हैं, जो साधारण जीवन की दिलचस्प तथा जज्बाती पहलुओं को परिलक्षित करती हैं. हम यह आशा करते हैं कि बिस्वजीत अपने अद्भुत शब्दों के साथ, लगातार हमें प्रेरणादाई और मधुर कहानियों का आनंद देते रहेंगे.
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