ओडिशा में आयोजित हॉकी वर्ल्ड कप में भारत का प्रदर्शन काफी खराब रहा. भारत इस टूर्नामेंट में नौवें स्थान पर रहा. इसके बाद हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की और अन्य अधिकारियों ने मुख्य कोच ग्राहम रीड और कोचिंग स्टाफ से मुलाकात की. रीड, विश्लेषणात्मक कोच ग्रेग क्लार्क और वैज्ञानिक सलाहकार मिशेल डेविड पेम्बर्टन ने सोमवार को अपने पदों से इस्तीफा दे दिया. इसके 24 घंटे से भी कम समय में हॉकी इंडिया ने तीन रिक्त पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे हैं.
हॉकी इंडिया ने अपनी वेबसाइट पर एक विज्ञापन जारी किया है. इसमें कहा गया है कि सफल आवेदक को हॉकी इंडिया/भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा 31 दिसंबर 2024 तक के अनुबंध पर रखा जायेगा, यानी एशियाई खेलों 2023 और पेरिस ओलंपिक खेलों 2024 तक. डाक से आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 फरवरी है. रीड का अनुबंध भी पेरिस खेलों तक था, लेकिन विश्व कप क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में भारत की विफलता के बाद यह समय से पहले समाप्त हो गया.
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संभावित उम्मीदवारों में पाकिस्तान के कोच सिगफ्रीड ऐकमैन एक हैं. पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन (PHF) के साथ वेतन का भुगतान न करने के कारण उनके संबंधों में खटास आयी है. यदि उस मुद्दे को सुलझाया नहीं जाता है, तो ऐकमैन पीएचएफ को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट में ले जायेंगे और काम के नये अवसरों की तलाश करेंगे. ऐकमैन ने जापान टीम के कोच के रूप में काफी समय बिताया है. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वह इस पद के लिए इच्छुक हैं.
विदेशी कोचों के बीच एक दिलचस्प पसंद शेन मैकलियोड होंगे. अगर वह मुख्य कोच की भूमिका के लिए आवेदन करने का फैसला करते हैं. उन्होंने 2018 विश्व कप और टोक्यो में ओलंपिक स्वर्ण जीताकर बेल्जियम को बुलंदियों तक पहुंचाया. मैकलियोड ने टोक्यो ओलंपिक के बाद बेल्जियम के मुख्य कोच के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी. वह मिशेल वैन डेन ह्यूवेल के सहायक के रूप में एक ब्रेक के बाद वापसी करने के लिए सहमत हुए. इस प्रकार, मैकलियोड बेल्जियम की टीम के साथ ओडिशा में थे.
उम्मीदवार की दौड़ में शामिल एक और नाम भारत के पूर्व कोच और उच्च प्रदर्शन निदेशक रोलेंट ओल्टमैंस हैं. ये वर्तमान में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में अकादमियों के सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं. ओल्टमैंस भी विश्व कप के दौरान ओडिशा में थे और उन्हें हॉकी इंडिया के अधिकारियों से बातचीत करते देखा गया था.
एक संभावित उम्मीदवार भारत के पूर्व कोच हरेंद्र सिंह हैं. लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि अमेरिकी सीनियर पुरुषों की राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच के रूप में नौकरी कर रहे हरेंद्र के लिए हॉकी इंडिया कितना खर्च कर सकता है. भारत के 2016 के जूनियर विश्व कप विजेता कोच हरेंद्र ने 2018 विश्व कप में भारत की सीनियर टीम को क्वार्टर फाइनल में पहुंचाया था. हरेंद्र भारतीय हॉकी पारिस्थितिकी तंत्र से परिचित हैं और एक विदेशी कोच के विपरीत, उन्हें खिलाड़ियों को परिचित कराने या जानने की जरूरत नहीं है.