साहिबगंज जिले में एड्स रोगियों की संख्या 952 के करीब पहुंच गयी है. एड्स रोगियों की संख्या जिले में लगातार बढ़ती जा रही है. 2008 में 25 मरीजों से शुरू हुआ सिलसिला 16 वर्षों में 952 तक पहुंच गया है. एचआइवी संक्रमित लोगों की संख्या में हुई वृद्धि के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल में अप्रैल 2020 में एआरटी (एंटी रेटरोबायरल थेरेपी) सेंटर खोला गया. इसके बाद एचआइवी मरीजों के इलाज कराने के कारण आंकड़ों में इजाफा हुआ है. एआरटी सेंटर खुलने से पहले सभी मरीज पश्चिम बंगाल के मालदा, बिहार के भागलपुर व झारखंड के रांची, धनबाद, देवघर स्थित एआरटी सेंटर में इलाज करा रहे थे. इससे उनका आंकड़ा सामने नहीं आ रहा था. राज्य एड्स नियंत्रण समिति के तहत एआरटी सेंटर खुलने से यहां के मरीजों को अब जांच के बाद दवा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ रहा है.
जिले में 952 एचआइवी पॉजिटिव मरीज हैं, जिसमें 614 मरीज सदर अस्पताल परिसर के एआरटी सेंटर से नियमित रूप से एचआइवी की दवा लेकर खा रहे हैं. 303 मरीज दिल्ली, मुंबई के अलावा अन्य महानगरों में रहकर वहीं के एआरटी सेंटर से एचआइवी की दवा लेकर खा रहे हैं, एआरटी सेंटर के कर्मचारी ने बताया कि 303 वैसे एचआइवी पीड़ित मरीज हैं, जो महानगरों में मजदूरी का काम करते हैं. इसलिए वे लोग वहीं स्थानीय एआरटी सेंटर से एचआइवी की दवा लेकर खा रहे हैं. साहिबगंज के एआरटी सेंटर से वर्तमान में रजिस्टर्ड मरीजों को एचआइवी की दवा उपलब्ध कराई जा रही है.
जिले में एचआइवी मरीज की जांच व काउंसलिंग के लिए तीन आइसीटीसी सेंटर हैं. जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल, राजमहल अनुमंडल अस्पताल व पीएसची उधवा में आइसीटीसी केंद्र स्थापित हैं, जहां एचआइवी मरीजों की जांच व काउंसलिंग की जाती है. सदर अस्पताल के आइसीटीसी सेंटर में एलटी के रूप में वेतांबर व काउंसलर के रूप में बसंत कुमार महतो कार्यरत हैं.
जिले में एचआइवी पॉजिटिव केस सबसे अधिक राजमहल आइसीटीसी में है. राजमहल सेंटर में 2009 से 2023 तक कुल मामले राजमहल 474 है. वहीं, सदर अस्पताल के आइसीटीसी में 2008 से 2023 तक 350 मामले एवं उधवा पीएचसी के आइसीटीसी में 2010 से 2023 तक 128 एचआइवी पॉजिटिव के मामले रजिस्टर्ड हैं.
क्या कहते हैं सीएस
साहिबगंज जिले के सीएस डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि जिले में वर्तमान समय में 952 एचआइवी पॉजिटिव मरीज रजिस्टर्ड हैं, जिसमें 614 मरीज सदर अस्पताल के एआरटी सेंटर से नियमित रूप से दवा ले रहे हैं. समय- समय पर एचआइवी से बचाव के लिए जागरुकता अभियान स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाया जाता है.
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